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22 साल बाद कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव आज, खड़गे और थरूर में मुकाबला

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Published : Oct 16, 2022, 5:43 PM IST

Updated : Oct 17, 2022, 6:19 AM IST

कांग्रेस अध्यक्ष के लिए आज मतदान होना है. इसके लिए तैयारियां पूरी कर ली गई है. 24 साल बाद पार्टी को कोई गैर गांधी अध्यक्ष मिलेगा. मल्लिकार्जुन खड़गे और शशि थरूर आमने-सामने हैं. राहुल गांधी कर्नाटक में मतदान करेंगे. पढ़िए ईटीवी भारत के वरिष्ठ संवाददाता अमित अग्निहोत्री की रिपोर्ट...

Election for the post of Congress President after 24 years
24 साल बाद कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए चुनाव

नई दिल्ली : कांग्रेस अध्यक्ष के लिए आज 17 अक्टूबर को होने वाले चुनाव को लेकर पार्टी में उत्साह का माहौल है. 22 साल बाद होने जा रहे इस चुनाव को गहरी दिलचस्पी से देखा जा रहा है, क्योंकि सबसे पुरानी पार्टी में 24 साल बाद गैर गांधी को अध्यक्ष के रूप में चुना जाएगा. हालांकि गांधी परिवार पार्टी का नेतृत्व करना जारी रखेगा. वहीं, नए अध्यक्ष से संगठन को मजबूत करने, राज्य के चुनावों में जीत सुनिश्चित करने और 2024 के लोकसभा चुनावों से पहले विपक्षी एकता बनाने जैसी भविष्य की चुनौतियों का सामना करने के लिए मिलकर काम करने की उम्मीद है.

इस संबंध में एआईसीसी के प्रभारी सचिव वामशी चंद रेड्डी ने ईटीवी भारत को बताया कि कांग्रेस अध्यक्ष के चुनाव को लेकर पार्टी में उत्साह है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी ही इस तरह चुनाव कराती है. चुनाव सकारात्मक बात है, पार्टी और कैडर इसे सही भावना से ले रहे हैं. रेड्डी ने कहा दोनों उम्मीदवार इसे काफी सकारात्मक तरीके से ले रहे हैं. वे जहां भी संभव हो एक-दूसरे के पूरक हैं. यह सच्ची प्रतिस्पर्धा की भावना से हो रहा है. जो भी जीतेगा, हमारे पास राहुल गांधी के रूप में एक नेता और एक पार्टी अध्यक्ष होगा जो संगठनात्मक मुद्दों और पार्टी प्रबंधन का ध्यान रखेगा.

कांग्रेस में पिछला अध्यक्ष का चुनाव 2000 में हुआ था जिसमें सोनिया गांधी ने जितेंद्र प्रसाद को भारी अंतर से हराया था. इससे पहले उन्होंने 1998 में पार्टी की कमान संभाली थी. वहीं 1996 में कांग्रेस का आखिरी गैर-गांधी अध्यक्ष था, जब सीताराम केसरी, शरद पवार और राजेश पायलट को हराकर पार्टी के शीर्ष पद के लिए चुने गए थे. इसी क्रम में 17 अक्टूबर 2022 को, 9000 से अधिक पीसीसी प्रतिनिधि मल्लिकार्जुन खड़गे और शशि थरूर में से अगले गैर-गांधी अध्यक्ष का चुनाव करेंगे. दोनों ही नेता राहुल गांधी द्वारा पर्चा दाखिल करने से इनकार करने के बाद मैदान में आए थे. बता दें कि राहुल गांधी 2017 में सर्वसम्मति से पार्टी अध्यक्ष चुने गए थे लेकिन 2019 में लोकसभा चुनाव में हार की जिम्मेदारी लेते हुए इस्तीफा दे दिया. तब से सोनिया गांधी अंतरिम अध्यक्ष बनी रहीं.

