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उत्तराखंड में 'आफत' बनकर बरस रही मानसून की बारिश, बढ़ी भूस्खलन की घटनाएं, बंद हुई छोटी बड़ी सड़कें

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Published : Jul 1, 2023, 5:18 PM IST

उत्तराखंड में मानसून बारिश के कारण भूस्खलन की घटनाएं बढ़ गई हैं. भूस्खलन के कारण प्रदेश में कई सड़कें बंद हो गई हैं. जिन्हें खोलने का काम जारी है. उत्तराखंड के पहाड़ी जिलों चमोली,उत्तरकाशी और नैनीताल में मानसून की जबदस्त बारिश हो रही है. जिसके कारण यहां परेशानियां ज्यादा बढ़ गई है.

Monsoon rains in Uttarakhand
उत्तराखंड में 'आफत' बनकर बरस रही मानसून की बारिश

देहरादून(उत्तराखंड): देवभूमि उत्तराखंड में लगातार हो रही बारिश के कारण लोगों की परेशानियां बढ़ रही हैं. बेहिसाब बारिश के कारण उत्तराखंड के कई इलाकों में सड़के बंद हैं. बारिश के कारण भूस्खलन की घटनाएं भी आये दिन सामने आ रही हैं. जिससे यातायात प्रभावित हो रहा है. बीते दो तीन दिनों की बारिश से बदरीनाथ हाईव कई बार बाधित हो गया. यहां जगह-जगह पर भूस्खलन की घटनाएं हो रही हैं. वहीं, केदारनाथ यात्रा पर भी बारिश ने असर डाला है. प्रदेश के पहाड़ी जिलों चमोली, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, नैनीताल में मानसून के शुरुआती दौर बारिश 'आफत' बनकर बरस रही है. जिसके कारण सरकार, शासन ने सभी से बारिश, भूस्खलन की घटनाओं के दौरान लोगों से विशेष ध्यान रखने की अपील की है.

उत्तराखंड में बारिश से बंद सड़कें: शनिवार दोपहर 12:00 बजे तक प्रदेश में लगभग 45 छोटी सड़कें और सात स्टेट हाईवे बंद पड़े हैं. जिनको खोलने का काम लगातार जारी है. इसके लिए 50 से अधिक जेसीबी और 200 से अधिक कर्मचारियों को तैनात किया गया है. रिपोर्ट के अनुसार अब तक 7 स्टेट हाईवे जगह-जगह से बंद पड़े हैं, जबकि 26 जिला मार्ग यानी ग्रामीण सड़कें भी बंद पड़ हैं. इसके साथ ही 31 ऐसे मार्ग हैं जो पीएमजीएसवाई के अधीन आते हैं. लोक निर्माण विभाग के प्रमुख अभियंता दीपक यादव बताते हैं कि प्रदेश में लगातार हो रही बारिश की वजह से सड़कें जगह-जगह से बंद पड़ी हैं. हम बारिश में भी सड़कें खोलने का काम तेजी से कर रहे हैं. इतना ही नहीं विभाग और सरकार ने स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि जब तक मानसून सीजन है तब तक कर्मचारियों को किसी भी तरह की कोई छुट्टी नहीं दी जाएगी. उन्होंने बताया सबसे ज्यादा सड़कें चमोली, रुद्रप्रयाग और पिथौरागढ़ में बंद हैं. जिनको समय-समय पर खोला जा रहा है.

Monsoon rains in Uttarakhand
भूस्खलन के कारण बाधित हुई कई सड़कें

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दीपक यादव बताते हैं आने वाले दिनों में मानसून और अधिक बढ़ेगा, इसलिए हमनें इस बार अलग तरह की प्लानिंग के तहत सड़के खोलने का काम किया है. हर मुख्यालय में इसके लिए जेसीबी तैनात हैं. तमाम संवेदनशील इलाकों में भी कर्मचारियों और मशीनों को तैनात किया गया है. विशेषकर चार धाम यात्रा को ध्यान में रखते हुए मार्ग पर हर 5 किलोमीटर या 10 किलोमीटर की दूरी पर मशीनें और कर्मचारियों को लगाया गया है.

