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4600 ग्रेड पे को लेकर आखिरकार नहीं बनी बात! मंत्रिमंडल करेगा अंतिम फैसला

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Published : Aug 16, 2021, 3:52 PM IST

Updated : Aug 16, 2021, 8:35 PM IST

उत्तराखंड पुलिस ग्रेड पे मामले पर उपसमिति की यह तीसरी बैठक थी. इससे पहले दो बैठकें हो चुकी हैं. अब तीसरी बैठक में आखिरकार पुलिसकर्मियों की मांग पर आखिरी फैसला लिया गया. खास बात यह है कि अगली कैबिनेट तक पुलिसकर्मियों के इस मामले को मंत्रिमंडल के समक्ष रखा जाएगा.

Uttarakhand Police
उत्तराखंड पुलिस

देहरादून: उत्तराखंड पुलिस ग्रेड पे मामले पर आखिरकार मंत्रिमंडलीय उपसमिति ने अपना फाइनल निर्णय ले लिया है. इस मामले पर अब जल्द ही उप समिति रिपोर्ट तैयार करेगी और कैबिनेट में रखेगी. प्रदेश में पुलिसकर्मियों की 4600 ग्रेड पे की मांग को लेकर मंत्रिमंडलीय उपसमिति ने आज 16 अगस्त को अपनी तीसरी बैठक की. बैठक में कैबिनेट मंत्री सुबोध उनियाल की अध्यक्षता में तमाम अधिकारियों ने पुलिसकर्मियों के ग्रेड पे पर चर्चा की. इस दौरान मंत्रिमंडल ने सभी पहलुओं को देखते हुए अपना अंतिम निर्णय ले लिया.

बता दें कि उपसमिति की यह तीसरी बैठक थी, इससे पहले दो बैठकें हो चुकी हैं. अब तीसरी बैठक में आखिरकार पुलिसकर्मियों की मांग पर आखिरी फैसला लिया गया. खास बात यह है कि अगली कैबिनेट तक पुलिसकर्मियों के इस मामले को मंत्रिमंडल के समक्ष रखा जाएगा.

उत्तराखंड पुलिस ग्रेड पे विवाद पर उप समिति की रिपोर्ट तैयार

ईटीवी भारत के सूत्र बताते हैं कि इस बैठक में पुलिसकर्मियों के 4,600 ग्रेड पे को लेकर बात नहीं बन पाई है और तमाम दिक्कतें और ग्रेड पे के चलते पुलिस कर्मियों को 4,600 ग्रेड पे मिलना मुश्किल दिख रहा है. जानकारी के अनुसार एक तरफ सरकार को बाकी विभागों से भी बढ़े हुए ग्रेड पे की मांग उठने की आशंका नजर आ रही है. दूसरी तरफ वित्त के लिहाज से भी सरकार पर बड़ा बोझ पड़ने के कारण इस मांग का पूरा होना मुश्किल दिख रहा है. बहरहाल, रिपोर्ट अभी कैबिनेट में रखी जानी है, उसके बाद कैबिनेट को ही अंतिम निर्णय लेना है.

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यहां से शुरू हुआ विवाद: उत्तराखंड पुलिस में सिपाहियों को 4,600 ग्रेड पे के विवाद का बीज सात साल पहले ही पड़ा गया था. विवाद ग्रेड पे दिए जाने की समय सीमा में बदलाव को लेकर हुआ. पहले 8,12 और 22 साल का प्रावधान था. लेकिन जैसे ही सिपाहियों के पहले बैच को 12 साल होने को आए इसे बदल दिया गया.

यही नहीं, इसके बाद इसमें बदलाव किया गया और जब फिर से नंबर आया तो 2,800 ग्रेड पे दिए जाने की बात शुरू हो गई. विवाद इतना बढ़ा कि बात विरोध प्रदर्शन तक पहुंच गई.

2001 में हुई थी पहली भर्ती: उत्तराखंड गठन के बाद राज्य में पहली बार साल 2001 में सिपाहियों की भर्ती हुई थी. उस समय पदोन्नति के लिए तय सीमा 8,12 और 22 साल थी. उत्तराखंड पुलिस में भर्ती के समय सिपाहियों का ग्रेड पे 2,000 होता है. इसके 8 साल बाद उन्हें 2,400, 12 साल बाद 4,600 और 22 साल की सेवा के बाद 4,800 दिए जाने का प्रावधान था. अब 2013 में पहले बैच के सिपाहियों को 4,600 रुपए के ग्रेड पे का लाभ मिलना था. लेकिन उससे पहले ही सरकार ने समय-सीमा में बदलाव कर दिया.

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सरकार ने समय सीमा में किया बदलाव: 2013 में तत्कालीन सरकार ने ग्रेड पे को लेकर नई नीति बनाई थी. इसके तहत अब यह लाभ उन्हें 10,16 और 26 साल के आधार पर मिल रहा है. ऐसे में पहले बैच के सिपाहियों को 2017 में 4,600 ग्रेड पे का लाभ मिलना था, लेकिन उससे पहले ही समय-सीमा का स्लैब बढ़ाकर 10, 20 और 30 कर दिया गया.

ग्रेड पे घटाने का विरोध: इस हिसाब से साल 2001 बैच के सिपाहियों को 4,600 ग्रेड पे का लाभ दिया जाना था, लेकिन पिछले दिनों शासन ने ग्रेड पे को ही घटा दिया. ऐेसे में सिपाहियों का कहना है कि जब-जब उनका नंबर आया तब नियम बदलकर उनके साथ धोखा किया गया.

