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प्रयागराज कोर्ट ने कई माननीयों समेत अतीक अहमद को सुनाई है सजा

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Published : Apr 18, 2023, 6:14 PM IST

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प्रयागराज एमपी एमएलए कोर्ट

प्रयागराज एमपी एमएलए कोर्ट में कई माननीयों के ऊपर चल रहे केस में उन्हें सजा सुनायी जा चुकी है. आइए जानते उन दिग्गज नेता और मंत्रियों के बारे में जिन्हें हाल ही सजा मिली है.

प्रयागराजः प्रयागराज एमपी एमएलए कोर्ट से एक दो नहीं बल्कि कई विधायक और सांसद को सजा दी जा चुकी है. जनपद न्यायालय की नयी बिल्डिंग में एमपी एमएलए कोर्ट चलती है. यहां पर सरकार की तरफ से पक्ष रखने वाले वकीलों ने मजबूत तरीके से पैरवी करके माननीयों को सजा दिलवाई है. इसमें पूर्व बाहुबली सांसद अतीक अहमद, पूर्व सांसद कपिल मुनि करवरिया, पूर्व विधायक उदय भान करवरिया, पूर्व एमएलसी सूरज भान करवरिया, पूर्व विधायक विजय मिश्र, विधायक विजमा यादव, नंद गोपाल गुप्ता नंदी कैबिनेट मंत्री को भी सजा सुनायी गयी है.

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अतीक अहमद

एमपी एमएलए कोर्ट में सरकारी अधिवक्ताओं की तरफ से मजबूत तरीके से पैरवी की गई है. इससे प्रयागराज के एमपी एमएलए कोर्ट में कई माननीयों के ऊपर चल रहे केस में उन्हें सजा सुनायी जा चुकी है. इसमें हाल ही सबसे चर्चित केस अतीक अहमद का रहा है, जिसमें 28 मार्च को अतीक अहमद को उमेश पाल अपहरण कांड में आजीवन कारावास की सजा सुनायी गयी. अतीक अहमद के ऊपर सौ से ज्यादा मुकदमें दर्ज थे. उसके ऊपर पहला मुकदमा 1979 में दर्ज हुआ था और आखिरी केस 2023 में दर्ज हुआ, लेकिन इतने सालों में उसको पहली बार सजा 28 मार्च को सजा सुनायी गयी है. हालांकि सजा सुनाए जाने के मात्र 17 दिन बाद उसकी हत्या कर दी गयी.

करवरिया बंधुओं को आजीवन कारावास
13 अगस्त 1996 को प्रयागराज के सिविल लाइंस में विधायक जवाहर पंडित की हत्या हुई थी. इस हत्याकांड में संगम नगरी प्रयागराज में पहली बार AK-47 का इस्तेमाल किया गया था. जवाहर पंडित के भाई सुलाकी यादव ने करवरिया बंधुओं के खिलाफ सिविल लाइंस थाने में नामजद मुकदमा दर्ज करवाया था. तीनों करवरिया बंधुओं के खिलाफ दर्ज इस केस की कई बार विवेचना हुई थी. इसके बाद नवंबर 2019 में एमपी एमएलए कोर्ट ने पूर्व सांसद कपिल मुनि करवरिया, पूर्व विधायक सूरज भान करवरिया व पूर्व विधायक उदयभान करवरिया को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है. विधायक जवाहर पंडित हत्या कांड में आरोपी तीनों करवरिया बंधु अलग भाजपा और बसपा से जुड़े हुए थे.

पूर्व विधायक विजय मिश्र को पांच वर्ष की कैद
भदोही की ज्ञानपुर विधानसभा सीट से पूर्व विधायक विजय मिश्र को एमपी एमएलए कोर्ट से 5 साल की सजा और जुर्माना लगाया था. एमपी एमएलए कोर्ट के न्यायाधीश ने चुनावी सभा में गोली चलाने के मामले में पांच वर्ष की कैद और अर्थदंड की सजा से दंडित किया है. विजय मिश्र के खिलाफ 2009 में फूलपुर थाना क्षेत्र में केस दर्ज हुआ था. फूलपुर इलाके में सभा के दौरान गोली चलने से विजय मिश्र के गनर समेत तीन लोग जख्मी हुए थे. जांच में पता चला था कि विजय मिश्र के गनर संजय मौर्य की सरकारी कार्बाइन से गोलियां चलाई गई थी. मौके पर पहुंची पुलिस ने सरकारी कार्बाइन विजय मिश्र के कब्जे से बरामद की थी. प्रयागराज में रहने वाले भदोही के पूर्व विजय मिश्र के खिलाफ हत्या, रेप, अपहरण समेत तमाम संगीन मुकदमे दर्ज हैं.

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पूर्व विधायक विजय मिश्र

कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल नंदी को एक साल की सजा
प्रयागराज की एमपी एमएलए कोर्ट से पूर्व विधायक सांसद के साथ ही यूपी सरकार के कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी को भी एक साल की सजा सुनायी जा चुकी है. मंत्री नंद गोपाल नंदी पर 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ था. जिला शाशकीय अधिवक्ता फौजदारी गुलाब चन्द्र अग्रहरि ने बताया कि 3 मई 2014 को सपा सांसद और उम्मीदवार रेवती रमण सिंह की जनसभा के दौरान दोनों पक्षों में मारपीट हुई थी.

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कैबिनेट मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी

सपा कार्यकर्ता वेंकटरमण शुक्ला ने नंद गोपाल गुप्ता नंदी और उनके समर्थकों के खिलाफ मुट्ठीगंज थाने में केस दर्ज करवाया था. नंदी की तरफ से तत्कालीन सपा सांसद रेवती रमण सिंह और उनके समर्थकों के खिलाफ क्रास एफआईआर भी दर्ज कराई गई थी. उसी केस में एमपी-एमएलए कोर्ट ने नंदी को एक साल की सजा सुना दी है.

सपा विधायक विजमा यादव को डेढ़ साल की सजा
सपा विधायक विजमा यादव को स्पेशल एमपी एमएलए कोर्ट ने 22 साल पहले झूंसी थाना क्षेत्र के सहसों चौराहे पर हुई घटना के मामले में डेढ़ साल की सजा सुनाई है. सपा विधायक विजमा यादव 21 सिंतबर साल 2000 की घटना को लेकर सजा सुनायी गयी है. कोर्ट ने सपा की महिला विधायक विजमा यादव को डेढ़ साल की सजा सुनायी है. इसके साथ ही कोर्ट ने सपा की इस महिला विधायक को ऊपर अर्थदंड भी लगाया है.

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सपा विधायक विजमा यादव

बताया जाता है कि 21 सितंबर 2000 को सहसों चौराहे पर एक बच्चे की एक्सीडेंट में मौत हो गयी थी. इसके बाद उसके शव को सड़क पर रखकर जाम लगाकर प्रदर्शन किया जा रहा था. विधायक सहित 14 आरोपियों पर आरोप था कि उनके उकसाने पर ही भीड़ ने पुलिस टीम पर हमला किया था बम गोली चलायी थी.

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