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मेरठ में कांवड़ियों के साथ हुए हादसे की उच्चस्तरीय जांच के आदेश, 6 लोगों की हो गई थी मौत

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Published : Jul 16, 2023, 11:05 AM IST

Updated : Jul 16, 2023, 9:25 PM IST

मेरठ में शनिवार को हाईटेंशन तार की चपेट में आने से कांवड़ियों की मौत को लेकर मंडलायुक्त ने जांच के आदेश दिए हैं. शनिवार को कांवड़ यात्रा में शामिल डीजे 11 हजार केवी की हाइटेंशन लाइन के तार से टकरा गया था, जिसमें 6 कांवड़ियों की मौत हो गई थी.

मेरठ
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मेरठ मंडलायुक्त सेल्वा कुमारी जे ने दिए जांच के आदेश.

मेरठ: जिले में हाईटेंशन तार की चपेट में आने से 6 कांवड़ियों मौत हो गई थी. इसकी जांच के लिए मंडलायुक्त ने एक उच्चस्तरीय जांच कमेटी का गठन किया है. प्रशासन का कहना है कि भावनपुर थाना क्षेत्र में शनिवार को कांवड़ यात्रा के दौरान कांवड़ियों का डीजे 11 हजार केवी की हाईटेंशन लाइन के संपर्क में आ गया, जिससे 10 लोग उसकी चपेट में आ गए. 5 लोगों की इलाज जारी है. हादसे के बाद एडीजी राजीव सभरवाल, मेरठ मंडलायुक्त और आईजी ने हॉस्पिटल पहुंचकर घायलों का हाल जाना. रविवार की शाम को शव गांव ले जाए गए. मृतकों के परिजनों के लिए मुआवजे की भी घोषणा कर दी गई है.

मेरठ मंडलायुक्त सेल्वा कुमारी जे ने कहा कि इस पूरे मामले में एक उच्चस्तरीय जांच कमेटी का गठन किया गया है. इस हादसे में कुल 10 लोग हाईटेंशन तार की चपेट में आ गए. इनमें से 5 लोग घायल हैं. इनका उपचार जारी है, जबकि 6 कांवड़ यात्रियों की जान गई है. डीएम और पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड को मामले की जांच करने के निर्देश दिए गए हैं.

पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड की एमडी चैत्रा वी ने बताया कि हाईटेंशन तार की चपेट में डीजे के आने से हुए इस हादसे की विभागीय जांच हो रही है. जो ऊर्जा विभाग के निगम द्वारा कराई जा रही है. जांच रिपोर्ट आने के बाद जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी. वहीं, इस हादसे से राली गांव में तनावपूर्ण माहौल है. ग्रामीणों ने पुलिस और प्रशासन का जमकर विरोध किया. ग्रामीण हादसे के लिए बिजली विभाग के कर्मचारियों को जिम्मेदार मान रहे हैं.

हादसे की जानकारी पर समाजवादी पार्टी के जिला अध्यक्ष विपिन चौधरी राली गांव पहुंचे तो उन्हें भी ग्रामीणों के गुस्से का शिकार होना पड़ा. ग्रामीणों ने कहा कि वो यहां राजनीति करने पहुंचे थे. हालांकि, सपा जिलाध्यक्ष ने कहा कि वह पड़ोसी गांव रजपुरा के ही रहने वाले हैं. वह उनके सहयोग के लिए पहुंचे थे. राजनीति जैसी कोई बात नहीं थी. ग्रामीणों के गुस्से को देखते हुए मौके पर मौजूद पुलिस ने उन्हें गांव के बाहर तक छोड़ा. हादसे को लेकर समाजवादी पार्टी की तरफ से बिजली विभाग के जेई के निलंबन तथा हादसे के जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की गई है. इसके साथ ही सपा ने पीड़ित परिवार को प्रदेश सरकार से मुआवजा देने की अपील भी की है.

गांव पहुंचे कांवड़ियों के शव : शनिवार को हाईटेंशन लाइन से कांवड़ियों का डीजे टकराने से छह शिवभक्तों की मौत हो गई थी. रविवार को पुलिस और प्रशासनिक अफसरों की मौजूदगी में इनके शव गांव पहुंचे तो पूरा गांव गमगीन हो गया. हादसे में दो सगे भाइयों के अलावा एक चाचा-भतीजा समेत 6 की मौत हुई है. इनमें हिमांशु, प्रशांत (हिमांशु और प्रशांत दोनों भाई हैं), लख्मी, महेंद्र, लक्ष्य, मनीष शामिल हैं.

ग्रामीणों ने अंतिम संस्कार से किया इंकार : शव गांव पहुंचने पर ग्रामीणोें ने अंतिम संस्कार से इंकार कर दिया. ग्रामीणों ने मांग की कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए. ग्रामीण डीएम को मौके पर बुलाने की जिद कर रहे थे. विभिन्न दलों के नेताओं ने भी मौके पर पहुंचकर ग्रामीणों को समझाने की कोशिश की. एसएसपी लगातार ग्रामीणों को समझाने की कोशिश करते रहे. ग्रामीण मान गए हैं. रात में सभी शवों के अंतिम संस्कार किए जाने की उम्मीद है.

डीएम ने जांच टीम गठित कर दी है.

जांच के लिए टीम गठित, मुआवजे की भी घोषणा : डीएम दीपक मीणा ने बताया कि पूरे मामले की जांच के लिए एक टीम गठित की जा चुकी है. यह टीम जल्द ही रिपोर्ट सौंपेगी. वहीं मरने वालों में 4 किशोर हैं, जबकि 2 किसान हैं. दोनों व्यस्कों को कृषि बीमा योजना के तहत पांच 5-5 लाख रुपये की धनराशि के अलावा प्रत्येक के परिजनों को एक -एक लाख रुपये की आर्थिक सहायता अलग से दी जा रही है, जबकि किशोरों को एक-एक लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी, परिजनों को शासन की तरफ से और मदद मिल सके, इसके लिए बात चल रही है.

एमडी ने लापरवाही से किया इंकार : पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड की महाप्रबंधक चैत्रा वी ने विभाग की लापरवाही मानने से इंकार किया है. कांवड़ियों का कहना था कि विभाग के जेई से शटडाउन मांगा था लेकिन नहीं दिया गया. जबकि एमडी का कहना है कि मानक से अधिक ऊंचाई की कांवड़ और डीजे लेकर कांवड़िए चल रहे थे. इससे यह हादसा हुआ. एमडी के मुताबिक सड़क भी संकरी और ऊबड़-खाबड़ थी. एमडी ने कहा कि प्रमुख सचिव और डीजीपी ने भी कांवड़ यात्रा को लेकर मेरठ में यूपी वेस्ट के कई जिलों के अफसरों के साथ बैठक की थी. बैठक में यह तय हुआ था कि कांवड़ की हाइट 12 फिट से ऊंची नहीं होनी चाहिए , जबकि कल की जो घटना हुई है उसमें कांवड़ थी उसकी हाइट 22 फीट थी.

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Last Updated :Jul 16, 2023, 9:25 PM IST
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