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सेक्स रैकेट का बड़ा अड्डा बना प्रसिद्ध पिरान कलियर! अब उत्तराखंड में मदरसों का होगा सर्वे

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Published : Sep 12, 2022, 7:37 PM IST

उत्तराखंड वक्फ बोर्ड अध्यक्ष शादाब शम्स ने पिरान कलियर पर एक बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि पिरान कलियर सेक्स रैकेट का अड्डा बन गया है और उत्तराखंड के छठे धाम कहे जाने वाले कलियर में अनैतिक कार्य किए जा रहे हैं. शादाब शम्स का कहना है कि उत्तराखंड में मदरसों का सर्वे भी किया जाएगा.

Piran Kaliyar
देहरादून

देहरादून: पिरान कलियर (Kaliyar Sharif) को उत्तराखंड का छठवां धाम माना जाता है, लेकिन इस धाम में कई अनैतिक काम हो रहे हैं. ऐसा कहना है उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स का. शादाब शम्स (BJP leader Shadab Shams) ने कहा है कि पिरान कलियर में लोगों की बहुत बड़ी आस्था है, लेकिन इस आस्था पर कुछ लोग बट्टा लगाने का काम कर रहे हैं.

वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स (Waqf Board President Shadab Shams) ने आगे कहा कि पिरान कलियर में मानव तस्करी के साथ-साथ देह व्यापार की भी कई घटनाएं सामने आ रही हैं. साथ ही मानव तस्करी के साथ ड्रग्स की तस्करी भी चरम पर है. उन्होंने कहा कि इस गंदगी को हटाने के लिए सरकार हर संभव प्रयास करेगी. शादाब शम्स ने आगे कहा कि धामी सरकार एक भी गलत आदमी को पिरान कलियर में ठहरने नहीं देगी. ऐसे लोगों पर सरकार की झाड़ू भी चलाएगी और बुलडोजर भी चलाएगी.

उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के चेयरमैन का बड़ा बयान.

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अवैध ढांचों को हटाएगा उत्तराखंड वक्फ बोर्ड: शादाब शम्स का कहना है कि बोर्ड 15 सितंबर को होने वाली अपनी बैठक में पूरे राज्य में वक्फ जमीन से अवैध कब्जा हटाने के लिए जरूरी बुलडोजर खरीदने या किराए पर लेने का प्रस्ताव पेश करेगा. उन्होंने कहा कि राज्य के विभिन्न हिस्सों में हजारों एकड़ वक्फ भूमि पर अवैध रूप से कब्जा है. हम अपनी संपत्तियों को माफिया के चंगुल से मुक्त करना चाहते हैं ताकि वे उन लोगों के लिए उपयोगी बन सकें जिनके लिए वे वास्तव में हैं.

उन्होंने कहा कि अवैध कब्जाधारियों को नोटिस दिया जा रहा है और कार्रवाई अगले सप्ताह कभी भी शुरू कर दी जाएगी. शादाब शम्स ने कहा कि कार्रवाई की शुरुआत देहरादून के प्रेम नगर से होगी. जहां 14 बीघा वक्फ भूमि पर अलीगढ़ के मुसलमानों का कब्जा है. वे सालों पहले यहां सेलाकुई क्षेत्र में कारखानों में काम करने आए थे और अपना घर बना लिया था. इस भूमि पर लगभग 200 परिवार रहते हैं. उन्होंने कहा कि कौन जानता है कि वे कौन हैं. वे संदिग्ध पृष्ठभूमि वाले लोग हो सकते हैं. उत्तराखंड धर्मशाला नहीं है.

पिरान करियर की मान्यता: पिरान कलियर दरगाह रुड़की से करीब 20 किलोमीटर दूर गंगा नदी के तट पर पिरान कलियर (Piran Kaliyar) में स्थित है. यह दरगाह (Dargah) पूरे देश को मानवता और एकता का संदेश देती है. पिरान कलियर (Piran Kaliyar Dargah) को कलियर शरीफ के नाम से भी जाना जाता है. यह सूफी संत अलाउद्दीन अली अहमद साबिर की कब्र है. यहां हर वर्ष धार्मिक कार्यक्रम “उर्स” का आयोजन किया जाता है.

मुस्लिम समुदाय के साथ साथ हिंदु धर्म के लोग भी यहां चादर चढ़ाते हैं तथा मन्नत मांगते है. इसी तरह कलियर शरीफ में लोगों की मुरादें पूरी होने के साथ ही यह ऐसी दरगाह है जहां जिन्न और भूत प्रेतों (Ghosts) को सरेआम फांसी दी जाती है. दरगाह में एक गूलर के खाने से निसंतान दंपत्ति को औलाद मिल जाती है. माना जाता है कि साबिर की दरगाह में जो भी मन्नत मुरादे लेकर पहुंचते हैं, वे उन्हें खाली हाथ नहीं लौटाते.

मदरसों का होगा सर्वे: उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष शादाब शम्स (Uttarakhand Waqf Board Chairman Shadab Shams) का कहना है कि पूरे प्रदेश में 500 से ज्यादा मदरसे संचालित किए जा रहे हैं. जिसमें से 103 मदरसे वक्त बोर्ड के अधीन आते हैं. इनमें राज्य सरकार मुस्लिम छात्रों के शिक्षा, खाना और अन्य सुविधाओं के लिए पैसा देती है. ऐसे में राज्य सरकार का यह पूरा अधिकार है कि वो इन मदरसों का समय-समय पर निरीक्षण करें. इसी के तहत वक्फ बोर्ड उत्तराखंड में मौजूद सभी अपने 103 मदरसों का सर्वे करेंगे (Survey of Madrasas in Uttarakhand) और उनमें दी जाने वाली राज्य सरकार की तमाम सुविधाओं का किस तरह से इस्तेमाल किया जा रहा है, इसे सुनिश्चित करेंगे.

उन्होंने बताया कि प्रदेश में वक्फ बोर्ड के अलावा 419 मदरसे, मदरसा बोर्ड के तहत संचालित किए जाते हैं, लेकिन ये वक्फ बोर्ड के तहत नहीं आते हैं. लिहाजा, यह सरकार के अधिकार क्षेत्र से बाहर (Uttarakhand Madarsa Board) है, लेकिन फिर भी क्योंकि ये मदरसे उत्तराखंड में हैं और वक्फ बोर्ड के मदरसों में तमाम तरह के सुधारों के बाद इन मदरसों में भी इसका साफतौर पर असर देखने को मिलेगा. इसके अलावा प्रदेश में कुछ निजी तौर पर भी मदद से संचालित किए जाते हैं, उन पर भी राज्य सरकार की निगरानी बनी हुई है.

वहीं, शादाब शम्स ने कहा कि जो बात पिरान कलियर को लेकर उन्होंने कही है, वो इस क्षेत्र की बड़ी समस्या रही है. इसको लेकर 15 सितंबर को होने वाली बोर्ड बैठक के दौरान फैसला लिया जाएगा. पिरान कलियर क्षेत्र और इसके आसपास सीसीटीवी कैमरे लगाने का काम (CCTV in Piran Kaliyar) किया जाएगा. ताकि गलत गतिविधियां चलाने वाले लोगों को आईडेंटिफाई किया जा सके. उन्होंने कहा कि कुछ लोग उनके बयान को गलत तरीके से पेश कर रहे हैं और राजनीतिक रूप से फायदा लेने की भी कोशिश कर रहे हैं.

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