ETV Bharat / state

टटीरी कांड के 12 साल बाद भी रामभरोसे व्यापारियों की सुरक्षा

author img

By

Published : Dec 11, 2020, 7:31 AM IST

बागपत पुलिस थाना.
बागपत पुलिस थाना.

यूपी के बागपत में रंगदारी नहीं देने पर 12 साल पहले 10 दिसंबर को कस्बे के चार व्यापारियों की सरेआम गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों ने व्यापारियों की सुरक्षा के तमाम दावे किए लेकिन आज तक इंतजाम नहीं किया गया है. रेलवे स्टेशन के पास पुलिस चौकी बनाई थी लेकिन अभी तक शुरू नहीं हो सकी है.

बागपत: सूबे को हिला देने वाले टटीरी कांड के बाद यहां आए पुलिस-प्रशासनिक अधिकारियों ने सुरक्षा के लिए कई वादे किए थे जो कागजों तक ही सिमट कर रह गए. जिले कस्बा टटीरी में 10 दिसंबर 2008 को रंगदारी न देने पर चार व्यापारियों की हत्या कर दी गई थी. घटना के समय तत्कालीन डीजीपी कानून व्यवस्था बृजलाल ने टटीरी आकर टटीरी पुलिस चौकी को रिपोर्टिंग चौकी बनाने की घोषणा की थी परंतु घोषणा हवाई साबित हुई. यहां तक कि व्यापारियों ने अपने पैसे से रेलवे स्टेशन के पास पुलिस चौकी बनाई थी, उस पर कुछ समय तक पुलिसकर्मी रहे लेकिन उसके बाद यहां ताला लटका हुआ है.


टटीरी के लिए वो काला दिन
टटीरी कस्बे में 10 दिसंबर 2008 को रंगदारी नहीं देने पर सरे शाम कस्बे के नामचीन खल व्यापारी किशन चंद, उनके बेटे संजय गोयल, साबुन व्यापारी सुमन प्रसाद और ब्रजमोहन गुप्ता की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. भट्टा व्यापारी प्रमोद कुमार के प्रतिष्ठान पर व्यापारी राजकुमार, प्रमोद कुमार और नरेला के व्यापारी नितिन कुमार घायल हो गए थे. कस्बा टटीरी कस्बा 17 दिन तक बंद रहा था और पूरे जिले में धरना-प्रदर्शन हुए थे. सपा सुप्रीमो रहे मुलायम सिंह यादव समेत तमाम नेता यहां आए थे. तत्कालीन एसपी, सीओ, कोतवाल बागपत, टटीरी चौकी का पूरा स्टाफ सस्पेंड किया गया था. बाद में पुलिस ने तीन आरोपी बदमाशों को मुठभेड़ में ढेर किया था.

मृतक के परिजन मायूस
वारदात में पिता किशन चंद और बड़े भाई संजय को खो चुके राजकुमार ने बताया कि पिता भाई की मौत के बाद रिश्तेदारों ने उन पर कस्बा छोड़ने का दबाव बनाया, लेकिन उनका का मन नहीं हुआ मगर सुरक्षा के इंतजाम होने चाहिए. भट्ठा व्यापारी बृजमोहन गुप्ता के भाई आनंद व मोदी भी दिल्ली शिफ्ट हो गए है. उस दिन को याद कर वे भी रोते हैं. इतने बड़े हादसे से गुजरने के बाद उन्होंने हिम्मत और हौसले से अपने परिवारों को संभाला है.

कस्बे से ये व्यापारी कर चुके पलायन
व्यापारी ओमप्रकाश उर्फ मुन्नी, खेमचंद जैन, विनोद गुप्ता, मोदी, सुमन प्रसाद, सुरेंद्र बंसल आदि व्यापारी दिल्ली, मेरठ जाकर बस चुके हैं.

पांच पुलिसकर्मी के भरोसे 11 गांव
11 गांवों के 12 हजार लोगों की सुरक्षा का जिम्मा मात्र पांच पुलिस वालों पर है. पुलिस चौकी के अंतर्गत कस्बे के अलावा बली, जवाहरपुर, मेवला, अहमद शाहपुर, पदड़ा, मितली, गौरीपुर, बसा टीकरी, चोहलदा, महनवा आदि गांव आते हैं. मेन रोड और रेलवे स्टेशन के पास दो पुलिस चौकी हैं. मेन रोड चौकी पर चौकी प्रभारी सहित पांच पुलिसकर्मी तैनात हैं, जबकि रेलवे स्टेशन चौकी पर सालों से ताला लटका है. इन गावों की आबादी करीब 12 हजार है.

जिले की कानून व्यवस्था में सुधार किया जा रहा है. व्यापारियों को किसी प्रकार की कोई दिक्कत नहीं होने दी जाएगी.
-अभिषेक सिंह, एसपी

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.