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देहरादून बिल्डर सुसाइड केस: कभी इन आरोपियों की वजह से गिर गई थी साउथ अफ्रीका की सरकार, ये मामले भी रहे चर्चाओं में - Ajay and Anil Gupta Controversy

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : May 25, 2024, 9:03 PM IST

Updated : May 25, 2024, 10:50 PM IST

Businessman Ajay and Anil Gupta Controversy बिजनेसमैन अजय व अनिल गुप्ता पहली बार सुर्खियों में नहीं आए हैं. इससे पहले भी वो तमाम मामलों को लेकर सुर्खियों में बने रहे. लेकिन अपनी पहुंच की वजह से उन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. लेकिन इस बार सतेंद्र सिंह साहनी सुसाइड केस ने उन्हें सलाखों के पीछे पहुंचा दिया है.

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देहरादून (उत्तराखंड): उत्तराखंड के नामी बिल्डर सतेंद्र सिंह साहनी सुसाइड केस में पुलिस ने बीते दिन नामी बिजनेसमैन अजय व अनिल गुप्ता को गिरफ्तार किया था. जिसके बाद पुलिस ने बिजनेसमैन अजय व अनिल गुप्ता को कोर्ट में पेश किया. वहीं कोर्ट ने दोनों आरोपी अजय गुप्ता और अनिल गुप्ता (दोनों रिश्तों में जीजा-साले हैं) को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है. वो पहली बार चर्चाओं में नहीं आए हैं, इससे पहले वो दक्षिण अफ्रीका की सरकार को भी हिला चुके हैं.

हमेशा चर्चाओं में रहे गुप्ता बंधु: वहीं अजय व अनिल गुप्ता की गिनती पावरफुल बिजनेसमैन में गिनती होती है. उनकी पावर का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि अपने फायदे के लिए उन्होंने दक्षिण अफ्रीका में जो कुछ किया, उसके बाद दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति को इस्तीफा देना पड़ गया था. बावजूद उसके दक्षिण अफ्रीका से लेकर सहारनपुर, देहरादून और दुबई तक इनका कारोबार फैला है. गुप्ता बंधु (दोनों रिश्तों में जीजा-साले हैं) हमेशा से ही किसी न किसी वजह से उत्तराखंड में चर्चा में रहे हैं. वैसे तो उनकी चर्चा मसूरी में शादी और साउथ अफ्रीका में राष्ट्रपति के इस्तीफा के बाद हुई थी. लेकिन कुछ ऐसे भी किस्से हैं, जिनमें उनकी खूब फजीहत हुई. यह पहला मामला है जब देहरादून में उनकी गिरफ्तारी हुई है, लेकिन इससे पहले वो कई बार पुलिस को हनक दिखाते दिखाई दिए.

Businessman Ajay and Anil Gupta Controversy
जानिए कौन हैं बिजनेसमैन गुप्ता बंधु (फोटो- ईटीवी भारत ग्राफिक्स)

सीएम के हेलीकॉप्टर जाते ही उतरा था हेली: मामला आज से लगभग 9 साल पहले का है, जब उत्तराखंड में कांग्रेस की सरकार थी. वैसे तो कहा जाता है कि हर सरकार में इन गुप्ता बंधुओं का सिक्का चलता है. लेकिन उस दौरान भारत में और खासकर उत्तराखंड में उनके नाम का डंका बज रहा था. तब साल 2015 के दौरान हरिद्वार के दयानंद स्टेडियम में अचानक से मुख्यमंत्री हरीश रावत के हेलीकॉप्टर उड़ने के बाद एक और हेलीकॉप्टर लैंड करता है. वहां पर मौजूद प्रशासन को यह लगता है कि मुख्यमंत्री दोबारा वापस आ गए हैं. पूरी फोर्स और प्रशासन में हड़कंप मच जाता है, लेकिन पुलिस और प्रशासन तब सकते में आ जाता है, जब हेलीकॉप्टर में मुख्यमंत्री नहीं बल्कि कोई और होते हैं.

