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एक तरफ स्वच्छता की वाहवाही दूसरी तरफ गंदगी का अंबार, देखिए क्या है मेरठ का हाल..

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Published : Apr 8, 2022, 3:09 PM IST

साफ-सफाई के मामले में लगातार सुधार के लिए भले ही मेरठ को सराहना मिल रही हो लेकिन कैंट इलाके में भीषण गंदगी का अंबार है. यहां के टूटे रास्ते, चोक नाले और कचरे के ढेर स्वच्छता अभियान की पोल खोलते नजर आते हैं. यहां से गुजरने वाले लोगों को हर दिन तमाम दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. देखिए ईटीवी भारत की पड़ताल..

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गंदगी का अंबार

मेरठ: साफ-सफाई के मामले में लगातार सुधार के लिए भले ही मेरठ को सराहना मिल रही हो लेकिन कैंट इलाके में भीषण गंदगी का अंबार है. यहां के टूटे रास्ते, चोक नाले और कचरे के ढेर, स्वच्छता अभियान की पोल खोलते नजर आते हैं. यहां से गुजरने वाले लोगों को हर दिन तमाम दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. ईटीवी भारत ने तीन वार्डों में रियलिटी चेक किया. इस दौरान पाया कि यहां अभी भी आम आदमी के सामने गंदगी से संबंधित गंभीर समस्याए हैं.

ईटीवी भारत की ग्राउंड रिपोर्ट

स्थानीय नागरिकों का कहना है कि उन्होंने गंदगी को लेकर कई बार जनप्रतिनिधियों से लेकर अफसरों तक फरियाद लगा चुके हैं लेकिन उनकी कोई मदद नहीं हो रही है. उन्होंने बताया कि नालियां पूरी तरह से जाम हैं. बिना बारिश के भी लोगों के घरों तक नालियों का पानी उनके घरों में घुस जाता है. स्थानीय निवासियों ने अफसोस जाहिर करते हुए कहा कि मेरठ कैंट से बीजेपी 1989 से जीत दर्ज करती आ रही है लेकिन इलाके में किसी भी जनप्रतिनिधि की तरफ से कोई सुधार नहीं कराया गया. कैंटोनमेंट बोर्ड के अधिकारियों से भी कई बार गुहार के बाद भी कोई हल नहीं निकल सका है. इसके चलते लोग का नरकीय जीवन जीने को मजबूर हैं.

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मामले में ईटीवी भारत ने मुख्य अधिशासी अधिकारी छावनी परिषद का अतिरिक्त कार्यभार संभाल रहे रक्षा संपदा अधिकारी हरेंद्र सिंह से बात की. उनका कहना है कि समस्या का हल खोज रहे हैं. नालों पर अतिक्रमण के कारण साफ सफाई में दिक्कत होती है. ये पुरानी और गंभीर समस्या है और दिन-प्रतिदिन विकराल होती जा रही है. उन्होंने बताया कि हाल ही में उन्होंने चार्ज लिया है. क्षेत्र की समस्याओं को समझकर विभागीय अधिकारियों से चर्चा कर समस्या का समाधान निकाला जाएगा.

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