उत्तरकाशी,चमोली में भूस्खलन ने बढ़ाई टेंशन: भूस्खलन की सबसे अधिक घटनाएं प्रदेश के उत्तरकाशी जिले में हो रही हैं. उत्तरकाशी जिले में लगातार सड़कें बंद होने और भूस्खलन की घटनाएं सामने आ रही हैं. 29 जून को उत्तरकाशी जिले के यमुनोत्री उत्तरकाशी मार्ग पर एक बड़ा बोल्डर सड़क पर आ गिरा. जिसकी वजह से यातायात काफी देर तक बाधित रहा. इतना ही नहीं भूस्खलन के कारण यहां सड़क पूरी तरह से डैमेज हो गई. आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारी देवेंद्र पटवाल ने बताया मौजूदा बारिश में सबसे अधिक एनएच94 सड़क डैमेज हो रही है. यह मार्ग मनेरी के पास गंगोत्री की तरफ जाता है.उत्तरकाशी जिला सामरिक दृष्टि से भी बेहद महत्वपूर्ण है. लिहाजा ज्यादा लंबे समय तक सड़क को बाधित नहीं रहने दिया जा रहा है. इसके साथ ही चमोली जिले में भी बार-बार भूस्खलन होने की वजह से दिक्कतें पेश आ रही हैं. यहां पर सबसे अधिक सड़क नंदप्रयाग और नंदा नगर मोटर मार्ग पर बाधित हो रही हैं. इसके साथ ही बदरीनाथ हाईवे पागलानाले के पास पानी आने से बाधित हो रहा है. छिनका में भी पहाड़ियों और मलबा गिरने का सिलसिला जारी है. जिसके कारण बदरीनाथ यात्रा बार बार बाधित हो रही है.

Monsoon rains in Uttarakhand
भूस्खलन के कारण बार बार बाधित हो रहे राजमार्ग

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नैनीताल में भी हो रहा लैंडस्लाइड: नैनीताल जिले में भी हालात कुछ ठीक नहीं है. 2 दिन पहले ही नैनीताल के किलबरी पंगुट मार्ग पर भूस्खलन हो गया. जिसकी वजह से सड़क का आधा हिस्सा नीचे की तरफ बह गया. इस भूस्खलन की वजह से नैनीताल से कई गांवों का संपर्क पूरी तरह से कट गया. इस सड़क को सुधारने में विभाग को समय लगेगा, मौजूदा समय में लोग अपनी जान जोखिम में डालकर इस मार्ग से गुजर रहे हैं. बड़े वाहन इस मार्ग पर फिलहाल प्रतिबंधित किए गए हैं. पंगुटमार्ग के अलावा आज सुबह कोटाबाग इलाके में मलबा आने की वजह से कई लोगों की गाड़ियां फंसी की फंसी रह गई. नैनीताल जिले में जैसे-जैसे बारिश तेज हो रही है वैसे वैसे दिक्कतें बढ़ती जा रही हैं. इस पूरे क्षेत्र में लगातार पत्थर गिरने की वजह से हर साल कई गाड़ियां मलबे की चपेट में आ जाती हैं. शुक्रवार शाम रानीखेत की ओर से एक कार नैनीताल की तरफ जा रही थी, तभी अचानक ऊपर से बड़ा पत्थर आने की वजह से कार पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई. गनीमत यह रही कि कार में सवार तीनों लोगों को कोई गंभीर चोट नहीं आई. नैनीताल के कई हिस्सों में लगातार भूस्खलन की वजह से इस तरह के हालात उत्पन्न हो रहे हैं. यह हालत तब हैं जब अभी मानसून राज्य में ठीक से आया भी नहीं है. नैनीताल के अलावा पिथौरागढ़ और अल्मोड़ा में भी सड़कें जगह जगह बंद हो रही हैं.

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लोगों से अपील: मौसम विभाग, पुलिस, प्रशासन सहित सीएम धामी लोगों से अपील कर रहे हैं की बारिश के दौरान घरों में रहें. जरूरी होने पर ही घरों से बाहर निकले. पहाड़ों, बरसाती नालों और गदेरों से भी दूर रहने की अपील की जा रही है. किसी तरह की दिक्क्त या दुर्घटना होने पर सहायता नंबर जारी किये गये हैं, जो इस प्रकार हैं.

मदद या जानकारी के लिए हेल्पलाइन नंबर

  • 0135-2664315
  • 0135-2710334
  • 82188670051070
  • 0135-2710334
  • 0135-2664316
  • 0135-2664314
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