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गाजीपुर: बाढ़ के तांडव के बाद बीमारियों को रोकने में जुटा स्वास्थ्य विभाग

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Published : Sep 15, 2019, 1:07 PM IST

हर परिस्थितियों से निपटने को तैयार स्वास्थ्य विभाग

गाजीपुर में बाढ़ के बाद अब बीमारियों का खतरा मंडराने लगा है. बाढ़ के कारण बढ़ी गंदगी लोगों के लिए परेशानी का सबब बनी हुई है. ऐसे में हर परिस्थितियों से निपटने के लिये जिले के स्वास्थ्य विभाग की टीम ने भी अपनी पूरी तैयारियां कर रखी है.

गाजीपुर: यूपी में गंगा के तटवर्ती जिलों में बाढ़ का पानी बढ़ने और घटने का सिलसिला लगातार जारी है. जिसके चलते गाजीपुर में भी बाढ़ का पानी लगभग उतर चुका है. राहत शिविरों से लोग अपने घरों को लौटने लगे हैं, लेकिन बाढ़ के बाद की परिस्थितियां लोगों के लिये परेशानी का सबब बनी हुई हैं. बाढ़ के पानी से कीचड़, सांप, बिच्छू का खतरा भी बना हुआ है. इस स्थिति से निपटने के लिए गाजीपुर स्वास्थ्य विभाग लगातार जुटा हुआ है.

बीमारियों से निपटने को तैयार स्वास्थ्य विभाग.

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बाढ़ के बाद छाया महामारी का खतरा
महामारी के खतरों से लोगों को बचाने के लिये राज्य सरकार और जिला प्रशासन लगा हुआ है. स्वास्थ्य विभाग की टीमें और स्थानीय सीएचसी, पीएचसी भी इस काम में लगी हुईं हैं. जिससे लोगों को स्वच्छ पीने का पानी, सांप और जहरीले जीवों के काटने पर इंजेक्शन दवाएं पर्याप्त मात्रा में कैंपों पर उपलब्ध कराई जा सके.

बीमारियों से निपटने के लिये तैनात की गयी राहत टीमें
बाढ़ प्रभावित इलाकों में हर व्यक्ति को क्लोरीन की गोली दी जा रही है. ब्लीचिंग पाउडर उपलब्ध कराने की भी व्यवस्था की गयी है. पानी और बढ़ भी सकता है, ऐसे में हर स्थिति से निपटने के लिए 92 बाढ़ चौकियां भी बनाई गई हैं. सभी चौकियों पर राहत टीमों की तैनाती की गई है. इस टीम में एक डॉक्टर एक फार्मासिस्ट और वार्ड बॉय व महिला कार्यकर्ता भी मौजूद है. बाढ़ से निपटने के लिए 8 सीएचसी, पीएचसी लगे हैं. वहीं सांप काटने की दवा 90 से 155 फॉयल हर केंद्र पर उपलब्ध है. लोगों को पानी में डालने के लिए क्लोरीन की गोलियां भी उपलब्ध कराई जा रही है.

बाढ़ से निपटने के लिये हमारी मेडिकल टीमें लगी हुई हैं. स्वास्थ्य विभाग के पास पर्याप्त मात्रा में दवाओं का स्टॉक है. सांप काटने का वैक्सीन हमारे पास है. बाढ़ के अशुद्ध पानी से निपटने के लिये क्लोरीन की गोली भी दी जा रही है. सभी प्रकार की बीमारियों से निपटने के लिये कुल 90 प्रकार की दवाओं का तीन महीने का स्टॉक विभाग के पास उपलब्ध है. सभी रिलीफ कैम्प में मेडिकल चेकअप कैम्प चलाए जा रहे हैं. इसके अलावा इमरजेंसी से निपटने के लिये मेडिकल वैन की पर्याप्त संख्या में व्यवस्था की गई है.
- डॉ. आर के सिन्हा, बाढ़ राहत नोडल अधिकारी

