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विधानसभा चुनाव से ठीक पहले CM धामी ने खेला पेंशन कार्ड, सुनिए 96 वर्षीय आंदोलनकारी की व्यथा

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Published : Nov 9, 2021, 3:34 PM IST

Updated : Nov 9, 2021, 7:50 PM IST

उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 ठीक पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पेंशन कार्ड खेला है. सीएम धामी ने राज्य आंदोलनकारियों की पेंशन बढ़ाकर उन्हें खुश करने का प्रयास किया. लेकिन, कुछ आंदोलनकारी सरकार की इस घोषणा से खुश नजर नहीं आ रहे हैं.

CM Pushkar Singh Dhami
CM Pushkar Singh Dhami

देहरादून: मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने उत्तराखंड 22वें राज्य स्थापना दिवस के मौके पर चुनावी कार्ड खेलते हुए राज्य आंदोलनकारियों की पेंशन वृद्धि का तोहफा दिया है. मुख्यमंत्री ने राज्य आंदोलनकारियों की मासिक पेंशन को ₹3100 प्रतिमाह से बढ़ाकर ₹5 हजार कर दिया है, साथ ही जिन आंदोलनकारियों ₹5 हजार पेंशन मिलती है, उनको अब प्रतिमाह ₹6 हजार रुपए पेंशन देने की घोषणा की है.

मुख्यमंत्री की इस घोषणा के बाद राज्य में लगभग साढ़े छः हजार से 8 हजार तक चिंहित आंदोलनकारियों लाभान्वित हुए है. साल 2022 विधानसभा चुनाव से ठीक पहले आंदोलनकारियों की पेंशन वृद्धि को चुनावी कार्ड के रूप में देखा जा रहा. हालांकि, कुछ वरिष्ठ आंदोलनकारियों की मुताबिक पेंशन बढ़ाना जरूर राहत की बात है लेकिन अलग-अलग सरकारों द्वारा आंदोलनकारियों को दी जाने वाली सुविधाओं के आश्वासन का आज तक कुछ अता पता नहीं है.

सुनिए 96 वर्षीय आंदोलनकारी की व्यथा.

किसी भी सरकार ने नहीं दिया ध्यान: उत्तरकाशी निवासी 96 वर्षीय स्वतंत्रता सेनानी व राज्य आंदोलनकारी चिन्द्रिया लाल राही की मानें तो राज्य आंदोलनकारियों के मान सम्मान में किसी भी सरकार का ध्यान अब तक नहीं गया है. राही के मुताबिक खुद उनको पहले बीजेपी सरकार और फिर उसके बाद कांग्रेसी सरकार के कार्यकाल में तत्कालीन मुख्यमंत्रियों ने देहरादून में 100 गज का प्लॉट और उत्तरकाशी ब्रह्मखाल के ग्राम जुणगा में 13 लाख रुपए का सामुदायिक केंद्र बनाने की घोषणा की गई थी लेकिन आज तक इन दोनों ही आश्वासन का कोई अता पता नहीं है, जबकि इन घोषणाओं के बारे में वह शासन प्रशासन से कई बार गुहार लगा चुके हैं.

धरातल पर औपचारिकताएं: इतना ही नहीं, चिन्द्रिया लाल राही के मुताबिक साल 2009 बीजेपी सरकार में मुख्यमंत्री रहे डॉ. रमेश पोखरियाल को प्रार्थना पत्र देते हुए अपने उत्तरकाशी के दूरस्थ क्षेत्र ग्राम जुणगा तहसील डुंडा में शिक्षा व स्वास्थ्य जैसी मूल सुविधाओं के लिए अपील की गई थी. इस प्रार्थना पत्र में मुख्यमंत्री के आदेश उपरांत शासन से कई तरह की औपचारिकताएं पूरी करने के बावजूद आज तक उनके क्षेत्र में शिक्षा और स्वास्थ्य मूल सुविधाओं का अभाव है, जबकि तत्कालीन मुख्यमंत्री ने संघ द्वारा इस मांग पर मंजूरी मिल चुकी थी लेकिन इस पर अब तक कोई सुनवाई धरातल पर नहीं हुई है.

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राज्य आंदोलनकारी शहीद स्थल पहुंचे CM: देहरादून में राज्य स्थापना दिवस पर कई लोक लुभावनी घोषणा करने के बाद मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों को 22वें राज्य स्थापना दिवस की शुभकामनाएं और बधाई दी है. उन्होंने कहा है कि डबल इंजन की सरकार केंद्र की मदद से राज्य में कई विकास कार्य योजनाओं को आगे बढ़ाने में जुटी है. देहरादून पुलिस लाइन में स्थापना दिवस कार्यक्रम संपन्न होने के बाद मुख्यमंत्री देहरादून के कहचरी स्थित राज्य आंदोलनकारी शहीद स्थल पहुंचे, जहां उन्होंने शहीदों को माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी.

इस मौके पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि राज्य आंदोलनकारियों की मांगों पर लगातार उनके सरकार काम कर रही है और आगे भी करती रहेगी. आगामी विधानसभा चुनाव से ठीक पहले राज्य आंदोलनकारियों की सुध लेने को चुनावी पैंतरे बाजी और आंदोलनकारियों को खुश करने के रूप में देखा जा रहा है.

Last Updated :Nov 9, 2021, 7:50 PM IST
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