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पूर्व डीजीपी जिसे भाजपा ने भेजा राज्यसभा, जाने दलितों पर उनकी राय

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Published : Nov 4, 2020, 10:42 AM IST

Updated : Nov 4, 2020, 1:42 PM IST

भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी बृजलाल को राज्यसभा भेजा है. उन्होंने कहा कि भाजपा दलितों की हितैषी है, वहीं राजनीतिक लाभ के लिए सपा, बसपा दलितों को भ्रमित करती है.

उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी बृजलाल
उत्तर प्रदेश के पूर्व डीजीपी बृजलाल

लखनऊ: उत्तर प्रदेश पुलिस के डीजीपी रहे पूर्व आईपीएस ऑफिसर बृजलाल पर भाजपा का विश्वास लगातार बरकरार है. पहले जहां बृजलाल को एससी/एसटी आयोग का अध्यक्ष बनाया गया था, वहीं अब भाजपा सरकार ने बृजलाल पर दांव लगाते हुए राज्यसभा भेजा है. राज्यसभा सांसद बनने के बाद बृजलाल से उत्तर प्रदेश लॉ एंड ऑर्डर से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर बातचीत की गई.

पूर्व डीजीपी बृजलाल से खास बातचीत

बृजलाल का शरुआती सफर


ईटीवी भारत से खास बातचीत में बृजलाल ने कहा कि मेरा यह सफर आसान नहीं था. मैं नेपाल बॉर्डर के सिद्धार्थनगर जिले के एक छोटे से गांव का रहने वाला हूं. बचपन में आम और महुआ के पेड़ के नीचे बैठकर पढ़ाई की है, लेकिन इच्छाशक्ति प्रबल थी, लिहाजा 24 किलोमीटर नंगे पैर पैदल चलकर स्कूल जाता था. इच्छाशक्ति का ही परिणाम है कि हाईस्कूल में मेरी 33वीं रैंक गई थी, जिसके बाद मुझे नेशनल स्कॉलरशिप के 60 रुपये मिले थे. इससे पढ़ाई आगे बढ़ी. मैंने कभी भी दलित स्कॉलरशिप नहीं ली है. 12वीं में मेरी 10वी रैंक आई. बीएसई में 6वी रैंक, उसके बाद मैंने मैथ्स विषय के साथ एमएससी की और 22 वर्ष की उम्र में आईपीएस के लिए चयनित हुआ. मैं जब आईपीएस बना तो तमाम लोगों ने कहा कि अभी उम्र कम है. आईएएस के लिए तैयारी कर सकते हो, लेकिन मैंने पुलिस सेवाओं को चुना, क्योंकि मेरा उद्देश्य लोगों की सेवा करना था. पुलिस एक ऐसी सेवा है, जिसमें आप तुरंत लोगों की मदद कर सकते हैं.

दलितों की हितैषी है भाजपा

बृजलाल ने कहा कि देश में समाजवादी पार्टी व बसपा दलित समाज के लोगों को भ्रमित करने का काम कर रही है. समाजवादी पार्टी सुप्रीमो मायावती अपने आप को दलितों की सहयोगी के तौर पर प्रकट करती हैं, लेकिन सच्चाई यह है कि दलितों की भलाई सिर्फ भारतीय जनता पार्टी कर रही है. बृजलाल ने कहा कि एससी/एसटी का गठन 1989 में किया गया था. इसके बाद हरिजनों के साथ आपराधिक मामले में एससी एसटी के तहत चार्जशीट दाखिल होने पर पीड़ित को सहायता राशि दी जाती थी. बीएसपी ने वर्ष 2007 में एक आदेश जारी कर सिर्फ हत्या, हत्या का प्रयास व बलात्कार जैसे मामले में ही एससी/एसटी एक्ट के तहत कार्रवाई की बात कही थी, जबकि भारतीय जनता पार्टी के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा एससी एसटी/एक्ट को कमजोर करने के फैसले के बावजूद कांस्टीट्यूशनल अमेंडमेंट कर एससी/एसटी एक्ट को मजबूती दी.

राजनीतिक लाभ के लिए सपा, बसपा दलितों को करती है भ्रमित

बृजलाल ने कहा कि समाजवादी पार्टी व बसपा सिर्फ राजनीतिक फायदा लेने के लिए दलित की बात करती हैं. दलितों के हित के लिए कोई काम नहीं कर रहा. दलितों के लिए अगर किसी ने काम किया है तो भारतीय जनता पार्टी ने काम किया है और मैं आने वाले दिनों में अपने समाज के लोगों को यह समझाने की पूरी कोशिश करूंगा कि वह समाजवादी पार्टी व बसपा सहित रावण जैसे लोगों के बहकावे में न आए और अपने सच्चे हितैषी को पहचाने.

भाजपा अपराधियों पर कर रही कार्रवाई

उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में बृजलाल ने कहा कि उत्तर प्रदेश में जरूर आपराधिक घटनाएं सामने आ रही हैं. लेकिन योगी आदित्यनाथ की सरकार ने आपराधिक घटनाओं को लेकर कड़ी कार्रवाई की है. उत्तर प्रदेश के माफियाओं के खिलाफ लगातार कार्रवाई की जा रही है. मुख्तार, अतीक अहमद जैसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई हो रही है.

राजधानी लखनऊ में भी लगातार अवैध तौर पर कब्जा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. बसपा सरकार में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार होता था. उसी का नतीजा यह कि सीएमओ जैसे अधिकारियों की दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या कर दी जाती थी, जिसका खामियाजा पुलिस को भुगतना पड़ता था. कानून व्यवस्था को लेकर भी भारतीय जनता पार्टी बेहतर काम कर रही है.

Last Updated :Nov 4, 2020, 1:42 PM IST
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