Intro:बाढ़ के तांडव के बाद बीमारियों को रोकने में जुटा स्वास्थ्य विभाग

गाजीपुर । यूपी में गंगा के तटवर्ती जिलों में बाढ़ का पानी बढ़ने और घटने का सिलसिला लगातार जारी है। गाजीपुर में बाढ़ का पानी लगभग उतर चुका है। रिलिफ कैम्प से लोग अपने घरों को लौटने लगे हैं। लेकिन गंगा के रौद्र रूप से उत्पन्न हुई परिस्थितियाँ लोगों के लिए मुश्किलो का सबब बनी हुई हैं। घरों में कीचड़, साँप, बिच्छू के काटने का खतरा भी बना हुआ है। आस-पास मृत पशुओं के अवशेष है। घरों में पीने का पानी नहीं है। लोग खुले में शौच करने को मजबूर हैं। परिस्थितयाँ ऐसी हैं कि महामारी फैलने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है। इस स्थिति से निपटने के लिए गाजीपुर स्वास्थ्य विभाग लगा हुआ है।





Body: महामारी के खतरों से लोगों को बचाना और आम जन-जीवन को पटरी पर लाना राज्य सरकार और जिला प्रशासन लगा हुआ है। स्वास्थ्य विभाग की टीमें और स्थानीय सीएचसी पीएचसी इस काम में लगी हुई हैं। ताकि लोगों को स्वच्छ पीने का पानी, सांप और जहरीले जीवों के काटने पर इंजेक्शन दवाएं पर्याप्त मात्रा में कैंपों पर उपलब्ध कराई जा सके।


मलेरिया और डायरिया के फैलने का खतरा लगातार बना हुआ है। क्योंकि प्रदूषित पानी का सेवन और जल जमाव से पनपे मच्छर इन बीमारियों के फैलने का कारण बन सकते हैं। इसके अतिरिक्त रोगाणुजनित रोग, हवा के माध्यम से पनपने वाले रोग से भी लोगों के प्रभावित होने का खतरा है। इनके अलावा साँपों का काटना , बिजली के झटके, शरीर के किसी हिस्से के चोटिल होने से पैदा हुए जख्म से सम्बन्धित मामले भी बड़ी संख्या में आ रहे हैं।


वही बाढ़ राहत के नोडल अधिकारी  डॉक्टर आर के सिन्हा  ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के पास पर्याप्त मात्रा में दवाओं का स्टॉक है। सभी प्रकार की बीमारियों से निपटने के लिये कुल 90 प्रकार की दवाओं का तीन महीने का स्टॉक विभाग के पास उपलब्ध है। सभी रिलीफ कैम्प में मेडिकल चेकअप कैम्प चलाए जा रहे हैं। इसके अलावा इमरजेंसी से निपटने के लिये मेडिकल वैन की पर्याप्त संख्या में व्यवस्था की गई है।





Conclusion:बाढ़ प्रभावित इलाकों में हर व्यक्ति को क्लोरीन की गोली दी जा रही है। ब्लीचिंग पाउडर उपलब्ध कराने की भी व्यवस्था की जा रही है। पानी और बढ़ भी सकता है। हर स्थिति से निपटने के लिए 92 बाढ़ चौकियां बनाई गई हैं। सभी चौकियों पर 92 राहत टीमें भी तैनात की गई हैं। इस टीम में एक डॉक्टर एक फार्मासिस्ट और वार्ड बॉय या महिला कार्यकर्ती मौजूद है। सभी टीम में तीन सदस्य हैं। गाजीपुर में बाढ़ से निपटने के लिए 8 सीएचसी पीएचसी लगे हैं। वहीं सांप काटने की दवा 90 से 155 फॉयल हर केंद्र पर उपलब्ध है। लोगों को पानी में डालने के लिए क्लोरीन की गोलियां भी उपलब्ध कराई जा रही है।


बाइट - डॉ आर के सिन्हा ( बाढ़ राहत नोडल अधिकारी ), विजुअल

उज्ज्वल कुमार राय, 7905590969


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