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Shani Jayanti 2022: आज ऐसे दूर करें शनि की साढ़े साती, 30 साल बाद बना संयोग

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Published : May 30, 2022, 10:18 AM IST

Updated : May 30, 2022, 12:34 PM IST

Shani Jayanti 2022
शनि जयंती

आज 30 मई 2022, सोमवार को शनि जयंती है. शनि देव को कर्म का देवता माना गया है. साढ़ेसाती, ढैय्या से पीड़ित जातकों को खास तौर पर इस दिन शनिदेव की पूजा करनी चाहिए. जानें शनि जयंती शुभ मुहूर्त, पूजा विधि, सामग्री लिस्ट, राशियों पर प्रभाव, उपाय.

हल्द्वानी: माना जाता है कि इसी दिन सूर्य और छाया के संयोग से शनिदेव का जन्म हुआ था. इस दिन छोटे-छोटे उपायों से आप शनि संबंधी अपनी समस्या दूर कर सकते हैं. इस बार शनि जयंती पर 30 साल बाद एक अद्भुत संयोग भी बन रहा है. ऐसे में यदि आप जीवन में चल रही परेशानियों से छुटकारा पाना चाहते हैं तो आज कुछ विशेष उपाय करने से बड़ा लाभ मिल सकता है.

शनि जयंती के दिन न करें ये काम: शनि जयंती के दिन सरसों का तेल, लकड़ी, उड़द की दाल नहीं खरीदना चाहिए. न ही बाल या नाखून काटने या कटवाने चाहिए. इसके साथ ही जूते-चप्पल खरीदना और तुलसी, पीपल या बेलपत्र का तोड़ना वर्जित बताया गया है. इन चीजों को आप अन्य दिन खरीद सकते हैं. इन चीजों को खरीदने से जीवन में कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है.

शनि देव को प्रसन्न करने का उपाय

साढ़े साती और ढैय्या से परेशान हैं तो करें ये उपाय: इस समय कर्क व वृश्चिक राशि वालों पर शनि की ढैय्या चल रही है. जबकि कुंभ, मकर व मीन राशि वाले शनि की साढ़े साती से प्रभावित हैं. ऐसे में इन 5 राशि वालों के लिए शनि जयंती का दिन बेहद खास है. क्योंकि इस दिन शनि की साढ़े साती व शनि ढैय्या से पीड़ित राशि वाले यदि सच्चे मन से शनिदेव की अराधना करेंगे तो शनि दोष से होने वाली परेशानी कम हो सकती है.

शनि जयंती शुभ मुहूर्त: शनि जयंती आज 30 मई, दिन सोमवार को है. भगवान शनि देव की जयंती ज्येष्ठ महीने की अमावस्या तिथि को मनाई जाती है. इस बार शनि जयंती के दिन दो शुभ योग बन रहे हैं जिसमें से एक सर्वार्थ सिद्धि योग: सुबह 07 बजकर 12 मिनट से पूरे दिन रहेगा वहीं सुकर्मा योग: सुबह से रात 11 बजकर 39 मिनट तक रहेगा. अभिजीत मुहूर्त: दिन में 11 बजकर 51 मिनट से दोपहर 12 बजकर 46 मिनट तक है. सर्वार्थ सिद्धि योग में पूजा पाठ करना ज्यादा फलदायी माना जाता है.
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शनि जयंती के दिन पढ़ें ये मंत्र: शनि देव के सामान्य मंत्र-
ॐ शं शनैश्चराय नमः
शनि देव के बीज मंत्र
ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः

शनि देव के वैदिक मंत्र- ऊँ शन्नोदेवीर-भिष्टयऽआपो भवन्तु पीतये शंय्योरभिस्त्रवन्तुनः

राशियों पर ऐसे पड़ेगा शनि का प्रभाव: जाने-माने ज्योतिषाचार्य डॉ नवीन चंद्र जोशी के मुताबिक राशि के अनुसार बात करें तो- मेष राशि वालों के लिए शनि का प्रभाव अच्छा रहेगा. वृषभ राशि वालों के लिए भी थोड़ा शुभ रहेगा. थोड़ा मान सम्मान की दृष्टि से वृषभ राशि में प्रभावित करेगा अन्य चीजों के लिए शनि का प्रभाव रहेगा. मिथुन राशि के लिए भी थोड़ा व्यापार में मंदी जरूर रहेगी लेकिन अन्य चीजों के लिए शुभ रहेगा. कर्क राशि में शनि की ढैया चल रही है. इन राशि के लिए दौड़-धूप रोग की वृद्धि मान सम्मान में कमी हो सकती है, इसलिए विशेषकर कर्क राशि वालों को आज शनि का विशेष पूजन करना चाहिए.

सिंह राशि के लिए भी शनि का प्रभाव अच्छा रहेगा. कुछ चीजों में शनि का व्यवधान हो सकता है, लेकिन शनि की पूजा करेंगे तो शनि का अशुभ प्रभाव उनके जीवन में नहीं रहेगा. कन्या राशि के लिए शनि का प्रभाव अच्छा रहेगा तो व्यापार की दृष्टि से शनि का पूर्वार्ध परेशानियों से भरा रहेगा. वहीं उत्तरार्ध ठीक रहेगा. तुला राशि के लिए शनि का प्रभाव सामान्य रहने वाला है.

वृश्चिक राशि में शनि की ढैया होने के कारण वृश्चिक राशि वालों को शारीरिक परेशानी स्वास्थ्य में गिरावट पारिवारिक कलह आजीवन रहेंगे. इसलिए शनि का जप करना उनके लिए श्रेयस्कर रहेगा. धनु राशि के शनि का पूर्वार्ध अति उत्तम रहेगा. मान सम्मान में वृद्धि व्यापार में लाभ और उसकी स्थिति रहेगी. अतः उनको भी आज शनि की पूजा करनी श्रेयस्कर रहेगी. मकर राशि में शनि की साढ़ेसाती होने के कारण विशेषकर मकर राशि वालों को आज के दिन शनि का जप दान पूजन करना आवश्यक है. क्योंकि मकर राशि में शनि सादिक कष्ट और पारिवारिक कलह इत्यादि दे सकता है.

कुंभ राशि में साढ़ेसाती है. इस राशि में इस समय शनि संक्रमण कर रहे हैं. कुंभ राशि के लिए विशेषकर शनि का प्रकोप ज्यादा रहेगा. शारीरिक कष्ट, व्यापार में थोड़ी सी रोक, व्यापार में नुकसान की संभावना है. विशेष्य आज के दिन कुंभ राशि वालों को भी शनि की शांति के लिए प्रधान यज्ञ हवन करना चाहिए.
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मीन राशि में साढ़ेसाती है. मीन राशि की स्त्रियां विशेषकर अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें. स्वास्थ्य के प्रति उनको थोड़ा सजग रहने की आवश्यकता है. थोड़ा स्वास्थ्य में गिरावट हो सकती है. कोई व्यवधान आ सकते हैं. विशेषकर उनके लिए चाहिए कि वह शनि का पूजन करें. विशेषकर शाम को शमी के पेड़ में दक्षिण दिशा की तरफ ध्यान करके भगवान शनि की प्रार्थना करें. पंजर स्तोत्र का पाठ करें इससे दुष्प्रभाव दूर होगा.

Last Updated :May 30, 2022, 12:34 PM IST
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