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Ramcharit Manas Controversy : सपा कार्यालय पर भाजपा कार्यकर्ताओं ने किया प्रदर्शन, रामचरित मानस की प्रति लेकर पहुंचे

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Published : Feb 3, 2023, 3:53 PM IST

Updated : Feb 3, 2023, 3:58 PM IST

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राजधानी में समाजवादी पार्टी कार्यालय पर सिख समुदाय से जुड़े भाजपा कार्यकर्ताओं (Ramcharit Manas Controversy) ने प्रदर्शन किया. कार्यकर्ताओं ने समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्या के रामचरित मानस को लेकर दिये गए विवादित बयान पर प्रदर्शन किया.

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लखनऊ : समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्या के रामचरित मानस को लेकर दिये गए विवादित बयान के बाद शुक्रवार को सिख समुदाय से जुड़े भाजपा कार्यकर्ताओं ने समाजवादी पार्टी कार्यालय के बाहर प्रदर्शन किया. कानपुर, बुंदेलखंड क्षेत्र के आर्थिक प्रकोष्ठ के भाजपा कार्यकर्ताओं का एक प्रतिनिधिमंडल सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को एक ज्ञापन देने पहुंचा था, हाथ में रामचरित मानस की प्रति लेकर भाजपा कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी भी की. जिसका समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने विरोध किया. इसके बाद पुलिस ने सभी कार्यकर्ताओं को वहां से हटा दिया.

सौंपा ज्ञापन
सौंपा ज्ञापन


शुक्रवार को समाजवादी पार्टी कार्यालय के सामने भाजपा से जुड़े सिख समुदाय के लोग रामचरितमानस की पुस्तक लेकर पहुंचे थे और सिख समुदाय के लोग भगवा कपड़ा मुंह में बांधकर रामचरितमानस लेकर नारेबाजी करने लगे. भारतीय जनता पार्टी के कानपुर, बुंदेलखंड के आर्थिक प्रकोष्ठ के क्षेत्रीय सहसंयोजक सिमरनजीत सिंह के नेतृत्व में भाजपा कार्यकर्ता सपा कार्यालय के सामने पहुंचे थे. जिसके बाद स्वामी प्रसाद मौर्या द्वारा रामचरितमानस की चौपाइयों पर की गई अभद्र टिप्पणी का विरोध किया. भाजपा कार्यकर्ताओं ने अखिलेश यादव के लिए यह ज्ञापन लिखा था जिसे पुलिस ने ले लिया.

अखिलेश यादव को दिए गए ज्ञापन में कहा गया है कि 'आपकी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्या की अज्ञान्ता पूर्ण टिप्पणी की ओर आकर्षित कर रहा हूं. जिसमें स्वामी प्रसाद मौर्या ने गोस्वामी तुलसीदास की रचना सुंदरकांड के दोहे का अर्थ का अनर्थ कर न केवल सनातनी सभ्यता को धूमिल किया है, अपितु धर्म के प्रति अपने ज्ञान पर भी प्रश्नचिन्ह लगाया है? उक्त दोहा राम चरितमानस के पृष्ठ संख्या 767 में अंकित सुंदरकांड से है जिसका अर्थ सहित टीका भी सहज उपलब्ध है. यदि महासचिव ने उक्त टीका पढ़ा होता एवं उन्हें सनातनी विचार धारा का रंचमात्र भी ज्ञान होता तो वह ऐसी समाज को विघटन करने का बयान कदापि न देते. ज्ञातव्य हो कि कद्दावर नेताओं के बयान राष्ट्रीय शान्ति में भूचाल ला सकते हैं, जिसके कई जीवन्त उदाहरण उपलब्ध हैं. सिख समाज देश व प्रदेश में शान्ति बनाये रखने का पक्षधर है एवं राष्ट्रीय सौहार्द के प्रति चिन्तित है...'

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Last Updated :Feb 3, 2023, 3:58 PM IST
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