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लखीमपुर खीरी हिंसा: आशीष मिश्रा 129 दिनों के बाद जेल से रिहा

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Published : Feb 15, 2022, 5:20 PM IST

Updated : Feb 15, 2022, 6:46 PM IST

आशीष मिश्रा
आशीष मिश्रा

लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में जेल में बंद केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी का बेटा आशीष मिश्रा मंगलवार को दोपहर बाद जेल से रिहा कर दिया गया है.

लखीमपुर खीरीः तिकुनिया हिंसा मामले में जेल में बंद केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी का बेटा आशीष मिश्रा मंगलवार को दोपहर बाद 3.00 बजे 129 दिन बाद जेल से रिहा हो गया है. आशीष मिश्रा 'मोनू' को तीन-तीन के लाख के दो निजी मुचलके पर रिहा किया गया है. आशीष के वकील अवधेश सिंह ने बताया कि आशीष मिश्रा की मौजूदगी घटनास्थल पर नहीं पाई गई थी. इसी के चलते उन्हें जमानत पर रिहा किया गया है. उन्होंने बताया कि सुबह से ही आशीष की रिहाई का इंतजार हो रहा था. करीब 3:00 बजे जिला जज का आदेश जेल पहुंचा और इसके बाद रिहाई की कार्यवाही शुरू हुई.

आशीष मिश्रा जेल से रिहा

आशीष मिश्रा को जेल से निकालने के पहले उनके समर्थक गेट के बाहर आए थे. मीडिया के कैमरे से बचाने के लिए जेल के उत्तरी गेट से चुपचाप पुलिस प्रशासन ने आशीष मिश्रा को निकाल दिया. आशीष मिश्रा के घर पहुंचने पर उनके समर्थकों और परिजनों ने खुशी जताई. मंत्री के समर्थकों ने इस दौरान कहा कि सत्य परेशान हो सकता है पराजित नहीं.

गौरतलब है कि सोमवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने 10 फरवरी को आईपीसी की धारा 120बी और 302 को भी शामिल करने का आदेश दिया था. हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच (Lucknow Bench of High Court) का बेल आदेश आने के बाद आशीष के वकील अवधेश सिंह ने जिला जज की अदालत में जेल से रिहाई के लिए एप्लीकेशन डाली थी. जिला जज ने आशीष की जेल से रिहाई के लिए तीन लाख की दो प्रतिभूतियां जमा कराने और एक मुचलका दाखिल करने का आदेश किया था.

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आशीष के वकील अवधेश सिंह ने बताया था कि अदालत के आदेश पर दोनों प्रतिभूतियों और मुचलके का वेरिफिकेशन किया जाएगा. इसके बाद अदालत रिहाई का आदेश पारित करेगी. लेकिन जमानत ऑर्डर में धारा 302,120B नहीं लिखी थी. जबकि नियम है कि आरोपी जिन-जिन धाराओं में जेल में बंद होगा, उन सभी धाराओं में जमानत मिलने के बाद ही रिहाई होगी. इसी कारण शुक्रवार को आशीष मिश्रा के वकील को हाई कोर्ट में बेल ऑर्डर की करेक्शन एप्लीकेशन डालनी पड़ी. सोमवार को सुनवाई होने के बाद कोर्ट ने अपने आदेश दिया कि आशीष मिश्रा के बेल ऑर्डर में आईपीसी 302 और 120बी जोड़ दिया जाए.

आशीष मिश्रा पर लगे आरोप

लखीमपुर हिंसा की जांच कर रही एसआईटी ने 3 जनवरी को 5 हजार पन्नों की चार्जशीट दाखिल की थी. इसमें SIT ने आशीष मिश्रा को 'मुख्य आरोपी' बनाया था. दिसंबर में एसआईटी ने कहा था कि आशीष मिश्रा ने सोची समझी साजिश के तहत 4 किसानों की अपनी गाड़ी से कुचलकर हत्या कर दी थी.

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लखीमपुर कांड में क्या-क्या हुआ?

3 अक्टूबर 2021: लखीमपुर खीरी के तिकुनिया गांव में हिंसा हुई. इसमें किसानों को रौंद दिया गया. इस हिंसा में 4 किसानों के अलावा तीन बीजेपी कार्यकर्ता और एक पत्रकार की मौत हो गई थी.

4 अक्टूबर 2021: बहराइच जिले के किसान जगजीत सिंह ने आशीष मिश्रा समेत 15-20 अज्ञात लोगों के खिलाफ FIR दर्ज कराई. इसके जवाब में 6 अक्टूबर को बीजेपी पार्षद सुमित जायसवाल ने भी FIR दर्ज करवाई.

5 अक्टूबर 2021: लखीमपुर हिंसा की जांच के लिए स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) का गठन किया गया.

9 अक्टूबर 2021: सुबह आशीष मिश्रा को पूछताछ के लिए बुलाया गया. करीब 12 घंटे चली पूछताछ के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया.

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Last Updated :Feb 15, 2022, 6:46 PM IST
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