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मसूरी में कृषि कानूनों को लेकर कांग्रेस और बीजेपी आमने-सामने

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Published : Oct 7, 2020, 12:38 PM IST

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कांग्रेस और बीजेपी

केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों को लेकर कांग्रेस और बीजेपी आमने-सामने आ गए हैं. कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष जोत सिंह बिष्ट ने कहा कि प्रधानमंत्री इस बिल के माध्यम से किसानों को पूजीपतियों का गुलाम बनाना चाहते हैं.

मसूरी: केंद्र सरकार के नए कृषि कानूनों को लेकर कांग्रेस और बीजेपी आमने-सामने आ गए हैं. कांग्रेस प्रदेश उपाध्यक्ष जोत सिंह बिष्ट ने कहा कि प्रधानमंत्री इस बिल के माध्यम से किसानों को पूजीपतियों का गुलाम बनाना चाहते हैं. इससे कोरपोरेट घरानों को फायदा होगा. वहीं, बीजेपी विधायक गणेश जोशी का कहना है कि यह बिल किसानों के लिए फायदेमंद है और इससे खेती-किसानी को नया आयाम मिलेगा.

कृषि कानूनों को लेकर कांग्रेस और बीजेपी आमने-सामने.

नए कृषि कानूनों के विरोध में कांग्रेस उपाध्यक्ष जोत सिंह बिष्ट ने कहा कि इससे किसानों को भारी नुकसान हो सकता है. जिससे किसान बर्बादी के कगार पर पहुंच जाएंगे. कृषि सम्बन्धी इन विधेयकों को पारित करने से पहले कोई तैयारी नहीं की गई और इन्हें सरकार ने हड़बड़ी में तैयार कर किसानों पर थोपने का प्रयास किया हैय यही कारण है कि आज पूरे देश में इन कानूनों का विरोध हो रहा है. इससे लगता है कि किसानों के साथ लूट की व्यवस्था को वैश्विक व्यवस्था में बदलने के लिए कानूनों का सहारा लिया जा रहा है.

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वहीं, मसूरी से बीजेपी विधायक गणेश जोशी ने कृषि बिल का समर्थन करते हुए कहा कि बिल किसान हितैषी है इससे खेती-किसानी को नए आयाम मिलेंगे. उन्होंने कहा कि किसानों की आय को दोगुना करने के लक्ष्य को हासिल करने के लिहाज से यह एक बड़ा कदम है. देश की पचास प्रतिशत से अधिक आबादी कृषि क्षेत्र में कार्यरत है और देश की जीडीपी में इसका योगदान 12 प्रतिशत है. इसके बावजूद साठ सालों तक सरकारों द्वारा नीतिगत उपेक्षा के कारण कृषि क्षेत्र अपेक्षित विकास नहीं कर सका. नए विधेयक से किसानों को उनकी फसल का सही मूल्य मिलेगा। बिचैलियों से मुक्ति मिले, पारदर्शी और तकनीक युक्त सुगम बाजार मिलेगा.

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