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Joshimath Crisis: आठ एजेंसियों ने NDMA को सौंपी स्टडी रिपोर्ट, दरारों पर भूकंप का असर नहीं

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Published : Jan 25, 2023, 6:05 PM IST

Updated : Jan 25, 2023, 7:17 PM IST

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जोशीमठ भू-धंसाव की असल वजह और भविष्य में जोशीमठ रहने लायक है या नहीं, इसको लेकर जो संस्थाएं जोशीमठ में स्थलीय अध्ययन कर रही थीं, उन्होंने अपनी रिपोर्ट राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को दे दी है. जिस पर अब केंद्र और राज्य अध्ययन करेगी. जोशीमठ की दरारों पर भूकंप का कोई असर नहीं पड़ा है.

जोशीमठ में जांच कर रही आठ एजेंसियों ने सौंपी स्टडी रिपोर्ट.

देहरादून: भू-धंसाव के बाद जोशीमठ के भविष्य पर अध्ययन कर रही आठ अलग-अलग संस्थानों के वैज्ञानिकों की टीमों अपनी रिपोर्ट राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (National Disaster Management Authority) को सौंप दी है. रिपोर्ट में क्या कुछ निकल कर सामने आया है, इसको लेकर शासन स्तर पर 27 जनवरी को अधिकारियों की बैठक होगी. ये जानकारी उत्तराखंड के आपदा सचिव रंजीत सिन्हा ने दी है.

जोशीमठ के ताजा हालात की जानकारी देते हुए आपदा सचिव रंजीत सिन्हा ने बताया कि अभीतक 863 भवनों में दरांरे चिन्हित की गईं हैं, जिसमें से 505 भवनों में गंभीर दरारें हैं. इसके अलावा जोशीमठ की जेपी कॉलोनी में पानी का जो रिसाव हो रहा था, उसकी मात्रा अभी भी 188 एलपीएम बनी हुई. जोशीमठ में अभीतक 286 परिवारों के 957 सदस्यों को विस्थापित किया जा चुका है, तो वहीं राहत राशि के रूप में 360 परिवारों को अब तक तीन करोड़ 70 लाख रुपए दिए जा चुके हैं.
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सचिव रंजीत सिन्हा ने बताया कि जोशीमठ में भू-धंसाव और पानी के रिसाव की असल वजह पता लगाने के लिए अलग-अलग आठ संस्थानों के एक्सपर्ट वहां पर काम कर रहे थे, जो गहराई से जोशीमठ के ताजा हालात का अध्ययन कर रहे थे. सभी संस्थानों ने अपनी रिपोर्ट तैयार कर राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण को सौंप दी है, जिस उत्तराखंड में शासन स्तर पर 27 जनवरी को एक बड़ी बैठक होनी है. विशेष तौर पर यह बैठक जोशीमठ आपदा को लेकर गठित की गई शासन स्तर की कमेटी द्वारा की जा रही है.

उन्होंने बताया कि 27 जनवरी को होने वाली इस बैठक में केंद्र से मांगे जाने वाले राहत पैकेज को लेकर कुछ निर्णायक फैसला लिया जा सकता है. वहीं इसके अलावा कर्णप्रयाग की बहुगुणा नगर में लगातार हो रहे भू-धंसाव पर जानकारी देते हुए आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत कुमार सिन्हा ने बताया कि शिकायतें मिलने पर IIT रुड़की को कर्णप्रयाग बहुगुणा नगर में जांच के लिए निर्देशित किया गया है. जिस पर IIT रुड़की ने अपनी इन्वेस्टीगेशन पूरी कर ली है और आगामी 4 से 5 दिनों में वह अपनी प्रारंभिक जांच सौंप देंगे. जिसके बाद आगामी 10 दिनों में DPR बनाने का काम पूरा हो जाएगा.

जोशीमठ पर भूकंप का असर: उत्तराखंड आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत कुमार सिन्हा का कहना है कि भूकंप का उत्तराखंड पर कोई असर नहीं पड़ा है. जोशीमठ की दरारों पर भी इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ा है. सर्वे की रिपोर्ट के आधार पर डीपीआर बनेगा और फिर विस्थापन को लेकर प्रशासनिक निर्णय लिया जाएगा.

Last Updated :Jan 25, 2023, 7:17 PM IST
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