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भारतीय मूल की अरुणा मिलर बनीं अमेरिका के मैरीलैंड की लेफ्टिनेंट गवर्नर

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Published : Nov 10, 2022, 8:06 PM IST

Updated : Nov 10, 2022, 8:21 PM IST

भारतीय मूल की एक महिला नागरिक ने इतिहास रच दिया है. कटरागड्डा अरुणा मिलर ने मैरीलैंड के गवर्नर का पद हासिल किया है और इस जीत को हासिल करने वाली वह भारत की पहली महिला हैं.

अरुणा मिलर मैरीलैंड की लेफ्टिनेंट गवर्नर
अरुणा मिलर मैरीलैंड की लेफ्टिनेंट गवर्नर

कृष्णा जिला (आंध्र प्रदेश): अमेरिकी मध्यावधि चुनाव में भारतीय मूल के नागरिक ने एक और नया इतिहास रच दिया है. कटरागड्डा अरुणा मिलर मैरीलैंड के लेफ्टिनेंट गवर्नर का पद जीतने वाली भारतीय मूल की पहली महिला बनी हैं. पहले उन्हें राजनीति में कोई दिलचस्पी नहीं थी, लेकिन अब वह अपने नए दायित्व को निभाने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं. आइए आपको बताते हैं कि वह इस मुकाम तक कैसे पहुंचीं.

'मैं एक इंजीनियर हूं. राजनीतिज्ञ नहीं', यह अरुणा की राय थी, जब उन्हें 2010 के चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवार बनने का मौका मिला. वह आंध्र प्रदेश के कृष्णा जिले के वेंत्रप्रगड़ा की रहने वाली हैं. उनकी माता का नाम हेमलता है. पिता कटरागड्डा वेंकट रामा राव इंजीनियर हैं. वे 1972 में उनके रोजगार के कारण अमेरिका में बस गए. अरुणा तब सात साल की थीं.

अरुणा मिलर बनी अमेरिका के मैरीलैंड की लेफ्टिनेंट गवर्नर
अरुणा मिलर बनी अमेरिका के मैरीलैंड की लेफ्टिनेंट गवर्नर

अरुणा ने मिसौरी विश्वविद्यालय से सिविल इंजीनियरिंग में डिग्री के साथ स्नातक किया. वर्जीनिया, हवाई और कैलिफोर्निया में एक परिवहन इंजीनियर के रूप में काम किया. 1990 में, वह मैरीलैंड मोंटगोमरी काउंसिल डिपार्टमेंट ऑफ़ ट्रांसपोर्टेशन में चली गईं. उन्होंने अपने दोस्त डेव मिलर से शादी की. उनकी रुचि समाज सेवा में थी. स्कूल, रोजगार और सामुदायिक केंद्रों को सभी के लिए सुलभ बनाया. विकलांगों, पैदल चलने वालों और साइकिल चालकों के लिए सुलभ होने के लिए डिज़ाइन किए गए कार्यक्रमों के साथ इसे जनता द्वारा अच्छी तरह से प्राप्त किया. कई वर्षों तक सेवा देने के बाद, वह 2015 में सेवानिवृत्त हो गईं.

साल 2000 में अमेरिकी नागरिक बनी अरुणा ने उस साल पहली बार मतदान किया था. उन्होंने कहा कि 'मैं उन पलों को कभी नहीं भूलूंगी.' उन पलों को याद करते हुए, वह कुछ इमोशनल भी हो गईं. लेकिन जिस उम्मीदवार का उन्होंने समर्थन किया वह हार गया. इसके बाद भी वही स्थिति बना रही, जिसे वह सहन करने में असमर्थ थीं, जिसके बाद वह एक कार्यकर्ता बन गई. उन्होंने सक्रिय रूप से डेमोक्रेटिक पार्टी की गतिविधियों में भाग लिया.

2010 में, उन्होंने अपनी तेजतर्रारता और लोकप्रियता के कारण डेमोक्रेटिक पार्टी के लिए मैरीलैंड में प्रतिनिधि के लिए लड़ने का अवसर ठुकरा दिया. 'आपका लक्ष्य जनकल्याण है. क्या ऐसा नहीं है कि राजनेता क्या करते हैं?' उन्होंने अपने पति के शब्दों के साथ राजनीतिक क्षेत्र में प्रवेश किया. उन्होंने पहली प्रतियोगिता जीती और मैरीलैंड में पहली भारतीय अमेरिकी प्रतिनिधि बनीं. भले ही वह अमेरिका में पली-बढ़ी हो, लेकिन वह अपनी भारतीय जड़ों को कभी नहीं भूली. उसके करीबी दोस्त कहते हैं कि 'उसे हमारी संस्कृति और परंपराओं से बहुत प्यार है. पहली बार जीतने के बाद, वह अपने राज्य के राज्यपाल को भारत ले आई और कई व्यापारिक क्षेत्रों में साझेदारी समझौते में प्रवेश किया.'