सिपाहियों को होगा भारी नुकसान: पहले बैच के सभी सिपाहियों की 20 साल की सेवा पूरी हो चुकी है. हालांकि उन्हें पहले ग्रेड पे 2,400 का लाभ तो 11 साल पहले ही मिल गया था. लेकिन जैसे ही उनके 20 साल पूरे हुए तो अब उन्हें 4,600 की जगह 3,800 ग्रेड पे के हिसाब से वेतन मिल रहा है. इस तरह यदि उन्हें 2,800 ग्रेड पे दिया जाता है तो उन्हें वेतन में भारी नुकसान होगा.

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सरकार के निकाला था बीच का रास्ता: पुलिसकर्मियों के भारी विरोध के बाद सरकार ने बीच का रास्ता निकालने का भी प्रयास किया था. सरकार ने 4,600 की जगह 4,200 ग्रेड पे के साथ एएसआई ( सहायक सब इंस्पेक्टर) का पद देने पर विचार किया था, लेकिन इस पर सिपाही राजी नहीं हुए थे.

सिपाहियों का कहना है कि इससे भी उन्हें भारी आर्थिक नुकसान होगा. यही नहीं यह व्यवस्था तकनीकी रूप से भी ठीक नहीं है, लिहाजा सरकार इसमें कभी भी पलट सकती है.

4,200 ग्रेड पे पर सिपाहियों का डर: सिपाहियों का कहना है कि यह व्यवस्था पूरे देश में कहीं नहीं है. 4,200 के साथ किसी भी राज्य में पुलिस में एएसाई का पद नहीं है. यह पद केवल 2,800 ग्रेड पे के साथ में होता है. ऐसे में डर है कि नियमों का हवाला देते हुए सरकार इसे कभी भी पलट सकती है.

तो फिर दरोगा का भी 4,200 ग्रेड पे करे सरकार: वेतन विसंगति को लेकर सिपाहियों के भी अलग तर्क हैं. इनमें सिपाहियों का कहना है कि 20 साल की सेवा के बाद दरोगा का ग्रेड पे उन्हें दिया जाता था. अब यदि सरकार उन्हें 4,200 ग्रेड पे दे रही है, तो दरोगाओं का भी ग्रेड इसके समान ही कर देना चाहिए.

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उत्तर प्रदेश का वेतनमान लागू करेगी सरकार? पुलिस जवानों के ग्रेड पे की समस्या के समाधान के लिए सरकार दूसरे राज्यों के पुलिस कर्मचारियों के वेतनमान का तुलनात्मक अध्ययन कर रही है. दिल्ली और हरियाणा पुलिस में 2,800 ग्रेड वेतनमान का भी प्रावधान है, जबकि उत्तर प्रदेश के ग्रेड वेतन में उत्तराखंड से काफी समानता है. सूत्र बता रहे हैं कि सरकार यूपी पुलिस का वेतनमान अपना सकती है.

राज्य आरक्षीमुख्य आरक्षीसहायक उपनिरीक्षकउपनिरीक्षक निरीक्षक
उत्तराखंड2000240046004800
यूपी 20002400 42004600
हिमाचल190024003000 4600 4800
पंजाब1900240042004600
दिल्ली पुलिस20002400280042004600
हरियाणा 20002400280042004600

(नोट: उत्तराखंड का ग्रेड वेतन 2016 तक के हैं)

नाराजगी की मुख्य वजह: 2016 तक प्रदेश के पुलिस कर्मचारियों को अपने सेवाकाल के दौरान एमएसीपी व्यवस्था के तहत 2400, 4600 और 4800 ग्रेड पे की तीन वेतन वृद्धि की सुविधा थी. सातवें वेतन आयोग की सिफारिश लागू होने के बाद ये 2400, 2800 और 4200 में तब्दील हो गई. वित्त विभाग ने 2800 ग्रेड पे का नया स्केल शामिल किया और तीसरी वेतन वृद्धि 4200 कर दी. यही पुलिस कर्मचारियों की नाराजगी की प्रमुख वजह है.

क्या समाधान निकलेगा?: अब प्रश्न यह है सरकार ग्रेड वेतन की पहेली का क्या समाधान निकालेगी. सूत्रों के मुताबिक, मंत्रिमंडलीय उपसमिति कोई बीच का रास्ता निकाल सकती है. मिसाल के तौर पर सरकार 2,800 ग्रेड वेतन को हटा सकती है और उसके स्थान 4200 ग्रेड वेतन कर सकती है. ऐसे में पुलिस कर्मियों को 4800 ग्रेड वेतन का लाभ मिल जाएगा.

जनवरी 2017 से लागू एमएसीपी व्यवस्था

पदनामसीधी भर्तीपहली पदोन्नतिदूसरीतीसरी
पुलिस कांस्टेबल2000 2400 28004200

31 दिसंबर 2016 तक लागू एसीपी व्यवस्था

पदनामसीधी भर्तीपहली पदोन्नतिदूसरीतीसरी
पुलिस कांस्टेबल2000 240046004800

(नोट : धनराशि विभिन्न ग्रेड पे की. पुलिस फोर्स के ढांचे में 2800 और 4200 का पद सृजित नहीं है)

Last Updated : Aug 16, 2021, 8:35 PM IST
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