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केजीएमयू की नर्सिंग भर्ती परीक्षा का पेपर सोशल मीडिया पर वायरल, आगरा में 14 पेपर गायब मिले

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 29, 2023, 10:03 AM IST

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केजीएमयू की नर्सिंग भर्ती परीक्षा का पेपर सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. इस मामले की जांच शुरू हो गई है. वहीं, आगरा के एक सेंटर में 14 पेपर गायब मिले हैं. आशंका जताई जा रही है कि अभ्यर्थी पेपर घर ले जा सकते हैं.

लखनऊ : किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) की नर्सिंग परीक्षा संपन्न होने के बाद प्रश्नपत्र सोशल मीडिया पर वायरल होने की सूचना के बाद हड़कंप मच गया है. घटना को गंभीरता से लेते हुए केजीएमयू प्रशासन ने जांच समिति का गठन ओर जांच शुरू करवा दी है. वहीं, प्रारंभिक जांच में आगरा के एक सेंटर में छात्रों द्वारा प्रश्नपत्र जमा न करने का मामले का खुलासा होने पर एसटीएफ की जानकारी दी गई है.

केजीएमयू की ओर से बीते रविवार को नर्सिंग के करीब 1200 पदों के लिए परीक्षा हुई. इसमें करीब 55 हजार अभ्यर्थियों ने प्रतिभाग किया था. यह परीक्षा प्रदेश के 134 केंद्रों पर एक साथ आयोजित कराई गई थी. सोमवार को प्रश्न पत्र सोशल मीडिया में वायरल होने की शिकायत मिली. हालांकि, परीक्षा में गड़बड़ी होने से केजीएमयू प्रशासन ने इनकार किया है. प्रशासन का दावा है कि परीक्षा कड़े पहरे में हुई है. किसी प्रकार की गड़बड़ी की शिकायत प्राप्त नहीं हुई है.

आगरा के सेंटर से 14 प्रश्नपत्र गायब
केजीएमयू प्रवक्ता डॉ. सुधीर सिंह ने बताया कि कुछ अराजकतत्वों द्वारा प्रश्नपत्र को व्हाट्सऐप पर वायरल होने की शिकायत की गई थी. जिसे केजीएमयू प्रशासन ने गंभीरता से लिया. प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि आगरा के आगरा कॉलेज, लॉ फैकल्टी-ब्लॉक-ए (केंद्र संख्या-5) में 14 छात्र परीक्षा के बाद प्रश्नपत्र जमा करने के बजाय साथ लेकर चले गए. जिसकी सूचना एसटीएफ को दे दी गई. वहीं,केजीएमयू प्रशासन के प्रयास से कुछ छात्रों से प्रश्नपत्र वापस प्राप्त भी कर लिए गए हैं. इस मामले में लापरवाही बरतने पर केंद्र को ब्लैकलिस्ट कर दिया गया.

शांति मार्च निकाल कर जताया विरोध
किंग जार्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय (केजीएमयू) प्रशासन पर शिक्षकों की भर्ती में राष्ट्रीय अनुसूचित आयोग के नियमों की अनदेखी करने का आरोप लगा है. यह आरोप अखिल भारतीय पिछड़ा वर्ग महासंघ की तरफ से लगाया गया है. इन्हीं आरोपों को लेकर महासंघ की ओर से मंगलवार को केजीएमयू में एक शांति मार्च निकाल कर विरोध जताया गया. इस दौरान राज्यपाल को संबोधित एक ज्ञापन के माध्यम से शिक्षकों की भर्ती नियमानुसार कराने की मांग की गई.

महासंघ के अध्यक्ष रामचंद्र पटेल ने बताया कि राष्ट्रीय अनुसूचित आयोग ने निर्देश दिया था कि केजीएमयू में होने वाली शिक्षकों की भर्ती में बैकलॉग की भर्ती सामान्य विज्ञापन की प्रक्रिया से पहले की जाए. आयोग ने यह निर्देश इसी साल के मई महीने में दिया था. वहीं शिक्षकों के भर्ती प्रकरण पर राज्यपाल ने केजीएमयू प्रशासन से पूरे मामले की तथ्यात्मक रिपोर्ट मांगी थी, लेकिन केजीएमयू प्रशासन की तरफ से उसका जवाब भी नहीं दिया गया था. इसी के चलते महासंघ ने शांति मार्च निकालने का फैसला लिया था,लेकिन केजीएमयू की कुलपति के तरफ से 10 दिन में भर्ती की कार्रवाई स्थगित करने का आश्वासन दिया गया था. उचित कार्रवाई न होने पर आज रैली निकाली गई और राजभवन पहुंचकर राज्यापाल के नाम ज्ञापन सौंपा गया.

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