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उत्तराखंड में नशा तस्करों की अब खैर नहीं! त्रिस्तरीय ANTF फोर्स का गठन

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Published : Aug 9, 2022, 6:08 PM IST

Updated : Aug 9, 2022, 6:34 PM IST

uttarakhand police headquarters
उत्तराखंड पुलिस मुख्यालय

उत्तराखंड में ड्रग्स माफियाओं पर बड़े एक्शन की तैयारी हो गई है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश के बाद त्रिस्तरीय टास्क फोर्स का गठन किया गया है. राज्य स्तरीय एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स (ANTF) और नार्को कोऑर्डिनेशन सेंटर (NCORD) सचिवालय स्तर पर गठन किया गया है. नार्को कोऑर्डिनेशन सेंटर के अधीन अधीन ANTF गढ़वाल यूनिट और ANTF कुमाऊं यूनिट कार्य करेगी. ऐसे में माना जा रहा है कि अब उत्तराखंड में नशा तस्करी पर कुछ हद तक लगाम लगेगी.

देहरादूनः उत्तराखंड में नशा तस्करी का जाल फैल चुका है. ऐसे में नशा तस्करों की कमर तोड़ने के लिए पुलिस मुस्तैद हो चुकी है. इसके लिए उत्तराखंड में बकायदा त्रिस्तरीय टास्क फोर्स गठित की गई है. इस टास्क फोर्स के लिए नार्को कोऑर्डिनेशन सेंटर (Narco Coordination Centre) सचिवालय यानी NCORD सचिवालय का गठन किया गया है. NCORD सचिवालय के अंडर एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स (Anti Narcotics Task Force) की तीन टीमें होंगी जो तीन लेवल पर काम करेंगी.

इस तरह होगा टीमों का बंटवारा: एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स (Anti Narcotics Task Force) को तीन हिस्सों में बांटा गया है. इसमें स्टेट लेवल, रीजन लेवल और डिस्ट्रिक्ट लेवल पर टीमें काम करेंगी. रीजनल लेवल पर एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स गढ़वाल यूनिट (ANTF Garhwal Unit) और कुमाऊं यूनिट (ANTF Kumaon Unit) यूनिट कार्य करेंगी.

NCORD के अधीन ये अधिकारः उत्तराखंड में नशा तस्करी के खिलाफ प्रभावी नियंत्रण के लिए गठित त्रिस्तरीय एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स के अधिकार दायरे को बढ़ाया गया है. इस फोर्स में नियुक्त अधिकारी व कर्मचारियों को अपने कार्य क्षेत्र में तलाशी, बरामदगी समेत गिरफ्तारी जैसी शक्तियां प्राप्त होंगी, जो दंड प्रक्रिया संहिता एवं अन्य विधियों के अधीन पुलिस अधिकारियों को प्राप्त हैं. इतना ही नहीं, ये टास्क फोर्स अपने कार्य क्षेत्र में स्थित किसी भी थाने में ड्रग्स श्रेणी वाले व्यक्तियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज भी करेगी. साथ ही दंड प्रक्रिया संहिता के प्राविधानों के अनुरुप कार्रवाई करने के लिए सक्षम रहेंगी.
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डीजीपी करेंगे NCORD की मॉनिटिरिंग और समीक्षाः राज्य स्तरीय एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स (ANTF) की ओर से प्रदेश में नार्को कोऑर्डिनेशन सेंटर (NCORD) सचिवालय के रूप में कार्य करेगी. जो विभिन्न स्तरों पर निर्णयों पर कार्रवाई का अनुपालन करेगी. वहीं पारदर्शिता की दृष्टि से ANTF में नियुक्त कार्मिकों पर भी नजर रखी जाएगी. ताकि ड्रग्स अपराधियों से संलिप्तता पाए जाने पर संबंधित कार्मिक के खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जा सके. जानकारी के अनुसार, एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स और नार्को कोऑर्डिनेशन सेंटर सचिवालय के कार्यों की समीक्षा उत्तराखंड पुलिस महानिदेशक मासिक तौर पर करेंगे.

