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प्रयागराज: टैगोर पब्लिक स्कूल में आयोजित की गई शिक्षक कॉन्फ्रेंस

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Published : Sep 8, 2019, 9:55 AM IST

रविकिरण, प्रशासक आनंद भवन

यूपी के प्रयागराज स्थित टैगोर पब्लिक स्कूल जिले के शिक्षकों की एक कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई, जिसमें विज्ञान शिक्षकों से स्कूली बच्चों के अंदर कैसे विज्ञान की सोच विकसित की जाए इस पर चर्चा की गई.

प्रयागराज: दीपनेट विज्ञान प्रसार और टैगोर पब्लिक स्कूल के संयुक्त तत्वाधान में एक शिक्षकों की कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई, जिसमें भारतीय विज्ञान जगत की उपलब्धि की सराहना की गई. वहीं कॉन्फ्रेंस में शिक्षकों से विज्ञान को लेकर नए-नए सुझाव मांगे गए. कॉन्फ्रेंस में जिले के करीब 60 विद्यालयों से लगभग 100 शिक्षकों ने प्रतिभाग किया.

टैगोर पब्लिक स्कूल में आयोजित की गई शिक्षक कॉन्फ्रेंस.
  • टैगोर पब्लिक स्कूल में शिक्षकों की एक कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई.
  • कॉन्फ्रेंस में चंद्रयान-2 पर भी चर्चा की गई.
  • विज्ञान शिक्षकों से कॉन्फ्रेंस में एक रिसर्च पेपर देकर सुझाव मांगा गया.
  • कॉन्फ्रेंस में जिले के करीब 60 विद्यालयों से लगभग 100 शिक्षकों ने प्रतिभाग किया.

आंनद भवन के प्रशासक ने ईटीवी भारत से बातचीत कर बताया कि चंद्रयान-2 हमारे वैज्ञानिकों का बहुत अच्छा प्रयास रहा. ये भारत के नागरिकों के लिए ही नहीं देश के लिए गौरव की बात है और पूरे विश्व में भारत का शीर्ष गर्व से ऊंचा हुआ है. आज के कार्यक्रम में इस पर चर्चा हुई कि कैसे बच्चों में वैज्ञानिक सोच डिवेलप करें.

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टैगोर पब्लिक स्कूल की प्राध्यापक ने ईटीवी भारत को बताया कि शिक्षकों की एक कॉन्फ्रेंस आयोजित की गई, जिसमें विज्ञान को लेकर सुज्ञाव माने गए. शिक्षकों को एक रिसर्च पेपर दिया गया, जिसमें उन्होंने अपने-अपने सुझाव दिए.

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भारत का चंद्रयान 2 मिशन विश्व पटल पर अब बाकी राष्ट्रों के मध्य सकारात्मक चुनौती प्रस्तुत करेगा

आई साइंस वर्ल्ड प्रयागराज द्वारा दीपनेट विज्ञान प्रसार भारत सरकार और टैगोर पब्लिक स्कूल प्रयागराज के साथ संयुक्त तत्वाधान में chandrayaan-2 के रूप में भारतीय विज्ञान जगत की उपलब्धि की सराहना स्वरूप विभिन्न वैज्ञानिक गतिविधियों का आयोजन किया जा रहा है जिसमें जिले के करीब 60 विद्यालयों से लगभग 100 शिक्षक प्रतिभाग कर रहे हैं


Body: रवि किरण ने chandrayaan-2 के ऊपर तकनीकी व्याख्यान देते हुए बताया कि किस तरह इसरो का यह मिशन एक ऐतिहासिक उपलब्धि रहा उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि हमारी पृथ्वी में करीब 64 चंद्रमा समा सकते हैं और चंद्रमा हमारी पृथ्वी के साथ ग्रेवी टेशन अली इसके फलस्वरूप हम उसका एक भी भाग देख पाते और भारतीय वैज्ञानिक उस सुदूर हिस्से के पास पहुंचने का प्रयास किया जो उस के करीब था इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य बच्चों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण एवं मनोज दृष्टि को विकसित करना था कार्यक्रम में वैज्ञानिकों ने कहा कि यह हमारी असफलता नहीं है बल्कि 95% हम इस पर सफल रहे हैं यह हमारी हार नहीं जीत है लोन विज्ञान को की सराहना की जिन्होंने रात-दिन एक करके chandrayaan-2 को चंद्रमा तक पहुंचाने का प्रयास किया

बाइट संजय श्रीवास्तव(आयोजन सचिव)
बाइट -रविकिरण (प्रशासक आनंद भवन)
बाइट -प्रीसिपल



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