हास्य कवियों की सतरंगी महफिल 'धरे गए नेताजी'
आगामी 2022 के विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक पार्टियां के साथ ही नेता जनता को लुभाने के लिए अपना राग अलाप रही हैं. चुनावी बेला में जनता की नेताओं से भी तमाम तरह की अपेक्षाएं हैं. नेताओं के दावों और वादों पर कई तरह के हमले भी हो रहे हैं. कवि भी पीछे नहीं हैं. वह भी अपनी रचनाओं के माध्यम से नेताओं की कार्यशैली पर जहां कटाक्ष करते हैं, वहीं जनता से भी मताधिकार के प्रयोग पर बल देते हैं. वाराणसी के हास्य कवि ने ईटीवी भारत के साथ खास प्रस्तुति में नेताजी के वादों को खूब याद दिलाया, तो आइए सुनते हैं...