ADG और DIG के अधीन होंगे नोडल अधिकारीः नशे के काले कारोबार में त्रिस्तरीय NCORD फोर्स को प्रदेश स्तर पर अपर पुलिस महानिदेशक और डीआईजी अपराध कानून व्यवस्था के अधीन सभी जिलों के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) और एसटीएफ के नोडल अधिकारी होंगे. जबकि, जनपद स्तर पर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के अधीन पुलिस अधीक्षक अपराध/पुलिस उपाधीक्षक ऑपरेशन नोडल अधिकारी होंगे. वहीं, इस स्पेशल फोर्स में थाना स्तर पर थाना प्रभारी ही नोडल अधिकारी के रूप में कार्य करेंगे.
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नशा मुक्ति केंद्रों की सूचनाओं के आधार पर ड्रग्स माफिया पर शिकंजाः एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स की त्रिस्तरीय स्पेशल फोर्स में पुलिस विभाग में उपलब्ध कार्मिकों से ही चयन किया जाएगा. राज्य स्तर पर गठित ANTF राज्य सरकार और एनसीबी की विभिन्न स्तरों पर होने वाली बैठकों में एनडीपीएस अधिनियम 1985 (NDPS Act 1985) से संबंधित आंकडे़/सूचनाएं समेत प्रतिभाग करेगी.

यह टीम जिलों में स्थापित विभिन्न नशामुक्ति केंद्रों के प्रतिनिधियों से समन्वय बनाकर उन केंद्रों का नियमित रूप से भौतिक सत्यापन करेगी. जबकि, मादक पदार्थों के बिक्री और आपूर्ति करने वालों के संबंध में तत्काल प्रभाव से कार्रवाई करेगी. यह फोर्स न्यायालयों की ओर से मादक द्रव्यों की रोकथाम के लिए दिए गए आदेशों एवं निर्णयों का समस्त जिलों से अनुपालन करवाने में समन्वय बनाएगी.

NDPS के तहत होगी संपति जब्तः राज्य एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स (ANTF) एनडीपीएस एक्ट 1985 (संशोधित) से संबंधित अपराधियों के डोजियर (आपराधिक इतिहास) तैयार करेगी. साथ ही इस अधिनियम के अंतर्गत अभियुक्तों की सूचना संकलित कर सूची बनाएगी. वहीं, ड्रग्स संबंधी अपराधों से संबंधित अभिसूचनाओं का संकलन, अभिलेखीकरण और विश्लेषण के तहत उन पर ठोस कार्रवाई भी करेगी.

इसके अतिरिक्त यह फोर्स अपराध में लिप्त प्रमुख माफिया सरगनाओं की संपति जब्त एवं समय-समय पर भारत सरकार नियंत्रण एवं प्रशासक से समन्वय करेगी. केंद्र एवं राज्य स्तरीय अन्य विभागों व नशामुक्ति केंद्रों से मादक द्रव्यों की रोकथाम के लिए समन्वय स्थापित करना और आंतकवादियों की ओर से मादक पदार्थों की तस्करी की रोकथाम की कार्रवाई करना होगा.

वहीं, दूसरी ओर जिला स्तर पर गठित टास्क फोर्स शिक्षण संस्थानों में नशे के मकड़जाल से बचने के लिए संस्थानों में गठित एंटी ड्रग सेल/यूनिट के नोडल अधिकारी और मादक पदार्थ उन्मूलन में कार्यरत एनजीओ, स्वयं सेवी संस्थान, नशा मुक्ति केंद्रों के साथ समन्वय स्थापित करेगी. इसके अलावा पूर्व में प्रकाश में आए अपराधियों/तस्करों की गतिविधियों पर सतर्क दृष्टि रहेंगी.

Last Updated :Aug 9, 2022, 6:34 PM IST
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