हेली की परमिशन नहीं दिखा पाए थे: तब यह मालूम होता है कि गुप्ता बंधुओं ने बिना परमिशन के हेलीकॉप्टर को ठीक उसी हेलीपैड पर उतार दिया था, जहां से कुछ देर पहले ही तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत का हेलीकॉप्टर उड़ा था. क्षेत्र कनखल थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने की वजह से उस वक्त कनखल कोतवाली प्रभारी हेलीकॉप्टर की परमिशन मांगते रहे, लेकिन कारोबारियों ने अपनी शोहरत दिखाते हुए परमिशन तक नहीं दिखाई. लिहाजा पुलिस को संतोषजनक जवाब ना मिलने की वजह से उन्हें कनखल थाना चलने के लिए कहती हैं. लेकिन तमाम आनाकानी के बाद जब गुप्ता बंधु चलने के लिए तैयार नहीं होते, तब कोतवाल पुलिस की गाड़ी में बैठकर उन्हें कनखल थाने ले आते हैं. तब तक ऐसा ही लग रहा था कि इतनी बड़ी लापरवाही करने के आरोप में पुलिस गुप्ता बंधुओं को हवालात में डाल देगी. लेकिन कुछ घंटे के बाद कनखल कोतवाली का नजारा बदल जाता है.

देर रात को थाने से भेजा था बहार: वहीं हरिद्वार के एक बड़े संत गुप्ता बंधुओं को छुड़ाने के लिए कोतवाली कनखल पहुंच जाते हैं. संत को देखकर भी जब कोतवाली प्रभारी गुप्ता बंधुओं को नहीं छोड़ते, जिसके बाद मामले की जांच की जाती है, जांच में मालूम होता है कि हेलीकॉप्टर उतारने की परमिशन तो थी, लेकिन सिटी मजिस्ट्रेट कार्यालय से वह परमिशन कनखल कोतवाली नहीं पहुंची. हालांकि बाद में सरकार इस लापरवाही के चलते तत्कालीन सिटी मजिस्ट्रेट केके मिश्रा का तबादला कर देती है.

कुंभ मेले में पुलिस को दी धमकी: हरिद्वार में ही इस परिवार की दबंगई तब भी देखने को मिली थी, जब साल 2021 कोविडकाल के दौरान कुंभ मेले में काफी अधिक प्रतिबंध लगाए गए थे. भीड़भाड़ वाले क्षेत्र में पुलिस व्यवस्था इस तरह से थी कि श्रद्धालुओं को परेशानी ना हो, लेकिन गुप्ता बंधु कुंभ मेले में हर की पैड़ी पर स्नान करने के लिए अपने पूरे गाड़ी के काफिले को हरिद्वार जीरो जोन तक ले गए थे. इतना ही नहीं कुंभ मेले में हर की पैड़ी पर पुलिस के साथ विवाद होने के बाद इस परिवार ने पुलिस को भी धमकी तक दे दी थी.

पुलिस की गिरफ्त में गुप्ता बंधु: इसके बाद तमाम विवाद खड़ा हुआ और बाद में यह मामला जांच तक पहुंच गया था. बाद में हरिद्वार कुंभ मेला पुलिस ने इस पूरे मामले की जांच तो बैठाई, लेकिन जांच के क्या हुआ, मामला कुंभ मेला खत्म होने के बाद मामला ठंडे बस्ते में चला गया. शादी का मामला हो या हरिद्वार के ये दो मामले रहे हो, पुलिस ने भले ही कोई एक्शन ना लिया हो, लेकिन इस बार देहरादून में बिल्डर की मौत के बाद गुप्ता बंधु पुलिस की गिरफ्त में आ चुके हैं. जिन्हें आज न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. वहीं सरकार ने दोनों को जेड सुरक्षा दे रखी थी.

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Last Updated : May 25, 2024, 10:50 PM IST
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