ETV Bharat / state

उत्तराखंड में मॉनसून ने मचाया कहर, पहाड़ी से गिरे पत्थरों की चपेट में आकर 3 की मौत

author img

By

Published : Jul 1, 2022, 6:54 AM IST

Updated : Jul 1, 2022, 11:31 AM IST

उत्तराखंड में मॉनसून की बारिश आफत लेकर आई है. सूबे में कई जगहों पर नुकसान की खबरें हैं. बारिश की वजह से नदियां उफान पर हैं और कई सड़कें भी बंद हो गई. पहाड़ियों से पत्थर गिरने से तीन लोगों की जान चली गई है. आज भी लोगों को विशेष सावधान रहने की जरूरत है. मौसम विभाग के मुताबिक, आज भी भारी बारिश हो सकती है.

uttarakhand weather news
उत्तराखंड में मॉनसून की बारिश

देहरादून/रुद्रप्रयाग/खटीमाः उत्तराखंड में मॉनसून की पहली बारिश ने कहर बरपाना शुरू कर दिया है. बीते रोज प्रदेशभर में झमाझम बारिश हुई. जिससे नदी नाले उफान पर आ गए. कई जगहों पर भूस्खलन हुआ तो कई जगहों पर बोल्डर आ गिरे. जिसमें तीन से ज्यादा लोगों को जान गंवानी पड़ी. मौसम विभाग की मानें तो आज भी प्रदेश में भारी बारिश हो सकती है. ऐसे में लोगों को विशेष सावधानी बरतनी होगी.

उत्तराखंड मौसम विभाग (Uttarakhand Meteorological Department) के मुताबिक, आज भी राज्य के अनेक स्थानों में तेज बारिश होगी. खासकर उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली, बागेश्वर, नैनीताल, पिथौरागढ़ और देहरादून जिले में कहीं-कहीं भारी बारिश की संभावना है. वहीं, बारिश की वजह से नदी नाले उफान पर बह रहे हैं और जगह-जगह भूस्खलन हो रहा है. जिसकी वजह से आवाजाही करना जोखिम भरा हो गया है. बीते रोज भी वाहनों पर बोल्डर गिरने से तीन तीर्थयात्रियों की मौत हो गई. जबकि, आठ से ज्यादा लोग घायल हो गए.

रुद्रप्रयाग में घाट जलमग्न.

देहरादून की बात करें तो आज आमतौर पर बादल छाए रहेंगे. साथ ही बारिश की तेज बौछारें भी पड़ सकती हैं. वहीं, तापमान की बात करें तो आज प्रदेश में अधिकतम तापमान 30°C और न्यूनतम तापमान 23°C रहेगा. अगर बारिश की बात करें तो बीती रोज चल्थी में 27.5 (mm), मुखेम में 22.5 (mm), भगवानपुर में 20.0 (mm), नारसन में 19.5 (mm), चकराता में 19.0 (mm), लाखामंडल में 17.0 (mm) और मसूरी में 9.0 (mm) बारिश दर्ज की गई.

uttarakhand weather news
तापमान.

बरसात के दौरान बरतें ये सावधानियां-
1. मौसम पूर्वानुमान पर नजर रखें.
2. बरसात में नदी-नालों से दूर रहें.
3. नदियों और गदेरों में नहाने से परहेज करें.
4. बरसात के दौरान सड़कों पर सावधानीपूर्वक आवाजाही करें.
5. तेज बारिश या कोहरे में वाहनों की लाइटें ऑन रखें.
6. संवेदनशील पहाड़ी ढलानों पर जाने से बचें.
7. जलभराव की स्थिति में तालाब और पोखरों आदि से दूर रहें.
8. मॉनसून के दौरान भूस्खलन क्षेत्र से दूर रहें.
9. बिजली चमकने के दौरान पेड़ों से दूर रहें.
10. नदी का जलस्तर बढ़ने पर सुरक्षित स्थान पर चले जाएं.
11. यदि आपके घर गदेरे या नदी के पास हैं तो विशेष सतर्कता बरतें.
12. आपातकालीन नंबर को हमेशा अपने पास रखें.
13. अपने घर पर एक आपातकालीन किट तैयार रखें.
14. किसी भी आपात स्थिति में तत्काल सूचना कंट्रोल रूम को दें

