ETV Bharat / bharat

बैलेट बॉक्स से हुए थे देश के पहले चुनाव, पढ़िए मतपेटी बनाने की पूरी कहानी - lok sabha Election 2024

author img

By ETV Bharat Hindi Team

Published : May 16, 2024, 7:49 PM IST

First Ballot Box : लोकसभा चुनाव के चार चरण बीत चुके हैं. चुनाव की गहमागहमी के तेज है. आज के समय में चुनाव ईवीएम की मदद से कराए जाते हैं, लेकिन आज हम आपको बताते हैं कि देश में पहले चुनाव के लिए बैलेट बॉक्स कहां बनाए गए थे.

Ballot Box
बैलेट बॉक्स (सौजन्य गोदरेज की अधिकारी वृंदा पठारे)

मुंबई : लोकतंत्र के उत्सव चुनाव के लिए मतदान एक बहुत ही महत्वपूर्ण प्रक्रिया है. देश में पहला आम चुनाव कराने के लिए मतपेटी का इस्तेमाल किया गया था. इस मतपेटी का निर्माण मुंबई में किया गया था. 1947 में भारत को आजादी मिली, फिर 1950 में भारत का संविधान लागू किया गया. 1952 में देश में लोकसभा का पहला आम चुनाव लड़ा गया.

चूंकि यह पहला चुनाव था इसलिए इसके लिए आवश्यक मतपेटियां एक महत्वपूर्ण चीज थीं. चुनाव की घोषणा के बाद केवल चार महीने शेष रहने पर, बहुत कम समय में मतपेटियां तैयार करना चुनौती थी. यह जोखिम भरा काम 'गोदरेज एंड बॉयस मैन्युफैक्चरिंग' कंपनी को दिया गया, जो उस समय लोहे के बक्से बनाने के लिए बहुत मशहूर थी.

सामने आई डिजाइन की चुनौती: लोकसभा के आम चुनाव के लिए तैयार की जाने वाली मतपेटी मजबूत और लागत प्रभावी होनी चाहिए थी. मकसद यह था कि इन बक्सों में पानी न जाए और ये एयरटाइट रहें. इस संबंध में बात करते हुए, गोदरेज की अधिकारी वृंदा पठारे ने कहा, 'उस समय, एक मतपेटी सिर्फ पांच रुपये में बनाई जाती थी. मतपेटी को तकनीकी रूप से मजबूत और आर्थिक रूप से व्यवहार्य होना आवश्यक था. इसलिए, 50 से अधिक विभिन्न मतपत्र ऐसी मतपेटी बनाने से पहले बॉक्स के नमूने के तौर पर बनाए गए थे.

ताला लगाने की लागत मतपेटी की लागत से ज्यादा थी. उस समय, गोदरेज के एक कर्मचारी नाथलाल पांचाल ने सुझाव दिया कि लालबाग की एक पुरानी फैक्ट्री में एक खाका बनाया जाए, जिसमें प्रति दिन लगभग पंद्रह सौ मतपेटियां तैयार की जाती थीं. ये मतपेटियां विक्रोली में गोदरेज की फैक्ट्री से भारत के 23 राज्यों में रेल द्वारा पहुंचाई गईं.

12 लाख मतपेटियां बनाईं: वृंदा पठारे ने कहा 'वर्तमान में पूरे देश में ईवीएम मशीनों के माध्यम से मतदान होता है. हालांकि, टेक्नोलॉजी आने से पहले, मतदान मतपत्र के माध्यम से किया जाता था.अब भी कई नागरिक ईवीएम की जगह पेपर बैलेट की मांग कर रहे हैं. हालांकि, उस समय इतनी बड़ी संख्या में मतपेटियां तैयार करने की चुनौती को गोदरेज ने पूरा किया.' वृंदा पठारे ने कहा, '12 लाख 83 हजार स्टील मतपेटियां बनाई गईं. हालांकि मतपेटियां वजन में थोड़ी भारी थीं, लेकिन उनमें इंटरनल लॉकिंग सिस्टम था इसलिए मतपेटियों को तोड़ने की कोशिश करने वाले आसानी से सफल नहीं होते थे.'

यह न केवल गोदरेज कंपनी के लिए एक व्यावसायिक ऑर्डर था, बल्कि राष्ट्र निर्माण के अभूतपूर्व कार्य में भाग लेने का एक शानदार अवसर था. पठारे ने कहा, 'प्रबंधन को अब भी गर्व है कि गोदरेज ने इस विश्वास की परीक्षा में खरा उतरा.'

ये भी पढ़ें

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.