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कांग्रेस ने त्रिवेंद्र सरकार को दिया सुझाव, कहा- प्रवासियों को रोजगार से जोड़ने के लिए किया जाए प्रशिक्षित

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Published : Jun 23, 2020, 10:46 PM IST

Updated : Jul 17, 2020, 5:24 PM IST

Dehradun
कांग्रेस ने दिया सुझाव, मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना से जोड़ने के लिए प्रवासियों को करें प्रशिक्षित

प्रवासियों को स्वरोजगार उपलब्ध कराने के लिए मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत सभी जिलों के लिए 110 करोड़ रुपए की धनराशि स्वीकृत की है. लेकिन कांग्रेस ने त्रिवेंद्र सरकार को कुछ सुझाव देते हुए कहा है लौटे प्रवासी को ब्लॉक, तहसील, और न्याय पंचायत स्तर पर जानकारी देने के साथ ही प्रशिक्षित किया जाना जरूरी है.

देहरादून: उत्तराखंड सरकार ने राज्य में लौटे प्रवासियों को स्वरोजगार उपलब्ध कराने के लिए मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत सभी जिलों के लिए 110 करोड़ रुपए की धनराशि स्वीकृत की है. लेकिन कांग्रेस ने त्रिवेंद्र सरकार को कुछ सुझाव देते हुए कहा है लौटे प्रवासी को राज्य सरकार की योजनाओं की कोई जानकारी नहीं है. जिन्हें ब्लॉक, तहसील, और न्याय पंचायत स्तर पर जानकारी देने के साथ ही प्रशिक्षित किया जाना जरूरी है. ताकि उन्हें मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना का लाभ मिल सके.

कांग्रेस ने त्रिवेंद्र सरकार को दिया सुझाव.

कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष जोत सिंह बिष्ट ने कहा कि प्रदेश के 13 जिलों में 11 लाख लोग पंजीकृत बेरोजगारों के रूप में रजिस्टर्ड थे.वहीं लॉकडाउन के बाद 5 लाख से अधिक प्रवासी अपने घरों की ओर लौटे, जिन्हें मिलाकर कुल 16 लाख लोग राज्य में है. जिन्हें रोजगार की सख्त आवश्यकता है. राज्य सरकार ने प्रवासियों को रोजगार मुहैया कराने के लिए 110 करोड़ रुपये जारी किए हैं. लेकिन बाहर से लौटे प्रवासियों को राज्य सरकार की योजनाओं की कोई जानकारी नहीं है.

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उन्होंने सुझाव देते हुए कहा कि राज्य सरकार को प्रवासियों के लिए ऐसी व्यवस्था बनानी चाहिए जिससे सरकार का प्रबंधन तंत्र क्षेत्र में लोगों को जानकारी देने के साथ ही उन्हें प्रशिक्षित करें. यदि इस दिशा में काम नहीं हुआ तो यह योजना मात्र कागजी योजना बनकर रह जाएगी और प्रवासी दर-दर भटकने को मजबूर होंगे.

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जोत सिंह बिष्ट का कहना है कि भले ही कुछ प्रवासी खेती बाड़ी में पारंगत होंगे और इस क्षेत्र से अपने करियर की शुरुआत भी कर लेंगे. लेकिनबाकी अन्य लोग जो खेती-बाड़ी नहीं कर सकते या फिर राज्य सरकार की योजनाओं को नहीं समझ पाए हों, वो मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना का लाभ उठाने से वंचित हो जाएंगे. ऐसे में राज्य सरकार को ब्लॉक तहसील न्याय पंचायत स्तर पर प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाने चाहिए, ताकि उन्हें योजनाओं की जानकारी मिलने के साथ ही उन्हें शिक्षित किया जा सके.

Last Updated :Jul 17, 2020, 5:24 PM IST
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