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उत्तराखंड चुनाव: AAP ने जारी किया वचन पत्र, कहा- घोषणा पूरी न हुईं तो कर दें केस

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Published : Feb 11, 2022, 1:29 PM IST

Updated : Feb 11, 2022, 7:38 PM IST

uttarakhand assembly election 2022
आम आदमी पार्टी

आम आदमी पार्टी के प्रदेश कार्यालय देहरादून में दिल्ली के कैबिनेट मंत्री गोपाल राय ने पार्टी का वचन पत्र यानी मेनिफोस्टो जारी कर दिया है. इस दौरान पार्टी की मेनिफेस्टो कमेटी के चेयरमैन रिटायर्ड कर्नल सुनील कोटनाला भी मौजूद रहे. इस दौरान पार्टी ने एक एफिडेविट भी दिया है. इसमें लिखा है कि अगर पार्टी अपनी घोषणाओं को पूरा नहीं करती है तो जनता उन पर कानूनी कार्रवाई कर सकती है.

देहरादून: उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022 के मद्देनजर आम आदमी पार्टी ने मेनिफेस्टो जारी कर दिया है. आम आदमी पार्टी के प्रदेश कार्यालय देहरादून में वचन पत्र जारी करते हुए दिल्ली के कैबिनेट मंत्री गोपाल राय ने कहा कि मेनिफेस्टो जारी करने से पहले आम आदमी पार्टी ने जनता से सुझाव मांगे थे. पूरे प्रदेश से उनको करीब 77 हजार 300 सुझाव मिले. उन सुझावों में आम आदमी पार्टी ने 119 मुद्दों पर फोकस किया और उन्हीं मुद्दों पर मेनिफेस्टो जारी किया है.

दिल्ली के कैबिनेट मंत्री गोपाल राय ने कहा है कि उत्तराखंड में हर चुनाव से पहले भाजपा और कांग्रेस अपना मेनिफेस्टो जारी करती आई हैं लेकिन प्रदेश की जनता को सिर्फ धोखा मिला है. आज आम आदमी पार्टी अपना वचन पत्र जारी कर रही है. इस वचन पत्र में कर्नल कोठियाल ने एक एफिडेविट भी साइन किया है. एफिडेविट में स्पष्ट तौर पर उल्लेख किया गया है कि अगर हम इन घोषणाओं पर खरा नहीं उतरते हैं, तो प्रदेश की जनता कानूनी कार्रवाई कर सकती है. उन्होंने कहा कि ऐसा पहली बार हुआ है कि कोई पार्टी अपना घोषणा पत्र जारी करते हुए इसके साथ एक एफिडेविट भी प्रस्तुत कर रही है.

AAP ने जारी किया वचन पत्र.

क्या होता है एफिडेविट: किसी व्यक्ति द्वारा किसी कार्य को करने अथवा नहीं करने की लिखित रूप में स्वेच्छा से ली गई तथ्यात्मक घोषणा को एफिडेविट कहते हैं. एफेडेविट को शपथ-पत्र या हलफनामा भी कहते हैं. यह घोषणा किसी ऐसे व्यक्ति के समक्ष ली जाती है जो विधि द्वारा उससे लिए अधिकृत हो, जैसे नोटरी पब्लिक या ओथ कमिश्नर.

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AAP का वचन पत्र.

Affidavit (शपथ-पत्र) में शपथकर्ता शपथ लेकर बयान देता है कि वह जो कुछ भी जानकारी दे रहा है वह सच है. इसके बाद वह अपना दस्तखत करता है और फिर उस बयान को ओथ कमिश्नर या नोटरी पब्लिक अटेस्टेड करता है.

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एफिडेविट का कहां हो सकता है इस्तेमाल ? : ऐफिडेविट का इस्तेमाल कोर्ट में भी हो सकता है और अर्द्धन्यायिक संस्था में भी. Birth Certificate बनवाने, शादी रजिस्ट्रेशन आदि के लिए ऐफिडेविट संबंधित अथॉरिटी के सामने देना होता है, लेकिन यदि बयान गलत है या जानबूझकर गलत बयान दिया गया है तो दावा रद्द हो जाता है.

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AAP का वचन पत्र.

गलत एफिडेविट देने पर सजा: यदि कोई व्यक्ति जानबूझकर झूठा बयान देता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा सकती है. Affidavit के बारे में यह माना जाता है कि वह पूरी तरह सही है, परंतु कोई व्यक्ति किसी और के बदले में ऐफिडेविट पर दस्तखत करता है और उसका गलत इस्तेमाल करता है, तो ऐसा करने वाले शख्स के खिलाफ IPC की धारा-419 ( पहचान बदलकर धोखा देना ) का मुकदमा बन सकता है.

Last Updated :Feb 11, 2022, 7:38 PM IST
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