ETV Bharat / city

जैविक खेती की ओर बढ़ रहा लोगों का रुझान, पूर्व विधायक ने बताए फायदे

author img

By

Published : Jul 26, 2020, 1:20 PM IST

ramnagar news
पूर्व विधायक जैविक खेती को दे रहे बढ़ावा.

हरित क्रांति की शुरूआत के बाद से रासायनिक खाद के इस्तेमाल से खेती होने लगी. जिससे लोग जैविक खेती से दूर होने लगे, लेकिन बदलते परिवेश में लोग फिर से जैविक खेती की ओर मुड़ रहे हैं.

रामनगर: एक दौर था जब लोग जैविक खादों से ही खेती किया करते थे, लेकिन हरित क्रांति की शुरूआत के बाद से रासायनिक खाद के इस्तेमाल से खेती होने लगी. जिसके बाद से जैविक खेती की ओर से लोगों का ध्‍यान हटने लगा. वहीं देखा जाए तो रासायनिक खाद के प्रयोग से लोगों में तमाम तरह की बीमारियां भी पैदा होने लगी हैं. एक बार फिर से जागरूकता के बाद लोग जैविक खेती की ओर मुड़ रहे रहे हैं.

पूर्व विधायक जैविक खेती को दे रहे बढ़ावा.

रामनगर के पूर्व विधायक रणजीत सिंह रावत बड़े स्तर पर जैविक खेती कर दूसरों को भी प्रेरित कर रहे हैं. पूर्व विधायक रणजीत सिंह रावत ने कहा कि प्राचीन काल से जैविक खेती होती आ रही है. इसके बाद आधुनिक होने के साथ ही जैविक खेती का महत्व कम होता गया. जिससे रासायनिक खादों का, कीटनाशक का ज्यादा उपयोग हो गया. वहीं इस समय कोरोना महामारी ने लोगों को सिखा दिया कि जैविक पदार्थ ही स्वास्थ्य के लिए बेहतर हैं. उन्होंने कहा कि अब जरूरत है कि जैविक खेती करके स्वस्थ्य जीवन जिया जा सके.

ये भी पढ़ें: केंद्र सरकार के सहयोग से प्रदेश में विकसित होंगी तीन हवाई पट्टियां, कवायद तेज

उन्होंने बताया कि उन्होंने तीन ड्रमों में जैविक खेती के लिए कुछ चीजें तैयार की हैं. पहले ड्रम में वेस्ट डी कंपोजर जिसमें कुछ जीवाणु बनाए गए हैं. इनको 200 लीटर के ड्रम में 2 किलो गुड़ के साथ मिलाया जाता है, जिससे यह एक हफ्ते में तैयार हो जाते हैं. साथ ही जमीन में इसको डालने पर यह जमीन में जितने भी खरपतवार होते हैं, उनको गला देता है और जमीन में केंचुए पैदा हो जाते हैं. जिससे जमीन भुरभुरी हो जाती है और साथ ही उपज ज्यादा होती है. वहीं इसके इस्तेमाल से ऑक्सीजन का प्रभाव बढ़ जाता है.

वहीं दूसरे ड्रम में सूक्ष्म बैक्टीरिया जिसमें 10 किलो बेसन, 10 किलो गुड़, कुछ लोहे की कीलें, तांबे की प्लेटें डाली गई हैं. यह 22 दिन में तैयार होता है. इसको जमीन में डालने से सूक्ष्म जीवाणु की मात्रा बढ़ जाती है. यह पौधों को पर्याप्त मात्रा में पोषित कर देते हैं. तीसरा ड्रम पंचगव्य है, जिसमें 10 किलो गाय का ताजा गोबर, 10 किलो गोमूत्र, 2 किलो गुड़, 2 किलो बेसन और जमीन की मिट्टी मिलाई गई है. यह एक हफ्ते में तैयार हो जाता है. इसमें भी सूक्ष्म जीवाणु आ जाते हैं और फसल को उत्तम पोषण देता हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.