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सरकार के गले की हड्डी बना पुलिस जवानों का ग्रेड पे, HC जा सकता है मामला

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Published : Jul 21, 2021, 4:59 PM IST

Updated : Jul 21, 2021, 5:53 PM IST

उत्तराखंड में पुलिस जवानों के ग्रेड पे का मामला हाईकोर्ट पहुंच सकता है. 25 जुलाई को प्रभावित पक्ष देहरादून में एक सभा का आयोजन करने वाला है.

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सरकार के गले की हड्डी बना पुलिस जवानों के ग्रेड पे मामला

देहरादून: उत्तराखंड पुलिस विभाग में 20 वर्ष से सेवारत पुलिस जवानों का 4600 ग्रेड पे का मामला राज्य सरकार के लिए अब गले की हड्डी बनता जा रहा है. ग्रेड पे से प्रभावित होने वाले पुलिस वालों के परिजन 25 जुलाई को देहरादून में एक सभा आयोजित करने वाले हैं. इसे रोकने के लिए प्रयास भी किये जा रहे हैं. वहीं, प्रभावित पक्ष का कहना है अगर जनसभा को नहीं होने दिया जाता है तो ऐसे में वे हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते हैं.

राज्य में होने वाले आगामी 2022 विधानसभा चुनाव से पहले आये इस मुद्दे को क्षेत्रीय पार्टी यूकेडी सहित मुख्य विपक्ष दल एजेंडा बनाकर सड़कों पर ला सकते हैं. उधर 4600 के ग्रेड पे को 2800 करने से प्रभावित होने वाले पुलिसकर्मियों के परिजन अब हताश होकर 25 जुलाई को देहरादून में एकत्र होकर सामूहिक सभा का आयोजन करने जा रहे हैं. हालांकि राज्य सरकार की ओर से इसे रोकने की कवायद भी तेज कर दी गई है.

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जानकारी मिल रही है कि अगर ग्रेड पे को लेकर की जाने वाली जनसभा को नहीं होने दिया जाता है, तो प्रभावित पक्ष हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटा सकता है. अगर ऐसा हुआ तो इस मामले में सरकार की किरकिरी होना तय है.

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वहीं, इस मसले पर कानूनी जानकारों की मानें तो यह राज्य के लिए बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि प्रदेश में 24 घंटे कानून व्यवस्था संभालने वालों को ही उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाना पड़ रहा है. जानकारों के मुताबिक हाईकोर्ट जरूर इस अन्याय पूर्ण मामले को सुनकर न सिर्फ सरकार से जवाब-तलब कर सकता बल्कि प्रभावित जवानों के पक्ष में सकारात्मक रुख भी दे सकता है.

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वर्ष 2001-02 बैच के पुलिस जवानों का है मामला: बता दें राज्य बनने के बाद 2001 और 2002 में भर्ती पुलिस जवानों को 20 साल सेवा उपरांत सब-इंस्पेक्टर प्रमोशन न मिलने के चलते उन्हें इसी रैंक के आधार पर 4600 ग्रेड पे मिलने से संतुष्टि थी. क्योंकि 2001 में भर्ती हुए जवानों को इसी साल आगामी अक्टूबर माह में 20 साल सेवारत का समय हो जाएगा. वर्ष 2002 बैच के जवानों को आगामी 2022 अप्रैल में 20 वर्ष सेवा देने का समय पूरा हो जाएगा. लेकिन राज्य सरकार इस नियम को बदलकर सब-इंस्पेक्टर की जगह संबंधित पुलिस जवानों को 4600 ग्रेड पे की जगह ASI पद के अनुसार 2800 ग्रेड पे देने का मन बना रही है.

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इससे प्रभावित होने वाले जवानों को लगभग अपने वेतनमान में ₹18,000 का घाटा होने की आशंका जताई गई है. ऐसे में यह मामला सामने आने के बाद से ही वर्ष 2001-02 बैच के लगभग 3000 पुलिस जवानों में नाराजगी और आक्रोश अंदर ही अंदर पनप रहा है. ऐसे में अगर राज्य सरकार द्वारा जल्द ही इस पर सकारात्मक निर्णय नहीं लिया गया तो सम्भावित देश का यह पहला मामला होगा जब कानून के रखवाले अपने अधिकारों के लिए सड़क से लेकर कोर्ट तक पहुंच सकते हैं.

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ग्रेड पे घटाने के मामले में उत्तराखंड बार काउंसिल के सदस्य अधिवक्ता चंद्रशेखर तिवारी की मानें तो राज्य में 20 साल से सेवारत जवानों के ग्रेड पर घटाने का मामला बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है. इस मसले पर जिस तरह से सरकार का रवैया सामने आ रहा है, उससे यह साफ जाहिर होता है कि शासन में बैठ सरकार की नीति बनाकर प्रदेश चलाने वाले आलाधिकारी ऐसी ऐसी नौबत आने तक कितनी गहरी नींद में हैं.

अधिवक्ता चंद्रशेखर के मुताबिक मामला बेहद ही संवेदनशील है. राज्य सरकार को जल्द से जल्द इसमें सकारात्मक रुख दिखाना होगा. अगर ग्रेड पे से प्रभावित पुलिस जवानों का पक्ष हाईकोर्ट जाता है तो यह उनका अधिकार है. उच्च न्यायालय इस मामले की सुनवाई कर जरूर पीड़ित पक्ष के लिए ना सिर्फ़ सकारात्मक निर्णय दे सकता है, बल्कि सरकार के नुमाइंदों से भी कड़े शब्दों में जवाब-तलब कर सकता है.

Last Updated : Jul 21, 2021, 5:53 PM IST
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