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हावर्ड यूनिवर्सिटी बनारस के प्राइमरी स्कूलों पर करेगी रिसर्च, ये है वजह

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jan 9, 2024, 8:38 PM IST

Updated : Jan 9, 2024, 9:56 PM IST

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हावर्ड विश्वविद्यालय वाराणसी के प्राथमिक विद्यालयों पर रिसर्च (Research on primary schools of Varanasi) करेगा. बेसिक शिक्षा अधिकारी अरविंद ने बताया कि शिक्षा के तरीके और उनसे हुए सुधार को लेकर जानकारी करने के लिए यह शोध होगी.

बनारस में शिक्षा के तरीके और उनसे हुए सुधारों पर शोध करेगी हावर्ड यूनिवर्सिटी

वाराणसी: हावर्ड विश्वविद्यालय (Howard University will do research) काशी के सभी सरकारी प्राइमरी स्कूलों पर शोध करेगा. इसमें स्कूलों में दी जाने वाली शिक्षा उनके गुणवत्ता व व्यवस्थाओं के बारे में ब्यौरा तैयार किया जाएगा. इसके जरिए बनारस के सरकारी स्कूलों में किस तरीके की शिक्षा दी जाती है, क्या सुधार हुए हैं इन सब के बारे में जानकारी हासिल की जाएगी. इसे लेकर वाराणसी की शिक्षा विभाग भी पूरी तरीके से तैयार है. बेसिक शिक्षा अधिकारी अरविंद पाठकका कहना है कि वाराणसी के सरकारी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता में काफी सुधार हुआ है. इसे लेकर हावर्ड विश्वविद्यालय शोध कार्य करने जा रहा है. उनके शोध के बाद हम अपने काम में और बेहतर करेंगे.

