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उत्तराखंड में बाल वाटिका NEP को देंगी नई पहचान, शिक्षा ऐसे चढ़ेगी परवान

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Published : Jul 26, 2022, 1:39 PM IST

उत्तराखंड सरकार ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत निजी स्कूलों की तर्ज पर बाल वाटिका की शुरुआत कर दी है. ऐसे में ईटीवी भारत की टीम ने देहरादून जनपद के सहसपुर विकासखंड स्थित झाझरा के आंगनबाड़ी केंद्र की बाल वाटिका की स्थित का जाएजा लिया.

Baal vatika in uttarakhnad
बाल वाटिका

देहरादून: उत्तराखंड राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू करने वाला देश का पहला राज्य बन चुका है. जिसके तहत निजी स्कूलों के प्ले ग्रुप की तर्ज पर प्रदेश के करीब साढ़े चार हजार आंगनबाड़ी केंद्रों में बाल वाटिका शुरू की गई है. बेसिक शिक्षा में सुधार लाने के लिए बाल वाटिका में नर्सरी, एलकेजी और यूकेजी कक्षाएं संचालित की जाएंगी.

प्रदेश सरकार और शिक्षा विभाग ने महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग के साथ मिलकर आंगनबाड़ी केंद्रों में बाल वाटिका को एक माह के भीतर प्रथम चरण में सभी 4 हजार 447 आंगनबाड़ी केंद्रों में शुरू करने का लक्ष्य रखा है. वहीं, प्रदेश सरकार और शिक्षा मंत्री ने दावा किया है कि एक माह के भीतर बाल वाटिकाओं को नया रूप दिया जाएगा. साथ ही 2030 तक हर स्तर पर लागू किया जाएगा.

बाल वाटिका NEP को देंगी नई पहचान

नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत यह कितना कारगर साबित हुआ है, इस संबंध में ईटीवी भारत की टीम ने देहरादून जनपद के सहसपुर विकासखंड स्तिथ झाझरा के आंगनबाड़ी केंद्र की बाल वाटिका की स्थिति का जायजा लिया.

बाल वाटिका की जिम्मेदारी संभाल रही कार्यकत्रियों ने बताया कि बाल वाटिका बनने के बाद केंद्र को डिजिटल किया गया है. साथ ही बच्चों को उम्र के हिसाब से पढ़ने के लिए सिलेबस भी दिया गया है. जिसको देखते हुए अभिभावक भी उत्साहित नजर आ रहे हैं. शिक्षा विभाग की अधिकारियों ने कहा था कि बाल वाटिकाओं की कक्षाओं के लिए आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा, लेकिन अभी तक इनको प्रशिक्षण नहीं दिया गया है. बच्चों के मानसिक विकास के लिए तमाम जरूरी चीजें मुहैया करा दी गई हैं.
पढ़ें- नई शिक्षा नीति लागू करने वाला पहला राज्य होगा उत्तराखंड, आंगनबाड़ी केंद्रों में लगेगी बाल वाटिका

अभ्यास पुस्तिकाएं भी दी गईं: आंगनबाड़ी केंद्रों में बाल वाटिका कक्षाओं में बच्चों को नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत पढ़ाने के लिए राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) ने पाठ्यक्रम में आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं व शिक्षकों के लिए हस्त पुस्तिका और बच्चों के लिए तीन अभ्यास पुस्तिकाएं (स्वास्थ्य, संवाद एवं सृजन) तैयार की हैं.

प्रदेश के प्राथमिक स्कूल परिसर में 4,447 आंगनबाड़ी केंद्र चल रहे हैं. इन केंद्रों में प्री प्राइमरी से कक्षाओं को शुरू कर छात्र-छात्राओं को कक्षा एक के लिए तैयार किया गया है. शिक्षा विभाग की ओर से प्री प्राइमरी को बाल वाटिका नाम दिया गया है. विभाग की ओर से इसके लिए अलग से पाठ्यक्रम तैयार किया गया है.

20 हजार से अधिक हैं आंगनबाड़ी केंद्र: उत्तराखंड में 20 हजार 67 आंगनबाड़ी केंद्र मंजूर हैं. इसमें से 20 हजार 17 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित किए जा रहे हैं. इन केंद्रों में 14,555 आंगनबाड़ी कार्यकर्ता तैनात हैं. इसके अलावा आंगनबाड़ी केंद्रों में 14,249 सहायिकाएं एवं 4,941 मिनी आंगनबाड़ी कार्यकत्रियां नियुक्त हैं.

नई शिक्षा नीति 2020: भारत सरकार ने नई नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020 शुरू की है. इसके अंतर्गत सरकार ने एजुकेशन पॉलिसी में काफी सारे मुख्य बदलाव किए हैं. नई नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के माध्यम से भारत को वैश्विक ज्ञान महाशक्ति बनाना है. अब मानव संसाधन प्रबंधन मंत्रालय शिक्षा मंत्रालय के नाम से जाना जाता है. नेशनल एजुकेशन पालिसी के अंतर्गत 2030 तक स्कूली शिक्षा में 100 फीसदी जीईआर यानी (Gross Enrollment Ratio) के साथ पूर्व विद्यालय से माध्यमिक विद्यालय तक शिक्षा का सार्वभौमीकरण किया जाएगा.

पहले 10+2 का पैटर्न फॉलो किया जाता था. नई शिक्षा नीति के अंतर्गत 5+3+3+4 का पैटर्न फॉलो किया जाएगा. यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति (National Education Policy) 2014 साल के आम चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के घोषणा पत्र में शामिल किया था.

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