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वाराणसी: मोक्ष की राह में रोड़ा बनी गंगा, शवों को जलाने के लिए लग रहे नंबर

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Published : Sep 21, 2019, 9:49 PM IST

गंगा के बढ़े जलस्तर की वजह से दाह संस्कार में हो रही परेशानी.

यूपी के वाराणसी में गंगा का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है. यहां स्थित मणिकर्णिका घाट पर सभी प्लेटफार्म पानी में डूब चुके हैं. ऐसे में यहां एक बार में 10 शवों का ही दाह संस्कार किया जा रहा है. इस वजह से यहां पर मोक्ष पाने के लिए लाइन लगानी पड़ रही है.

वाराणसी: धर्म नगरी काशी में गंगा का पानी इन दिनों सड़कों से होते हुए गलियों तक पहुंच चुका है. लगातार गंगा का जलस्तर बढ़ रहा है और खतरे के निशान से गंगा वर्तमान में 53 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है. वाराणसी में खतरे का निशान 71.26 मीटर है और गंगा का जलस्तर वर्तमान में 71.79 मीटर है. गंगा के इस रौद्र रूप से जहां तटीय इलाकों में रहने वाले लोग डरे हुए हैं. वहीं अब मोक्ष की राह में भी गंगा बड़ा रोड़ा बन रही हैं.

गंगा के बढ़े जलस्तर की वजह से दाह संस्कार में हो रही परेशानी.

गंगा के जलस्तर में हुई वृद्धि की वजह से मणिकर्णिका घाट पर परेशानियां हो रही हैं. गंगा गलियों में प्रवेश करने के साथ ही उस प्लेटफार्म के चारों ओर पहुंच चुकी हैं, जहां शवों का दाह संस्कार होता है. इसके कारण अब लोग शवों को पानी में डूबो कर ले जा रहे हैं और जगह कम होने की वजह से एक शव को जलाने में 5 से 6 घंटे का इंतजार करना पड़ रहा है.

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लकड़ी के लिए लगानी पड़ रही लाइन-
महाश्मशान मणिकर्णिका का विशेष महत्व माना जाता है. यही वजह है कि सिर्फ वाराणसी नहीं बल्कि देश और विदेश के कोने-कोने से लोग अपनों के मरणोपरांत उनका दाह संस्कार करने के लिए काशी के इसी श्मशान घाट पर आते हैं. इन दिनों यहां आने वाले शवों को मोक्ष के लिए इंतजार करना पड़ रहा है.

इसकी बड़ी वजह है गंगा गलियों में प्रवेश कर गई हैं और अब जगह बची ही नहीं है. जगह कम होने के कारण सिर्फ 10 प्लेटफार्म वाले स्थान पर एक बार में 10 शव ही जलाए जा रहे हैं. यहां आने वाले शवों की संख्या प्रतिदिन 50 से 60 है. इतना ही नहीं पहली बार शवों के दाह संस्कार के लिए लकड़ी की दुकानों पर नंबर लग रहे हैं. एक शव को जलाने के लिए 5 से 6 घंटे की वेटिंग है, जिसकी वजह से लोगों को भारी परेशानी उठानी पड़ रही है.

पढ़ें:- काशी में संपन्न हुआ श्रावणी उपाकर्म, पापों के प्रायश्चित के लिए किया जाता है यह विशेष पूजन

फिलहाल गंगा के जलस्तर बढ़ने का सिलसिला लगातार जारी है. केंद्रीय जल आयोग का कहना है कि गंगा का जलस्तर दोपहर में स्थिर हुआ था, लेकिन अभी गंगा का पानी नीचे उतरना शुरू नहीं हुआ है. माना जा रहा है कि एक बार गंगा का जलस्तर अभी फिर से बढ़ेगा.

Intro:सपेशल:

वाराणसी: मोक्ष दायिनी गंगा इन दिनों लोगों को डरा रही है खासतौर पर धर्म नगरी काशी में गंगा इन दिनों सड़कों से होते हुए गलियों तक पहुंच चुकी हैं लगातार गंगा का जलस्तर बढ़ रहा है और खतरे के निशान से गंगा वर्तमान में 53 सेंटीमीटर ऊपर बह रही है वाराणसी में खतरे का निशान 71.26 मीटर है और गंगा का जलस्तर वर्तमान में 71.79 मीटर है. गंगा के इस रौद्र रुप से जहां इस के तटीय इलाकों में रहने वाले लोग डरे हुए हैं वहीं अब मोक्ष दायिनी गंगा मोक्ष की राह में भी बड़ा रोड़ा बन रही है इसकी बड़ी वजह है महा शमशान मणिकर्णिका पर गंगा के जलस्तर में हुई वृद्धि की वजह से हो रही परेशानियां हालात यह है कि गंगा गलियों में प्रवेश करने के साथ ही उस प्लेटफार्म के चारों ओर पहुंच चुकी है जहां शवों का दाह संस्कार हो रहा है जिसके कारण अब शव लोगों को पानी में डूबो कर ले जाने पड़ रहे हैं और जगह कम होने की वजह से एक शव को जलाने में 5 से 6 घंटे का इंतजार करना पड़ रहा है.


Body:वीओ-01 महा शमशान मणिकर्णिका का विशेष महत्व माना जाता है यही वजह है कि सिर वाराणसी नहीं बल्कि देश और विदेश के कोने कोने से लोग अपनों के मरणोपरांत उनका दाह संस्कार करने के लिए काशी के इसी श्मशान घाट पर आते हैं लेकिन इन दिनों यहां आने वाले शवों को मोक्ष के लिए इंतजार करना पड़ रहा है. इसकी बड़ी वजह है गंगा गलियों में प्रवेश कर गई है और अब जगह बची ही नहीं है जगह कम होने के कारण सिर्फ 10 प्लेटफार्म वाले स्थान पर एक बार में 10 शव ही जलाए जा रहे हैं जबकि यहां आने वाले लोगों की संख्या प्रतिदिन 50 से 60 है इतना ही नहीं पहली बार शवों के दाह संस्कार के लिए लकड़ी की दुकानों पर व कायदे नंबर लग रहे हैं एक शव को जलाने के लिए 5 से 6 घंटे की वेटिंग है जिसकी वजह से लोगों को भारी परेशानी उठानी पड़ रही है.


Conclusion:वीओ-02 फिलहाल गंगा का अभी बढ़ने का सिलसिला लगातार जारी है केंद्रीय जल आयोग का कहना है कि गंगा का जलस्तर दोपहर में स्थिर हुआ था लेकिन अभी गंगा का पानी नीचे उतरना शुरू नहीं हुआ है माना जा रहा है एक बार गंगा का जलस्तर अभी फिर से बढ़ेगा उसके बाद संभव है कि गंगा नीचे उतरे जिसकी वजह से लोगों की मुसीबतें बढ़ती ही जा रही हैं और मोक्ष दायिनी दूंगा मोक्ष देने की राह में बड़ा रोड़ा बन रही है.

बाईट- मुकेश चौधरी, नंबर लगाने वाले दुकानदार
बाईट- राजकुमार जायसवाल, शवयात्री
बाईट- कौशल गुप्ता, स्थानीय नागरिक

गोपाल मिश्र

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