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कोरोना का श्री कृष्ण जन्मस्थान परिसर और द्वारकाधीश मंदिर की आय पर असर

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Published : Oct 27, 2020, 10:50 PM IST

श्री कृष्ण जन्मस्थान परिसर की आय पर कोरोना का असर.
श्री कृष्ण जन्मस्थान परिसर की आय पर कोरोना का असर.

कोरोना की वजह से श्री कृष्ण जन्मस्थान परिसर और द्वारकाधीश मंदिर की आय में भारी गिरावट आई है. परिसर में बनी दुकानों को मंदिर की आय का बड़ा स्रोत माना जाता है. लेकिन कोरोना के चलते यहां आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में भारी कमी आई है. इससे दुकानदारों ने मंदिर प्रशासन को छह महीने से किराया नहीं दिया है.

मथुरा: मंदिर परिसर में बनी दुकानों को श्री कृष्ण जन्मस्थान परिसर और द्वारकाधीश मंदिर की आय का बड़ा स्रोत माना जाता है. ब्रज के मंदिरों में हर साल करोड़ों की संख्या में श्रद्धालु ठाकुर जी के दर्शन करने के लिए आते हैं. ये श्रद्धालु ठाकुर जी के नाम पर अपनी श्रद्धा से चढ़ावा चढ़ाते हैं. वहीं मंदिर परिसर में बनी सालों पुरानी दुकानों से न्यूनतम पचास रुपये से लेकर अधिकतम तीन हजार रुपये तक किराया मासिक वसूला जाता है. लेकिन वैश्विक महामारी कोविड-19 से मंदिर की आय पर पड़ा बड़ा असर पड़ा है. कोरोना के चलते मंदिरों में श्रद्धालुओं की संख्या में भारी गिरावट आई है. वहीं दुकानदारों की बिक्री भी पूरी तरह से ठप हो गई है. इस वजह से दुकानदारों ने मंदिर प्रबंधक को पिछले 6 माह से किराया नहीं दिया है.

श्री कृष्ण जन्मस्थान परिसर में नहीं हो रही दुकानदारों की बिक्री.
श्री कृष्ण जन्मस्थान परिसर में नहीं हो रही दुकानदारों की बिक्री.

मंदिर की आय का बड़ा स्रोत दुकान का किराया
श्री कृष्ण जन्मस्थान परिसर में 70 दुकानें बनी हुई हैं, जिसमें ठाकुर जी के वस्त्र, आभूषण, मिठाइयों की दुकानें और रेस्टोरेंट्स भी हैं. इन्हीं दुकानों से किराया वसूलकर मंदिर प्रबंधक ठाकुर जी की सेवाएं नियमित रूप से की जाती है. जन्मभूमि परिसर के पास बनी दुकानों से पांच सौ रुपये से लेकर तीन हजार रुपये तक किराया वसूला जाता है. लेकिन कोरोना के चलते दुकानदारों ने मंदिर प्रबंधक को पिछले 6 माह से किराया नहीं दिया है.

देखें वीडियो.

8 महीने से नहीं हो रही बिक्री
दुकानदारों का कहना है कि वैश्विक महामारी के चलते श्रद्धालु मंदिर दर्शन करने नहीं आ रहे हैं. 8 महीने से दुकानों पर कोई खरीदारी नहीं हुई, इससे हम किराया देने में असमर्थ हैं. दुकानदारों का कहना है कि मंदिर प्रशासन ने किराया वसूलने के लिए कोई जबरदस्ती भी नहीं की है. दुकानदारों का कहना है कि कोविड-19 की वजह से सरकार ने 24 मार्च से लॉकडाउन लगाया गया था. इसके चलते देश के सभी मंदिरों को श्रद्धालुओं के लिए बंद कर दिया गया था. हालांकि मंदिर परिसर के अंदर ठाकुर जी की सेवाएं नियमित रूप से चलती रहीं.

द्वारकाधीश मंदिर पर कोरोना का असर.
द्वारकाधीश मंदिर पर कोरोना का असर.
मंदिर की आय में भारी कमीश्री कृष्ण जन्मस्थान में लॉकडाउन से पहले हर-रोज 10 से 15 हजार श्रद्धालु ठाकुरजी जी के दर्शन करने के लिए आते थे. इससे श्री कृष्ण जन्मस्थान मासिक आय 25 लाख रुपये से लेकर 30 लाख रुपये तक होती थी. श्री कृष्ण जन्मस्थान मंदिर परिसर में 170 कर्मचारी कार्यरत हैं, जिनको समय-समय पर अलग-अलग वेतन दिया जाता है.

वहीं शहर के द्वारकाधीश मंदिर में हर-रोज सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु मंदिर में ठाकुर जी के दर्शन करने के लिए आते हैं. मंदिर प्रशासन की व्यवस्थाओं को लेकर 60 कर्मचारी मंदिर में कार्यरत हैं. सबको वेतन मंदिर प्रशासन द्वारा दिया जाता है. लॉकडाउन से पहले मंदिर की मासिक आय पांच लाख रुपये हो जाती थी.

सरकार द्वारा जारी गाइडलाइंस का पालन करते हुए श्री कृष्ण जन्मस्थान मंदिर श्रद्धालुओं के लिए खोले गए. इसके साथ ही हर दिन बारह सौ श्रद्धालुओं को दर्शन की अनुमति दी गई. इससे हर रोज पंद्रह से बीस हजार रुपये का चढ़ावा मंदिर में आ जाता है. द्वारकाधीश मंदिर में भी चार से पांच सौ श्रद्धालु दर्शन करने के लिए हर रोज आ जाते हैं. मंदिर में चार पांच हजार रुपये चढ़ावे के आ जाते हैं.

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