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युवा रखें धैर्य, सरकार के श्वेत पत्र का करें इंतजार, आपके हित में होगा फैसला: रक्षा विशेषज्ञ

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Published : Jun 17, 2022, 3:03 PM IST

आगरा में सेना भर्ती प्रक्रिया 'अग्निपथ योजना' (agneepath scheme) का युवाओं ने कई जगह विरोध प्रदर्शन किया. इस प्रक्रिया को लेकर देशभर में बवाल मचा हुआ है. राजस्थान और बिहार के बाद अब उत्तर प्रदेश में युवाओं ने मोर्चा खोल दिया है.

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रक्षा विशेषज्ञ रिटायर्ड ब्रिगेडियर मनोज कुमार

आगरा: केंद्र सरकार ने दशकों से चल आ रही सेना भर्ती प्रक्रिया (army recruitment process) में बदलाव किया है. इस प्रक्रिया को 'अग्निपथ योजना' नाम दिया गया है. इसके तहत अब सेना में 4 साल के लिए 'टूर ऑफ ड्यूटी' के नाम से भर्ती होनी है. लेकिन राजस्थान और बिहार के बाद अब उत्तर प्रदेश में युवा अग्निपथ योजना के विरोध में सड़कों पर उतर आए हैं. इसी के चलते आज शुक्रवार (17 जून) को आगरा में कई जगह युवाओं ने धरना प्रदर्शन किया.

अग्निपथ योजना को लेकर युवा असमंजस की स्थिति में है. ईटीवी भारत की टीम से रक्षा विशेषज्ञ रिटायर्ड ब्रिगेडियर मनोज कुमार ने खास बातचीत की. उन्होंने युवाओं को सलाह देते हुए कहा कि अभी धैर्य रखें. सरकार ने पूरी भर्ती प्रक्रिया का अभी श्वेत पत्र जारी नहीं किया है. वहीं, केंद्र सरकार ने 90 दिनों में पूरी भर्ती प्रक्रिया शुरू करने की बात कही है. इसलिए युवाओं को इंतजार करना चाहिए.

रक्षा विशेषज्ञ रिटायर्ड ब्रिगेडियर मनोज कुमार से ईटीवी भारत की टीम ने की खास बातचीत

रक्षा विशेषज्ञ मनोज कुमार ने बताया कि केंद्र सरकार की ओर से सेना भर्ती प्रक्रिया में जो बदलाव किया गया है. वह 2 साल के बाद हुआ है. वहीं, अन्य देशों में देखा जाए तो चाइना, इजरायल, रूस में दो या चार साल तक के लिए लोगों की सेना में भर्ती होनी है. भारत ने सैनिकों को बेहतर ट्रेंड किया है. बता दें, कि केंद्र सरकार की सेना भर्ती की प्रक्रिया अग्निपथ योजना के विरोध में शुक्रवार (17 जून) को आगरा के किरावली, बाह में युवाओं ने कई जगह विरोध प्रदर्शन किया. युवाओं ने हाईवे जाम कर लोगों की आवाजाही बंद कर दी. तभी पुलिस को युवाओं को खदेड़ने के लिए लाठी चार्ज करना पड़ा.

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एक जवान तैयार करने में लगते हैं छह साल: रक्षा विशेषज्ञ रिटायर्ड ब्रिगेडियर मनोज कुमार ने बताया कि एक सैनिक को तैयार करने में 4 से 6 साल का समय लगता हैं और यह अग्निपथ योजना के तहत 4 साल तक की ही नौकरी है. इसमें युवाओं को छह माह की ट्रेनिंग दी जाएगी. केंद्र सरकार की ओर से अभी यह स्पष्ट नहीं किया है कि, छह महीने की ट्रेनिंग करने के बाद सैनिक बॉर्डर पर ड्यूटी देगा या कहीं दूसरी जगह तैनात रहेगा. अभी सरकार की ओर से अग्निपथ योजना का श्वेत पत्र जारी किया जाएगा.

सरकार युवाओं के हित में लेगी फैसला: रक्षा विशेषज्ञ रिटायर्ड ब्रिगेडियर मनोज कुमार का कहना है कि युवाओं को अभी धैर्य से काम लेना चाहिए. शहर में किसी भी तरह का प्रदर्शन नहीं करना चाहिए. हां यह बात तो लाजमी है कि दो साल से भर्ती नहीं होने से युवाओं में नाराजगी है. युवा लगातार तैयारी कर रहे थे. लेकिन अब भर्ती प्रक्रिया में बदलाव हो गया है. उन्होंने आगे कहा कि केंद्र सरकार युवाओं के हित में ही फैसला लेगी. इसलिए युवाओं को अपनी तैयारी लगातार जारी रखनी चाहिए. वहीं, दूसरी तरफ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief minister yogi adityanath) ने भी 4 साल बाद सेना से आने वाले युवाओं को नौकरी में तवज्जो देने की बात कही है.


हर साल 40 हजार की भर्ती करेगी सरकार: केंद्र सरकार की ओर से अग्निपथ योजना के तहत हर साल 40 हजार की भर्ती करने की बात कही गई है. बता दें, कि हर साल लगभग एक लाख फौजी रिटायर्ड होते हैं. ऐसे में 2 साल से भर्ती नहीं हो रही है और अभी 1 साल में भर्ती प्रक्रिया पूरी होगी. वहीं, तीन साल में तीन लाख से ज्यादा फौजी रिटायर्ड हो जाएंगे. सेना में 13 लाख सैनिक हैं.

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