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यूपी में एसटीपी और जैव विविधता संरक्षण के लिए मिले 482 करोड़

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Published : Oct 7, 2022, 3:13 PM IST

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) के निर्देशन में प्रदेश की नदियों का पुनरुद्धार करने और स्वच्छ करने के लिए युद्धस्तर पर काम किया जा रहा है. प्रदेश में एसटीपी और जैव विविधता संरक्षण के लिए 482 करोड़ रुपयों की सौगात मिली है.

लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (CM Yogi Adityanath) के निर्देशन में प्रदेश की नदियों का पुनरुद्धार करने और उसे स्वच्छ करने के लिए युद्धस्तर पर काम किया जा रहा है. केंद्र सरकार की ओर से राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (National Mission for Clean Ganga) ने यूपी को सीवरेज प्रबंधन समेत अन्य 8 नई परियोजनाओं की मंजूरी दी है.

इसके तहत वाराणसी में अस्सी नाले की टैपिंग की जाएगी. वहीं. वृंदावन में एसटीपी का निर्माण समेत इंटरसेप्शन और डायवर्जन नेटवर्क का काम किया जाएगा. जबकि मथुरा के कोसी कलां में एसटीपी के साथ छाता में इंटरसेप्शन और डायवर्जन नेटवर्क को बिछाया जाएगा.

इसके साथ ही प्रदेश के चार जिलों हापुड़, बुलंदशहर, बदायूं और मिर्जापुर में जैव विविधता पार्कों की स्थापना की एक बड़ी परियोजना को भी मंजूरी दी गई है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश में नदियों को स्वच्छ रखने की मुहिम को प्राथमिकताओं में शामिल किया है. इसके दृष्टिगत स्वच्छता के अनेक प्रयास किए जा रहे हैं. राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन (National Mission for Clean Ganga) की ओर से 8 परियोजनाओं की मंजूरी इसी दिशा में उठाया गया अहम कदम है. साढ़े चार सौ करोड़ रुपयों से एसटीपी, इंटरसेप्शन, डायवर्जन और आई एंड डी नेटवर्क का होगा काम.

राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन की कार्यकारी समिति की 45वीं बैठक में सीवरेज प्रबंधन के लिए उत्तर प्रदेश में कुल 4 परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है, जिसमें वाराणसी में अस्सी नाले की टैपिंग के लिए 55 एमएलडी क्षमता के एसटीपी का निर्माण भी शामिल है. इन परियोजनाओं की अनुमानित लागत कुल 308.09 करोड़ रुपए है. वाराणसी की परियोजना का उद्देश्य तीन नालों अस्सी, सामने घाट और नखी से जीरो अनट्रीटेड डिस्चार्ज का लक्ष्य हासिल करना है. अन्य परियोजनाओं में 13 एमएलडी के एसटीपी का निर्माण, मौजूदा संरचनाओं का नवीनीकरण शामिल हैं.

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वृंदावन में 77.70 करोड़ रुपये की लागत से 12 एमएलडी के एसटीपी का निर्माण और इंटरसेप्शन और डायवर्जन नेटवर्क बिछाना भी शामिल है. वहीं, मथुरा के कोसी कलां में 66.59 करोड़ की लागत से 6 एमएलडी का एसटीपी, जबकि छाता में आई एंड डी नेटवर्क आदि बिछाना शामिल है. मथुरा-वृंदावन की इन परियोजनाओं में 2, 1 और 11 नालों को इंटरसेप्ट और डायवर्ट करने की परिकल्पना की गई है, जो कोसी नाले में गिरकर यमुना नदी को प्रदूषित करते हैं. इन सभी परियोजनाओं में 15 वर्षों के लिए परिसंपत्तियों का संचालन और रखरखाव भी शामिल है.


जौनपुर में घाट को किया जाएगा विकसित: रिवर फ्रंट डेवलपमेंट (River Front Development in UP) के लिए प्रदेश के जौनपुर में 5.07 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से एक घाट विकास परियोजना को भी मंजूरी दी गई है. जिस स्थान पर यह परियोजना प्रस्तावित है. वह एक पवित्र स्थान है, जो गंगा की सहायक गोमती नदी से संबद्ध है. यह जनता की आस्था का केंद्र है. परियोजना में हनुमान घाट को सद्भावना पुल से जोड़ने वाली 4 मीटर चौड़ी पैदल यात्रा का पथ, घाट, भूनिर्माण, शौचालय ब्लॉक आदि का निर्माण शामिल है.

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