अलकनंदा व मंदाकिनी किनारे बने घाट जलमग्नः नमामि गंगे योजना के तहत रुद्रप्रयाग में बनाए गए सभी घाट जलमग्न हो गए. ये घाट बरसाती सीजन में अलनकंदा व मंदाकिनी का जलस्तर बढ़ने पर डूब जाते हैं. शुरूआत में इनकी चमक को देखकर हर कोई व्यक्ति खिंचा चला गया, लेकिन मलबा व गंदगी फैले रहने से कोई भी अब यहां जाना पसंद नहीं करता है. कुल मिलाकर देखा जाए तो करोड़ों की लागत से बने ये घाट प्रशासनिक लापरवाही के कारण किसी काम के नहीं रह गए हैं. साफ तौर पर नमामि गंगे योजना के नाम पर सरकारी धन का दुरुपयोग किया गया है, ऐसा लोग आरोप लगाते हैं.

खटीमा में जलभराव से लोग परेशान.

गौर हो कि अलकनंदा व मंदाकिनी का संगम स्थान होने के कारण हर साल हजारों की संख्या में तीर्थयात्री पहुंचते हैं, लेकिन वे भी घाटों की दुर्दशा को देखकर हैरत में रह जाते हैं. घाटों का निर्माण सही तरीके से नहीं होने के कारण ये बरसाती सीजन में पानी में डूबे रहते हैं. नगर पालिका सभासद सुरेंद्र रावत ने कहा कि नमामि गंगे योजना के तहत रुद्रप्रयाग नगर क्षेत्र में बने सभी घाटों की दुर्दशा बनी हुई है. घाटों का निर्माण सुनियोजित तरीके से नहीं हुआ है. इस कार्य के निर्माण में अधिकारियों ने बंदरबांट की, जिससे आज इन घाटों का लाभ नहीं मिल पा रहा है.

ये भी पढ़ेंः बदरीनाथ-केदारनाथ हाईवे पर दरकीं पहाड़ियां, 2 दिन में 2 की मौत, 13 घायल

नमामि गंगे योजना के तहत इन घाटों के निर्माण में 12 करोड़ की भारी भरकम धनराशि खर्च की गई. घाटों में टाइल्स, रेलिंग, चेंजिंग रूम, व्यू प्वाइंट, सोलर लाइटें लगाई गईं, लेकिन निर्माण के कुछ माह बाद बरसाती सीजन में सबकुछ तबाह हो गया. जहां सोलर लाइटों से बैटरियां चोरी हो गई हैं वहीं, टाइल्स व रेलिंग उखड़ गईं. मामले में जिलाधिकारी मयूर दीक्षित का कहना है कि बरसाती सीजन खत्म होने के बाद घाटों के सौंदर्यीकरण के लिए कहा जाएगा. साथ ही घाटों से मलबा और गंदगी को हटाया जाएगा.

खटीमा में बारिश से जलभरावः मॉनसून की पहली बारिश में ही खटीमा के विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों में जलभराव की समस्या देखने को मिली. जलभराव से परेशान ग्रामीणों ने खटीमा उपजिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपकर जल निकासी करवाने की मांग की. ग्रामीणों का कहना है कि सड़कों के किनारे बनी नालियां बंद होने के चलते झनकइयां अशोक फार्म से होते हुए बगुलिया बाईपुल जाने वाले मार्ग पर भी जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो गई है. जिससे स्कूल के बच्चों समेत ग्रामीणों का आवागमन बाधित हो रहा है. वहीं, एसडीएम रविंद्र बिष्ट ने नालों और पानी की निकासी की जगह पर किए गए अतिक्रमण हटवाकर जलभराव की समस्या का निदान करने की बात कही.

थलीसैंण के टीला गांव में भूस्खलनः श्रीनगर विधानसभा के थलीसैंण के टीला गांव में कुछ जगहों पर लैंडस्लाइड हो गया. जिससे ग्रामीणों की कई हेक्टेयर उपजाऊ भूमि बह गई. लैंडस्लाइड के बाद ग्रामीणों में खौफ का माहौल है. ग्रामीणों ने नुकसान की जानकारी जिला प्रशासन को दी है. वहीं, प्रशासन की टीम मौके के लिए रवाना हो रही है. जो नुकसान का आकलन करेगी.

Last Updated : Jul 1, 2022, 11:31 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.