देहरादून: मोदी पार्ट-2 के दो साल पूरे होने पर उत्तराखंड में भी सरकार के कामकाज को लेकर घमासान छिड़ा हुआ है. विपक्षी दलों ने सरकार को घेरना शुरू कर दिया है. केंद्र की मोदी सरकार दो साल को कोविड-19 रोकथाम के बेहतर प्रयास के रूप में प्रचारित प्रसारित कर रही है, तो कांग्रेस इस 2 साल को देश के लिए सबसे खराब हालात बता रही है.
यूं तो सरकारों के सालाना कार्यकाल पर तमाम कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, लेकिन इस बार मौका कोरोना संक्रमण का है. लिहाजा, इस बार ऐसा कोई कार्यक्रम देश भर की तरह उत्तराखंड में भी नहीं हुआ है. हालांकि, भाजपा की तरफ से रक्तदान शिविर जैसे कार्यक्रम जरूर चलाए गए. देखा जाए तो मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में कोरोना संक्रमण फैलने के कारण सरकार का पूरा फोकस महामारी पर रोकथाम को लेकर ही रहा.
मौजूदा हालात में अब भारतीय जनता पार्टी केंद्र के इसी प्रयास का गुणगान भी कर रही है. सरकार के शासकीय प्रवक्ता सुबोध उनियाल के मुताबिक देश में कोरोना संक्रमण बड़ी चुनौती लेकर आया और इस चुनौती से निपटने में ही केंद्र सरकार लगी रही. राज्य सरकारों द्वारा मांगी गई मदद को भी केंद्र ने पूरा किया है और बेहतर समन्वय के साथ संक्रमण पर रोकथाम के लिए केंद्र सरकार काम कर रही है.
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सरकार और भाजपा के ऐसे तर्कों से कांग्रेस सहमत नहीं है. कांग्रेस को लगता है कि न केवल मोदी पार्ट-टू के दो साल बल्कि पार्ट वन के 5 साल भी पूरी तरह से विफल रहे हैं. बेरोजगारी से लेकर आर्थिक स्थिति तक हालात खराब होते चले गए. उधर, दूसरे कार्यकाल में कोरोना पर रोकथाम को लेकर खराब निर्णय और व्यवस्थाओं के कारण लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी. यही नहीं राज्यों में भी केंद्र की मदद न मिलने के कारण स्थितियां खराब हुई.