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हेमकुंड साहिब के लिए श्रद्धालुओं का पहला जत्था रवाना, शबद कीर्तन में शामिल हुए सीएम धामी-राज्यपाल

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Published : May 19, 2022, 3:55 PM IST

Updated : May 19, 2022, 4:51 PM IST

सिखों के दसवें गुरु गोविंद सिंह की पवित्र तपोस्थली हेमकुंड साहिब के कपाट 22 मई को खुलेंगे. जिसके लिए आज ऋषिकेश से पहला जत्था रवाना हो चुका है. इस मौके पर राज्यपाल गुरमीत सिंह और सीएम पुष्कर धामी ऋषिकेश गुरुद्वारा साहिब पहुंचे. जहां उन्होंने गुरुद्वारे में मत्था टेका.

Gurudwara Shri Hemkund Sahib
ऋषिकेश गुरुद्वारा साहिब में राज्यपाल

ऋषिकेश: श्री हेमकुंड साहिब की ओर से ऋषिकेश गुरुद्वारा साहिब में एक कार्यक्रम का आयोजन किया. जिसमें राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल (रि) गुरमीत सिंह और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शिरकत की. जहां उन्होंने दरबार साहिब के सामने मत्था टेक अरदास की. इस दौरान उन्होंने हेमकुंड साहिब के लिए पहला जत्था भी रवाना किया.

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि चा धाम और हेमकुंड साहिब की यात्रा पर आने वाले सभी श्रद्धालुओं की सुविधा और व्यवस्था का सरकार पूरा ख्याल रखेगी. श्रद्धालु केवल यात्रा मार्ग पर जाने से पहले अपने पंजीकरण और दर्शनों के लिए स्लॉट बुक करने का ध्यान रखें. सरकार मई-जून ही नहीं बल्कि, जुलाई-अगस्त-सितंबर-अक्टूबर तक देश के हर श्रद्धालु को धामों के दर्शन सुविधाजनक रूप से कराने के लिए कटिबद्ध है. उन्होंने कहा कि गोविंदघाट से हेमकुंड साहिब धाम के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार की ओर से प्रस्तावित रोपवे का प्रोजेक्ट राज्य सरकार जल्द से जल्द शुरू करेगी.

हेमकुंड साहिब के लिए श्रद्धालुओं का पहला जत्था रवाना.

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राज्यपाल गुरमीत सिंह ने हेमकुंड साहिब धाम की यात्रा के शुभारंभ पर गुरुद्वारा हेमकुंड साहिब ट्रस्ट के सभी पदाधिकारियों को बधाई और शुभकामनाएं दी. उन्होंने कहा कि इस बार हेमकुंड साहिब धाम की यात्रा ऐतिहासिक होगी. देश के कोने-कोने से सिख श्रद्धालु हेमकुंड साहिब धाम के दर्शनों के लिए उतावले हैं. कोरोना काल के दौरान पिछले दो सालों तक श्रद्धालु हेमकुंड साहिब धाम के दर्शन नहीं कर सके. एक बार यात्रा चाहे श्री हेमकुंड साहिब धाम की हो या चारों धाम की, निर्विघ्न रुप से चलें इसके लिए सरकार प्रयासरत है और गुरु घर की कृपा भी बनी रहेगी, इसकी अरदास की गई है.

हेमकुंड साहिब के कपाट 22 मई को खुलेंगेः बता दें कि 22 मई को हेमकुंड साहिब के कपाट खुलने हैं. जिसकी सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है. आज ऋषिकेश से हेमकुंड साहिब के लिए पहला जत्था रवाना हो गया है. सरकार और गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब मैनेजमेंट ट्रस्ट ने इस बार हेमकुंड साहिब में श्रद्धालुओं की संख्या भी निर्धारित की है. ऐसे में इस बार एक दिन में 5000 श्रद्धालु हेमकुंड साहिब में मत्था टेक सकेंगे.

हेमकुंड यात्रा रजिस्ट्रेशन: हेमकुंड साहिब यात्रा पर आने वाले सभी यात्रियों को ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से अपना रजिस्ट्रेशन करवा सकते हैं. रजिस्ट्रेशन सभी के लिए अनिवार्य होगा. इसके लिए उत्तराखंड पर्यटन की वेबसाइट पर जाकर अपना रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं. श्रद्धालुओं को पर्यटन विभाग की वेबसाइट registrationandtouristcare.uk.gov.in के जरिए पंजीकरण कराना होगा.

श्रद्धालु मोबाइल एप्लीकेशन Tourist Care Uttarakhand के जरिए भी रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं. श्री हेमकुंड साहिब गुरुद्वारा मैनेजमेंट ट्रस्ट के उपाध्यक्ष नरेंद्र जीत सिंह बिंद्रा की मानें तो अगर कोई यात्री किसी भी वजह से अपना ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन (Hemkund Sahib registration) नहीं करवा सकते, वो हेमकुंड गुरुद्वारा ऋषिकेश में उपस्थित होकर अपना ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन बिना किसी परेशानी के करवा सकते हैं.

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गौर हो कि हेमकुंड साहिब में सिखों के दसवें और अंतिम गुरु, गुरु गोविंद सिंह ने तपस्या की थी. हेमकुंड साहिब विश्वभर में सबसे ऊंचाई पर स्थित गुरुद्वारा है, जो समुद्र तल से 15,225 फीट की ऊंचाई पर स्थित है. इस पावन स्थल के पास हिंदू धर्म का भी एक प्रमुख मंदिर है, जो हेमकुंड साहिब की बर्फिली वादियों व हेमकुंड झील के तट पर बसा लक्ष्मण मंदिर है, जो लोकपाल मंदिर के नाम से भी जाना जाता है.

Last Updated : May 19, 2022, 4:51 PM IST
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