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वाराणसी: चंद्र ग्रहण शुरू होने से पहले भीड़ से पटे गंगा घाट

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Published : Jul 16, 2019, 8:22 PM IST

ग्रहण के बाद गंगा स्नान के लिए वाराणसी पहुंचे श्रद्धालु.

1:31 बजे से लगने वाले चंद्र ग्रहण का सूतक काल 4:30 शाम से शुरू हो चुका है. सूतक काल के साथ काशी के गंगा घाट लोगों की भीड़ से पट गए हैं. लोगों का कहना है कि गंगा स्नान और विश्वनाथ मंदिर में दर्शन कर घर के लिए रवाना होंगे.

वाराणसी: ग्रहण शुरू होने से पहले ही लोगों की भीड़ से गंगा घाट पट चुके हैं. बड़ी संख्या में गंगा घाट पर लोग पहुंचकर ग्रहण शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं. मान्यता है कि ग्रहण के दौरान भजन-कीर्तन और पूजन-पाठ करना चाहिए और शांति से एक जगह बैठकर भगवान का ध्यान लगाना चाहिए. यही वजह है कि दूर-दूर से लोग बड़ी संख्या में काशी के गंगा घाटों पर पहुंच रहे हैं.

गंगा स्नान के लिए वाराणसी पहुंचे श्रद्धालु.

काशी में हर त्योहार का विशेष महत्व है. हर पर्व को अपने अलग तरीके से मनाने की खासियत भी इस शहर में है. यही वजह है कि जब भगवान पर संकट यानी ग्रहण लगा है तो इस तकलीफ के समय को भी काशी में लोग बड़े ही श्रद्धाभाव के साथ बिताकर भगवान को कष्ट से मुक्ति दिलाने में जुटे हुए हैं. इसका असर काशी के दशाश्वमेध घाट, राजेंद्र प्रसाद घाट, शीतला घाट समेत अन्य कई घाटों पर देखने को मिल रहा है.

मध्यरात्रि के बाद 1:31 बजे से लगने वाले चंद्र ग्रहण का सूतक काल 4:30 शाम से शुरू हो चुका है. इस सूतक काल के शुरू होने के साथ ही बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ काशी के गंगा घाटों पर डटी हुई है. यह भीड़ ग्रहण के शुरू होने का इंतजार कर रही है. महिलाओं का कहना है कि पूरी रात यही पर रहकर भजन-कीर्तन और पूजा-पाठ करेंगे. सुबह 4:30 बजे ग्रहण से मोक्ष मिलने पर गंगा स्नान और विश्वनाथ मंदिर में दर्शन कर अपने घर के लिए रवाना होंगे.

तीर्थ पुरोहितों का कहना है कि काशी के गंगा घाट पर बैठकर ग्रहण के दौरान पूजा-पाठ और भजन कीर्तन करने के लिए लोग बड़ी संख्या में पहुंचते हैं, ताकि पुण्य की प्राप्ति हो. ग्रहण काल के दौरान वह भगवान की आराधना में लीन रह कर पुण्य और मोक्ष दोनों की प्राप्ति कर सकें.

Intro:वाराणसी: ग्रहण शुरू होने से पहले ही लोगों की भीड़ से गंगा घाट पड़ चुके हैं बड़ी संख्या में गंगा घाट पर लोग पहुंचकर ग्रहण शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं मान्यता है कि ग्रहण के दौरान सिर्फ भजन कीर्तन और पूजन पाठ करना चाहिए और शांति से एक जगह बैठकर भगवान का ध्यान लगाना चाहिए यही वजह है कि दूर दूर से लोग बड़ी संख्या में काशी के गंगा घाटों पर पहुंचे हैं और भीषण गर्मी के बाद भी घाटों पर बैठकर भगवान का ध्यान लगाते हुए ग्रहण शुरू होने और इसके जल्द खत्म होने का इंतजार कर रहे हैं.


Body:वीओ-01 काशी में हर त्यौहार का विशेष महत्व है और हर पर्व को अपने अलग तरीके से मनाने की खासियत भी इस शहर में है यही वजह है कि जब भगवान पर संकट यानी ग्रहण लगा है तो इस तकलीफ के समय को भी काशी में लोग बड़े ही श्रद्धा भाव के साथ बिताकर भगवान को कष्ट से मुक्ति दिलाने में जुटे हुए हैं इसकी बानगी काशी के दशाश्वमेध घाट राजेंद्र प्रसाद घाट शीतला घाट समेत अन्य कई घाटों पर देखने को मिल रही है मध्यरात्रि के बाद 1:31 पर लगने वाले चंद्र ग्रहण का सूतक काल 4:30 शाम से शुरू हो चुका है और इस सूतक काल के शुरू होने के साथ ही बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ काशी के गंगा घाटों पर डटी हुई है यह भीड़ ग्रहण के शुरू होने का इंतजार कर रही है दूर दूर से आई महिलाओं का कहना है कि अब पूरी रात काशी के गंगा घाट पर बीते गी और यही पर रह कर भजन कीर्तन और पूजा पाठ करने के बाद सुबह 4:30 पर ग्रहण का मोक्ष होने पर गंगा स्नान और विश्वनाथ मंदिर में दर्शन कर अपने घर के लिए रवाना होंगे.

बाईट- व्योमती शुक्ला, श्रद्धालु


Conclusion:वीओ-02 फिलहाल लोगों की भारी भीड़ घाट पर डटी हुई है और इसमें बढ़ोतरी हो रही है घाटों पर पूजा कराने वाले तीर्थ पुरोहितों का कहना है कि काशी के गंगा घाट पर बैठकर ग्रहण के दौरान पूजा-पाठ व भजन कीर्तन करने के लिए लोग बड़ी संख्या में पहुंचते हैं ताकि पुण्य फल की प्राप्ति हो और ग्रहण काल के दौरान वह भगवान की आराधना में लीन रह कर पुण्य और मोक्ष दोनों की प्राप्ति कर सके.

बाइक- भारत पांडेय, तीर्थ पुरोहित

gopal mishra

9839809074
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