वह 2014 में दूसरी बार एक प्रतिनिधि के रूप में चुनी गईं. राजस्व, परिवहन, आदि जैसी प्रमुख समितियों की सदस्य. वह हिलेरी क्लिंटन की टीम में से एक हैं, जो अमेरिकी राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव लड़ने वाली पहली महिला हैं. अरुणा ने साड़ी और माथे पर लाल बिंदी लगाकर दुनिया का ध्यान खींचा. उन्होंने 2018 में प्रतिनिधि सभा के लिए चुनाव लड़ा और हार गईं. ताजा जीत के साथ, उन्होंने फिर से अपनी ताकत दिखाई. जब जो बाइडल राष्ट्रपति पद के लिए खड़े हुए थे, तब अरुणा ने उनके के लिए सक्रिय रूप से प्रचार किया.

यही कारण है कि बाइडेन और कमला हैरिस ने राष्ट्रपति व उपाध्यक्ष के पदों पर रहते हुए भी उनकी ओर से प्रचार किया. उन्होंने शिक्षा के अधिकार, स्कूल में 'मजदूर दिवस', पर्यावरण नीतियों में बदलाव और आवारा हथियारों की उपलब्धता के लिए लड़ाई लड़ी. उनके प्रयासों के परिणामस्वरूप, कुछ नीतियां तैयार की गईं. उल्लेखनीय है कि इस चुनाव में प्रतिद्वंद्वी रिपब्लिकन पार्टी के समर्थकों ने भी उनका समर्थन किया था.

उनका कहना है कि लड़के और लड़कियों की उपलब्धि में कोई अंतर नहीं है. अरुणा का कहना है कि 'मुझे और मेरी बहन को जो कुछ भी हम चाहते थे, उसे करने के लिए प्रोत्साहित किया गया. उस समर्थन ने एक तेजतर्रार मानसिकता को बढ़ावा दिया. मैं अपनी तीन लड़कियों से यही बात कहताी हूं.' 58 साल की अरुणा को मैरीलैंड के लोग 'फायर ब्रांड' बताते हैं.

अरुणा मिलर के गृह क्षेत्र में समारोह का माहौल

अरुणा मिलर का असली नाम कटरागड्डा अरुणा है, जो भारतीय मूल की महिला हैं, जिन्हें संयुक्त राज्य अमेरिका में मैरीलैंड के लेफ्टिनेंट गवर्नर के रूप में चुना गया. उनके पिता कटरागड्डा वेंकटराम राव आईबीएम में काम करते थे. उनका परिवार 1972 में अमेरिका चला गया. अरुणा ने अमेरिका में मिसौरी यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी से इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी की और 1990 में उन्होंने डेविड मिलर से शादी की.

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अरुणा मिलर लंबे समय से डेमोक्रेटिक पार्टी की सदस्य के रूप में काम कर रही हैं. जैसे-जैसे वह कदम दर कदम आगे बढ़ती रहीं और लेफ्टिनेंट गवर्नर बन गई, आंध्र प्रदेश के कृष्णा जिले में रिश्तेदारों और ग्रामीणों ने उसके गृह नगर वेंत्रगडपा में जश्न मनाया. अरुणा के पिता के भाई कटरागड्डा नागेश्वर राव का परिवार अभी भी वेंत्रप्रगडा में पुराने मकान में रह रहा है. उनके रिश्तेदारों को इस बात पर गर्व है कि अरुणा ने अमेरिकी देश में तेलुगु ख्याति अर्जित की है.

रिश्तेदारों ने कहा कि अरुणा अभी भी साल में कम से कम एक बार अपने गृहनगर आती हैं. उन्होंने खुशी व्यक्त की कि अरुणा मिलर अमेरिकी देश में एक प्रमुख राज्य के लेफ्टिनेंट गवर्नर के रूप में चुने गई हैं. वेंत्रप्रगड़ा के ग्रामीण इस बात से खुश हैं कि अरुणा कटरागड्डा को अमेरिका में एक राज्य के लेफ्टिनेंट गवर्नर के रूप में चुना गया है.

Last Updated :Nov 10, 2022, 8:21 PM IST
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