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प्रदेश के 75 जिलों में जांच अधिकारी खोज सके केवल 180 गैर मान्यता प्राप्त विद्यालय, जानिए कितने कराए गए बंद

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 19, 2023, 9:27 AM IST

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माध्यमिक शिक्षा परिषद सचिव ने नाराजगी जाहिर करते हुए फर्जी विद्यालयों की सूची (180 unrecognized schools in 75 districts of UP) तैयार करने में तेजी लाने के आदेश दिए हैं. जिसके बाद भी जिला विद्यालय निरीक्षक अभी तक बोर्ड को ऑनलाइन सूचना नहीं भेज सके हैं.

लखनऊ : प्रदेश के सभी जिलों में बिना मान्यता संचालित हो रहे निजी विद्यालय पर अधिकारियों की उदासीनता के चलते कार्रवाई नहीं हो पा रही है. माध्यमिक शिक्षा परिषद सचिव दिब्यकांत शुक्ला की ओर से जारी आदेश के बाद भी जिला विद्यालय निरीक्षक न तो ऐसे स्कूलों की सूची तैयार कर पाये हैं न ही अभी तक बोर्ड को ऑनलाइन सूचना भेजी है. सचिव के आदेश के बाद भी प्रदेश के सभी 75 जिलों में जांच अधिकारी केवल 180 गैर मान्यता प्राप्त विद्यालयों की सूची तैयार कर पाए हैं. इस पर सचिव परिषद ने अब नाराजगी जाहिर करते हुए फर्जी विद्यालयों की सूची तैयार करने में तेजी लाने के आदेश दिए हैं. बता दें कि प्रदेश सरकार के निर्देश पर अभी तक चार हजार से अधिक फर्जी विद्यालयों को बंद कराया जा चुका है, लेकिन अभी भी बहुत से ऐसे विद्यालय हैं जो बिना मान्यता के संचालित हो रहे हैं, इनके खिलाफ अभियान चलाकर कार्रवाई के निर्देश दिए गये हैं.

सूची तैयार करने के निर्देश
सूची तैयार करने के निर्देश

दूसरे विद्यालय की मान्यता पर चला रहे हैं विद्यालय : माध्यमिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने बताया कि 'बिना मान्यता प्राप्त विद्यालय दूसरे मान्यता प्राप्त विद्यालय प्रबंधन की सांठगांठ से संचालित किया जाता है. गैर मान्यता प्राप्त विद्यालय आवेदन अपने यहां लेते हैं, लेकिन परीक्षा फॉर्म मान्यता प्राप्त विद्यालय से भरवाते हैं. इसमें अधिकांश विद्यालयों में किसी की कक्षा पांच तो किसी की कक्षा आठ तक मान्यता होती है तो वह कक्षा नौ से 12 तक बच्चों का फॉर्म दूसरे विद्यालयों से भरवाते हैं. इसके लिए वह प्रति बच्चा फीस का कुछ हिस्सा मान्यता प्राप्त विद्यालय संचालक को देना होता है. बोर्ड के अधिकारियों के मुताबिक, कई विद्यालय ऐसे भी होते हैं, जिनके यहां इंटरमीडिएट तक हर विषय की मान्यता नहीं होती है. ऐसे में वह सभी विषयों में आवेदन लेते हैं, लेकिन जिस विषय की मान्यता नहीं होती है. उन छात्रों का परीक्षा फॉर्म दूसरे विद्यालय से भरवा देते हैं. अभिभावकों को जब तक ये खेल समझ आता है तो वह बच्चे के भविष्य को देखते हुए चुप हो जाते हैं.'



राजधानी लखनऊ में ही दो फर्जी विद्यालय का पता चला है : विभागीय अधिकारियों का कहना है कि 'फर्जी विद्यालयों की पहचान कर उन पर कार्रवाई करने की प्रक्रिया में विभाग के अधिकारी लगातार सुस्ती बरत रहे हैं. सचिव परिषद में अगस्त महीने में सभी जिलों के जिला विद्यालय निरीक्षकों को फटकार लगाई थी. जब उन्होंने पूरे प्रदेश में जीरो गैर मान्यता वाले विद्यालयों की सूची भेजी थी. इसके बाद प्रदेश के जिलों में 100 से अधिक गैर मान्यता प्राप्त विद्यालयों की सूची तैयार की गई. परिषद से सख्ती बढ़ाने पर यह संख्या 180 तक पहुंच गई. इसमें राजधानी लखनऊ से दो फर्जी विद्यालयों के नाम शामिल हैं.'

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