ETV Bharat / state

मेरठ: CCSU ने बनाया शरीर की प्रतिरक्षा जांच करने का आधुनिक उपकरण

author img

By

Published : Jul 3, 2020, 2:02 AM IST

शरीर की प्रतिरक्षा जांच करने का आधुनिक उपकरण
शरीर की प्रतिरक्षा जांच करने का आधुनिक उपकरण

यूपी के मेरठ में चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी के जूलॉजी विभाग ने शरीर की प्रतिरक्षा जांच करने का आधुनिक उपकरण तैयार किया है. इससे यह पता लगाया जा रहा है कि हमारा शरीर कोरोना से लड़ने के लिए कितना मजबूत है.

मेरठ: चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी में गुरुवार से कुलपति स्वास्थ्य सुरक्षा अभियान की शुरूआत की गई. यूनिवर्सिटी के जूलॉजी (जंतु विज्ञान) विभाग द्वारा शुरू किये गए इस अभियान की कुलपति प्रोफेसर नरेंद्र कुमार तनेजा ने शुरुआत की. सात दिनों तक चलने वाले इस अभियान के तहत आधुनिक मशीनों से जूलॉजी विभाग, यूनिवर्सिटी के सभी शिक्षक और कर्मचारियों के शरीर की तीन स्तरीय जांच करेगा. इसके तहत यह जाना जा रहा है कि कोरोना से लड़ने के लिए हमारा शरीर कितना मजबूत है.

कुलपति समेत 50 लोगों की जांच
कुलपति स्वास्थ्य सुरक्षा अभियान के पहले दिन गुरुवार को 50 लोगों की जांच की गई. पहले दिन कुलपति प्रो. नरेंद्र कुमार तनेजा, प्रति कुलपति प्रोफेसर वाई विमला, कुलसचिव धीरेंद्र कुमार वर्मा, वित्त नियंत्रक सुशील कुमार गुप्ता, परीक्षा नियंत्रक डॉ. अश्वनी कुमार शर्मा के अलावा यूनिवर्सिटी के सभी डीन और डायेरक्टर की जांच की गई. इस दौरान कुलपति ने कहा कि जूलॉजी विभाग में जो आधुनिक उपकरण बनाया है, वह समाज के बहुत काम आएगा. अभियान को लेकर कहा कि यह एक अच्छी पहल है. हमारा शरीर कितना मजबूत है, रोगों से लड़ने के लिए हमारी शारीरिक क्षमता कितनी है, इसका पता होना बहुत आवश्यक है.

पीपीई किट पहनकर की गई जांच
जूलॉजी विभाग में शरीर की तीन स्तरीय जांच करने वाले स्टूडेंटस ने पीपीई किट पहनकर जांच प्रक्रिया की. यह अभियान सात दिन तक चलेगा. इन सात दिनों में प्रत्येक विभाग के समस्त शिक्षकों वह कर्मचारियों की शारीरिक जांच की जाएगी. इसके लिए प्रत्येक विभाग को जांच कराने का दिन और समय निश्चित करते हुए बता दिया गया है. ​पहले दिये गए समय के अनुसार ही संबंधित विभाग के शिक्षक व कर्मचारियों की जांच होगी.

जूलॉजी विभाग को जांच की जिम्मेदारी
कुलपति स्वास्थ्य सुरक्षा अभियान की जिम्मेदारी कुलपति प्रो. नरेंद्र कुमार तनेजा ने जूलॉजी विभाग की विभागाध्यक्ष प्रोफेसर नीलू जैन गुप्ता को दी गई है. उन्हीं के देखरेख में यह सात दिवसीय अभियान चलेगा. प्रोफेसर वाई विमला भी इस अभियान को लेकर लगातार समीक्षा कर रही हैं. प्रोफेसर नीलू जैन का कहना है कि जूलॉजी विभाग में उपलब्ध उपकरणों के माध्यम से विश्वविद्यालय में समस्त शिक्षक और कर्मचारियों के शरीर की तीन स्तरीय जांच की जाएगी. सात दिनों तक यह अभियान चलाया जाएगा.

ऐसे हुई शरीर की तीन स्तरीय जांच
1- जांच में सबसे पहले मापा गया कि शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा कितनी है. श्वास लेने की व छोड़ने की क्षमता कितनी है.
2- दूसरे नंबर पर शरीर के तापमान की जांच की गयी.
3- तीसरे नंबर पर शरीर के अंदर रक्त गणना यानी डब्ल्यूबीसी के बारे में जाना गया.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.