पिछले कुछ हफ्तों में, पार्टी में नए अध्यक्ष के पदभार संभालने के बाद गांधी परिवार की भूमिका के बारे में बात की गई है. इस पर वामशी रेड्डी ने पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम द्वारा हाल ही में व्यक्त किए गए विचारों का हवाला देते हुए कहा कि एक राजनीतिक दल में एक नेता और एक अध्यक्ष होता है और नेता भी अध्यक्ष हो सकता है या वह अध्यक्ष से अलग हो सकता है.

रेड्डी ने कहा कि हमारे पास राहुल गांधी के रूप में एक नेता होगा जो लोगों के मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करेगा और कोई अन्य व्यक्ति पार्टी अध्यक्ष के रूप में संगठन की देखभाल करेगा. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में वोट जीतने वाले नेता होते हैं और वे सबसे ज्यादा मायने रखते हैं. भारत जोड़ो यात्रा में राहुल गांधी को लोगों का भारी समर्थन मिल रहा है. इसने कांग्रेस का आत्मविश्वास बढ़ाया है. अध्यक्ष पद के दोनों प्रमुख दावेदारों ने संगठन को मजबूत करने पर अपना संकल्प दोहराया है. थरूर लगातार पार्टी में शक्ति के विकेंद्रीकरण पर जोर देने की बात कह रहे हैं. जबकि खड़गे ने उदयपुर घोषणा के उन प्रमुख बिंदुओं को लागू करने की बात कही है, जिसमें बताया गया है कि पार्टी के आधे ऑफिस बियरर्स 50 साल से कम उम्र के होंगे. वह एक व्यक्ति एक पद और एक परिवार से एक व्यक्ति को ही टिकट देने की बात कह रहे हैं.

सोनिया गांधी ने उदयपुर घोषणा को लागू करने के लिए टास्क फोर्स का गठन किया है. खड़गे ने भरोसा दिया है कि अगर वह जीते, तो इन प्रक्रियाओं को तेज करेंगे. अध्यक्ष पद के लिए प्रचार के दौरान दोनों प्रतिनिधियों ने पूरे देश का दौरा किया और अपनी-अपनी सोच से प्रतिनिधियों को लुभाने की कोशिश की. हालांकि, यह भी एक हकीकत है कि खड़गे के मुकाबले थरूर को कम समर्थन मिला. कहीं न कहीं खड़गे को 'आधिकारिक' उम्मीदवार के तौर पर स्वीकार किया जा रहा है, शायद सोनिया गांधी के आशीर्वाद की वजह से.

वैसे पार्टी के चुनाव प्रभारी मुधुसूदन मिस्त्री ने साफ तौर पर कहा कि दोनों में से कोई भी उम्मीदवार पार्टी के आधिकारिक उम्मीदवार नहीं हैं. वोट में भाग लेने वाले प्रतिनिधि अपने विवेक के आधार पर ही मतदान करेंगे. पीसीसी डेलिगेट्स राज्य मुख्यालय में वोट करेंगे. पार्टी के वैसे पदाधिकारी जो राज्यों के प्रभारी हैं, उन्हें अपने गृह राज्य में वोट डालने को कहा गया है. या फिर वे पार्टी मुख्यालय में भी वोट कर सकते हैं, ताकि वे दूसरे प्रतिनिधियों को प्रभावित न कर सकें. राहुल गांधी यूपी से डेलिगेट हैं. वह कर्नाटक के बेल्लारी में संगानकल्लू में मतदान करेंगे. उनके साथ 40 अन्य प्रतिनिधि (अलग-अलग राज्यों के) भी मतदान में हिस्सा लेंगे.

मिस्त्री ने कहा है कि देश भर में कुल 36 पोलिंग स्टेशन बनाए गए हैं, जबकि 67 बूथ केंद्र हैं. सभी मतदाताओं को विशेष पहचान पत्र जारी किया गया है. सुबह 10 बजे से शाम चार बजे तक मतदान होगा. गुप्त मतदान किया जाएगा. परिणाम 19 अक्टूबर को आएंगे.

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Last Updated :Oct 17, 2022, 6:19 AM IST
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