वाराणसी के प्राथमिक विद्यालयों पर होगी शोध
वाराणसी में शिक्षा में सुधार के लिए शिक्षा विभाग लगातार कर रहा प्रयास
वाराणसी में शिक्षा में सुधार को लेकर शिक्षा विभाग ने काफी प्रयास किए हैं. इसी का नतीजा रहा है कि वाराणसी का प्रदेश में प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षा को लेकर बेहतरीन स्थान रहा है. प्रदेश के विभिन्न जिलों की जारी रेटिंग में 92 फीसदी अंकों के साथ वाराणसी प्रथम स्थान पर रहा है. इसके साथ के जिले चंदौली छठे तो मिर्जापुर 8वें स्थान पर रहा. दरअसल शिक्षा विभाग की तरफ से बीएसए, बीईओ और जिला समन्वयकों को अलग-अलग टास्क दिए जाते हैं. यह तीसरा मौका था कि वाराणसी अव्वल स्थान पर रहा है. ऐसे में हम कह सकते हैं कि वाराणसी के स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हो रहा है.
प्रदेश के विभिन्न जिलों की जारी रेटिंग में 92 फीसदी अंकों के साथ वाराणसी प्रथम स्थान पर रहा है
प्रदेश के विभिन्न जिलों की जारी रेटिंग में 92 फीसदी अंकों के साथ वाराणसी प्रथम स्थान पर रहा है
बनारस के विद्यालयों में हुए हैं सुधार: इस बारे में ईटीवी भारत से बात करते हुए जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी अरविंद पाठक ने बताया, 'हार्वर्ड विश्वविद्यालय द्वारा जो बनारस के विद्यालयों में शिक्षा की गुणवत्ता में जो सुधार हुए हैं उसके ऊपर एक रिसर्च किया जाना है. कुछ नए बदलाव भी किए गए हैं, जिनके ऊपर हार्वर्ड विश्वविद्यालय द्वारा शोध किया जाएगा. संपर्क फाउंडेशन द्वारा हमारे यहां विद्यालयों में पढ़ाई में काफी सहयोग प्रदान किया गया है. इसके साथ ही ग्राम पंचायतों के माध्यम से सभी स्कूलों में स्मार्ट टीवी दी गई है. इसमें संपर्क फाउडेंशन द्वारा एक डिवाइस दी गई है, जिसमें कक्षा एक से पांच तक और कक्षा 6 से 8 तक प्रत्येक के लिए चैप्टरवार स्ट्रक्चर्ड तरीके से पठन सामग्री दी गई है.'विश्वविद्यालय जल्द ही शुरू करेगा अपना प्रोजेक्ट: संपर्क फाउंडेशन की तरफ से मिली डिवाइस में वर्क शीट है, बच्चों के लिए मनोरंजक बनाने के लिए कई तरीके के सवाल है. ऐसी ही कई अन्य पठन सामग्रियां बच्चों के लिए उपलब्ध कराई गई हैं. इसके साथ ही किस तरीके से हमारे यहां शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हुआ है इस पर हार्वर्ड विश्वविद्यालय शोध करने जा रहा है. उनकी तरफ से कंसेंट लेटर जैसे डॉक्यूमेंट मिल गए हैं. जल्दी ही वे लोग अपना प्रोजक्ट शुरू करेंगे. इससे हम देख पाएंगे कि किस तरह से और किन-किन तकनीकों के द्वारा हमारी शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हुआ है. उनके शोध के बाद हम यह देखेंगे कि हम और किस तरीके से काम कर सकते हैं.बच्चों की पढ़ाई सुधारने के हुए नए तरीके के प्रयास: इतना ही नहीं वाराणसी में शिक्षा विभाग द्वारा कई अलग-अलग प्रयास भी किए गए हैं. वाराणसी में शिक्षा विभाग ने एक अनोखी मुहिम के तहत बच्चों के सामान्य ज्ञान को बढ़ाने का बीड़ा उठाया है. इसके लिए बाकायदा विभाग की ओर से नए प्लान के तहत स्पेशल किताब का भी निर्माण किया गया है, जो जनपद के सभी स्कूलों में बच्चों को मुहैया कराई जाएगी. प्राथमिक विद्यालयों में राजनीति से जुड़े देश की महान विभूतियों, स्वच्छता और अन्य सामाजिक जानकारियों का अभाव बच्चों में देखने को मिलता है. इस अभाव के दूर करने का काम वाराणसी बेसिक शिक्षा विभाग कर रहा है. बच्चों और छात्राओं की हाईजीन को लेकर रखा ध्यान: इसके तहत जनपद में पहली बार सामान्य ज्ञान को बेहतर बनाने के लिए एक बुकलेट तैयार की गई है. इस बुकलेट में बच्चों को सामान्य ज्ञान की महत्वपूर्ण जानकारियां उपलब्ध कराई जाएंगी. इसके साथ ही हाइजीन को लेकर भी स्कूलों में खास प्रबंध किए गए. लगभग सभी स्कूलों में हैंडवाशिंग यूनिट स्थापित की गई. इसको लेकर समय-समय पर प्लान भी चलाया गया. शिक्षक भी हाइजीन को लेकर बच्चों को बताते रहते हैं. गर्ल्स हाइजीन के लिए भी काम किए गए. कक्षा 6, 7, 8 की बच्चियों के लिए सैनेटरी नैपकीन वगैरह सीएमओ ऑफिस से मिलता रहा है. कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालयों में इंसेनरेटर, इलेक्ट्रिक इंसेनरेटर, वेंडिंग मशीन हैं.सरकारी प्राइमरी स्कूलों पर शोध होगी:
  • वाराणसी के प्राथमिक स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता में व्यापक सुधार हुआ है.
  • विभिन्न जिलों की जारी रेटिंग में 92 फीसदी अंकों के साथ वाराणसी प्रथम स्थान पर रहा.
  • वाराणसी के स्कूलों में सुधार को लेकर हार्वर्ड विश्वविद्यालय शोध करने जा रहा है.
  • बेसिक शिक्षा विभाग विश्वविद्यालय को शोध करने की अनुमति दे चुका है.
  • हार्वर्ड विश्वविद्यालय शिक्षा में सुधार के तरीकों और बदलावों पर शोध करने जा रहा है.

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Last Updated :Jan 9, 2024, 9:56 PM IST
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