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प्रतापगढ़ के 'स्पेशल 45' : पांच सालों में नहीं दर्ज हुई एक भी FIR, राजस्थान पुलिस ने दी क्राइम फ्री गांवों की उपाधि

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Published : Apr 19, 2022, 10:18 PM IST

तस्करी के नाम से प्रदेश भर में चर्चाओं में रहने वाले प्रतापगढ़ जिले के लिए यहां की कानून-व्यवस्था (Crime in Pratapgarh District) हमेशा ही सिरदर्द रही है. चुनाव में लॉ एंड ऑर्डर ही राजनीतिक दलों का प्रमुख मुद्दा रहता है. जिले का ऐसा कोई ही कस्बा या एरिया होगा, जो अपराधों से अछूता हो. लेकिन आज हम आपको प्रतापगढ़ जिले की एक खूबसूरत तस्वीर के बारे में बताने वाले हैं. देखिए ये रिपोर्ट...

Pratapgarh Crime Free Villages
प्रतापगढ़ के 45 अपराध मुक्त गांव

प्रतापगढ़. राजस्थान के प्रतापगढ़ जिले के 45 ऐसे गांव जहां साल 2017 को मिलाकर पिछले पांच सालों में एक भी एफआईआर दर्ज नहीं हुई है. दूसरे गांवों के लिए उदाहरण बने इन गावों को राजस्थान पुलिस ने क्राइम फ्री गांवों की उपाधि दी है. जिले के इन 45 गांवों ने प्रदेशवासियों के लिए एक नजीर पेश की है. इन गांव में पिछले पांच सालों में (Pratapgarh Crime Free Villages) एक भी एफआईआर दर्ज नहीं हुई है. इन गावों में अपराध नहीं होने से प्रशासन भी खुश है.

एसपी डॉ. अमृता दुहन का कहना है कि जिले के अन्य गांव अगर इन गांवों से सबक लें तो प्रदेश अपराध की श्रेणी में ही नहीं आएगा. इन गांवों में अपराध नहीं होने की सबसे बड़ी वजह यह है कि यहां के ग्रामीण पुलिस से सहायता लेने की बजाए खुद ही समस्या सुलझा लेते हैं. इन 45 गांवों के सरपंच और वार्ड पांचों का कहना है कि (Pratapgarh Latest News) इन गांव में आपसी भाईचारे और सौहार्द के चलते इन गावों में कभी कोई विवाद होता ही नहीं है. फिर भी यदि विवाद की स्थिति बनती भी है तो वह मध्यस्थता करके इसे निपटा दिया जाता है. सरपंच और वार्ड पांचों की मानें तो गांव में सभी लोग उनकी बात नहीं टालते. वहज है कि वह गांव के लोगों का सम्मान करते हैं और गांववाले उनका सम्मान करते हैं.

किसने क्या कहा सुनिए...

ग्रामीणों ने भी बताया कि विवाद होने की स्थिति में लोग पुलिस के पास न जाकर आपस में ही पंचायत बिठाकर सुलझा लेते हैं. उन्होंने बताया कि गांव में कभी-कभी छोटे-मोटे विवाद ही होते हैं, बड़े विवाद कभी नहीं होते. इस गांव की आबादी करीब दो हजार के आसपास है, लेकिन यहां किसी भी प्रकार का कोई विवाद नहीं होता है. और ऐसे अपराध फ्री गांवों को सम्मानित करने वाला भी प्रतापगढ़ पहला जिला बन चुका है. एसपी डॉ. अमृता दुहन और कलेक्टर सौरभ स्वामी ने मंगलवार को एसपी ऑफिस के सभागार में अपराध मुक्त 45 गांव के सरपंच और पंच को सम्मानित किया.

एसपी डॉ. अमृता ने कहा कि इन गांवों से सबक लेकर जिले के अन्य गांवों को भी एक उदहारण (Rajasthan Police Gave the Title of Crime Free Villages) पेश करना चाहिए. इसके साथ ही कलेक्टर सौरभ स्वामी ने एक नई पहल को रूप देते हुए अपराध मुक्त इन गांवों में स्वयं जाकर लोगों को सरकार की योजनाओं के तहत लाभ दिलवाने की बात कही है. उन्होंने कहा कि अलग से शिविर आयोजित करके अपराध मुक्त इन गांवों को बेहतर सुविधा और योजनाओं की जानकारी देने का काम किया जाएगा.

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इन गावों को किया गया सम्मानित : रठांजना थाने का कनकपुरा, चमना जी का पिपलिया, अंबाखेड़ा, रंजाल, धमोत्तर थाने का बावड़ी खेड़ा, धोलापानी थाने का भगवानपुरा, रूपपुरा, नयाखेड़ा, हथुनिया थाने का धनेश्री, राजपुरिया, उल्टन, कतिजी का खेड़ा, सुरपुर, प्रतापगखेड़ा, चित्तौड़िया, बुझो का खेड़ा, धरियावद थाने के आम्बारेठी, रेठी, वेला, जाम्बुमगरा, दंड, देवगढ़ थाने के पाटिया, कुलमी, खानन, प्रतापगढ़ थाने के नायखेड़ी, गोपालपुरा, माता का बड़ा, रेला, खाखरी खेड़ा, सालमगढ़ थाने के हनुमानखेड़ा, मौका टांक, भमरिया, नया टायरा, नारायणपुरा, अरनोद थाने के बगाखेड़ी, भीमाखेड़ी, सिंगपुरिया, नया का पठार, तारबावडी, रतनगढ़, पारसोला थाने के खारचा, अमृतिया, काकरा फ्ला गांव को पुलिस ने अपराध मुक्त गांव बताया है.

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