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प्राण प्रतिष्ठा समारोह के बीच चर्चाओं में उत्तराखंड के राम मंदिर, जानिये इनसे जुड़ी कहानियां

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Jan 8, 2024, 7:08 PM IST

Updated : Jan 8, 2024, 9:13 PM IST

Ram Mandir Pran Pratistha, Uttarakhand Ram Mandir देवभूमि उत्तराखंड के कण-कण देवी देवताओं का वास है. प्रदेश में सैकड़ों प्राचीन मंदिर हैं जिनकी बड़ी मान्यताएं हैं. प्रदेश में भगवान राम के कुछ ही मंदिर है जो प्रसिद्ध तो हैं लेकिन अभी उनके जीणोद्धार की जरूरत है. इसमें मुख्यरूप में देवप्रयाग में रघुनाथ मंदिर, रानीखेत में राम मंदिर और अल्मोड़ा में रामशिला मंदिर है. ये सभी प्राचीन मंदिर हैं.

Uttarakhand Ram temple
चर्चाओं में उत्तराखंड के ये राम मंदिर

चर्चाओं में उत्तराखंड के ये राम मंदिर

देहरादून(उत्तराखंड): 22 जनवरी को अयोध्या में भगवान राम का प्राण प्रतिष्ठा समारोह होने जा रहा है. 22 जनवरी को होने वाले प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर लोगों में काफी उत्साह दिख रहा है. देवभूमि उत्तराखंड में भी राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा को लेकर खास तैयारियां की जा रही है. उत्तराखंड में भगवान राम के बहुत से प्राचीन मंदिर हैं. राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के समारोह वाले दिन इन मंदिरों में दीपोत्सव मनाया जाएगा. आइये आपको बताते हैं उत्तराखंड में भगवान राम से जुड़े मंदिर कौन-कौन से हैं.

देवप्रयाग का रघुनाथ मंदिर: उत्तराखंड के टिहरी गढ़वाल जिले के देवप्रयाग में रघुनाथ मंदिर स्थित है. यह मंदिर भगवान विष्णु को समर्पित है. यहां भगवान राम और माता सीता की पूजा अर्चना की जाती है. इस मंदिर का निर्माण 6वीं से 9वीं शताब्दी के बीच किया गया था. यह मंदिर देवप्रयाग शहर के अलकनंदा और भागीरथी नदी के संगम पर स्थित है. देवप्रयाग में अलकनंदा और भागीरथी नदी के संगम के बाद ये गंगा नदी बनती है. मान्यता है कि भगवान राम ने रावण का वध करने के बाद श्राप मुक्ति के लिए इसी स्थान पर तपस्या की थी. इस मंदिर का रखरखाव उत्तराखंड पर्यटन विकास बोर्ड की ओर से किया जाता है.

Uttarakhand Ram temple
देवप्रयाग का रघुनाथ मंदिर

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अल्मोड़ा का रामशिला मंदिर: अल्मोड़ा जिले में एतिहासिक रामशिला मंदिर है. जिसका निर्माण साल 1588 में कुमाऊं के चंद वंशीय राजा रुद्रचंद ने कराया था. यह मंदिर नागर शैली में बना हुआ है जो मध्यकालीन वास्तु का उत्कृष्ट नमूना है. मंदिर मुख्य कक्ष में पत्थर पर चरण पादुकाएं हैं. जिनका भगवान राम की पादुका के रूप में पूजन किया जाता है. हर साल रामनवमी के दिन इस मंदिर में भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है. यह रामशिला मंदिर काफी एतिहासिक मंदिर है. यह मंदिर काफी दयनीय स्थिति में है. जिसे जीणोद्धार की दरकार है.

Uttarakhand Ram temple
अल्मोड़ा का रामशिला मंदिर


रानीखेत का राम मंदिर: अल्मोड़ा जिले के रानीखेत में भी राममंदिर स्थित है. यह मंदिर एक प्राचीन शैली से बनाया गया है. मान्यता है कि इसी स्थान पर माता सीता में अपना अंश छोड़ा था. इसी स्थान पर भगवान राम और माता सीता ने रात्रि विश्राम किया था. ऐसे में इस राम मंदिर में भगवान राम और माता सीता की पूजा की जाती है. यह मंदिर काफी ऊंचाई पर स्थित है. जिसके कारण यहां से मनमोहक नजारें दिखते हैं, जो पर्यटकों को काफी पसंद आते हैं. बता दे साल 2020 में अयोध्या राम मंदिर निर्माण के लिए इस मंदिर से पावन मिट्टी को अयोध्या भेजा गया था.

Uttarakhand Ram temple
रानीखेत का राम मंदिर

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उत्तराखंड में यूं तो तमाम राम मंदिर हैं लेकिन मुख्य रूप से ये तीन मंदिर काफी महत्वपूर्ण हैं. ये तीनों ही ऐतिहासिक होने के साथ ही पौराणिक मान्यताओं से जुड़े हैं. इन तीनों राम मंदिर के प्रचार प्रसार करने की जरूरत है. जिससे धार्मिक लिहाज से उत्तराखंड आने वाले श्रद्धालुओं को भी भगवान राम को समर्पित इन मंदिरों में दर्शन करने का पुण्य मिल सके. हर साल उत्तराखंड सरकार प्रदेश के प्राचीन मंदिरों को डेवलप करने के साथ ही पर्यटन के लिहाज से विकसित करने की बात कहती है, लेकिन अभी तक इन मंदिरों को ख्याति नहीं मिल पाई है.

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देश में इन दिनों अयोध्या रामजन्म भूमि की चर्चाएं जोरों शोरों पर चल रही हैं. पूरा देश भगवान राम के प्राण प्रतिष्ठा समारोह को लेकर काफी उत्साहित नजर आ रहा है. इसी बीच उत्तराखंड के वो मंदिर जो भगवान राम को समर्पित हैं उनपर भी सरकार को फोकस करने की जरूरत है. इस मामले पर धर्मस्व मंत्री सतपाल महाराज ने कहा सरकार ने प्रदेश के प्राचीन मंदिरों को विकसित और प्रमोट करने के लिए तमाम सर्किट बनाए हैं. जिसके तहत वैष्णव, सर्किट बनाए गए हैं. जिसमे भगवान विष्णु के सभी अवतारों को शामिल किया गया है. जिसका प्रचार प्रसार किया जा रहा है. 22 जनवरी को भगवान राम के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के दौरान प्रदेश के सभी मंदिरों में पूजन किया जायेगा.

Uttarakhand Ram temple
चर्चाओं में उत्तराखंड के राम मंदिर

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वहीं, धर्माचार्य आचार्य विपिन जोशी ने बताया अयोध्या में भगवान राम का प्राण प्रतिष्ठा समारोह होने जा रही है. यह एक अच्छा शुभ अवसर हैं. उन्होंने कहा उत्तराखंड में भी कई राम मंदिर हैं जिनके बारे में बात की जानी चाहिए. उन्होंने कहा इन मंदिरों का पुनरुत्थान और प्रचार प्रसार करना चाहिए. उन्होंने कहा कुमाऊं में होने वाला रामलीला काफी प्रसिद्ध है. ऐसे में प्रदेश के राम लीला का भी प्रचार प्रसार होना चाहिए. उन्होंने कहा इस समय पूरा विश्व राममय है. ऐसे में प्रदेश के प्राचीन मंदिरों को आगे बढ़ाने और प्रचार प्रसार करने का अच्छा मौका है.

Last Updated :Jan 8, 2024, 9:13 PM IST
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