कोटा। चंबल नदी तट पर बन रहे हेरिटेज रिवरफ्रंट का करीब 75 फीसदी काम पूरा हो गया है. यह रिवरफ्रंट प्रदेश में अपना अलग ही स्थान रखने वाला है. साथ ही राजस्थान की शान में चार चांद भी लगाएगा. यहां पर स्थापित किए गए कई अजूबे देश-विदेश में भी नहीं है. जिस तरह का स्ट्रक्चर यहां पर खड़ा किया गया है. पूरे प्रदेश में वह नजर नहीं आता है. इसको देखने में करीब 4 से 5 घंटे एक व्यक्ति को लग सकते हैं. यहां तक कि नाइट स्टे के लिए भी यहां पर एक टेंट सिटी बनाई जा रही है. रिवरफ्रंट के नजदीक कई जगह पर होटल बनाने का भी प्रस्ताव रखा गया है, उनके लिए भी जगह छोड़ी गई है.
जल्द मिलेगी कोटा को यह सौगातः सबसे बड़ी खासियत यह है कि रिवरफ्रंट पर एक बड़े स्ट्रक्चर और करोड़ों रुपए का निर्माण काफी कम समय में हो गया है. वहीं जयपुर में द्रव्यवती नदी पर बन रहा रिवरफ्रंट अभी भी अधूरा ही है. जबकि कोटा के रिवरफ्रंट पर विश्व स्तरीय कई स्ट्रक्चर तैयार किए जा रहे हैं. जिनकी सुरक्षा करना भी नगर विकास न्यास के लिए टेढ़ी खीर होगा. इन्हें लोग हाथ लगाकर खराब भी कर सकते हैं. यूआईटी के विशेषाधिकारी आरडी मीणा का कहना है कि रिवरफ्रंट को तय समय से ही तैयार करवाया जा रहा है. हर काम की टाइम लाइन तय कर दी गई थी. उसी के अनुसार ही काम किया जा रहा है. जल्द ही कोटा के लोगों को यह सौगात मिलने वाली है. इसके लिए खुद यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल मॉनिटरिंग कर रहे थे. रिवरफ्रंट पर सुरक्षा रखना भी पूरी तरह से चुनौती होगा. इसके संचालन और सिक्योरिटी की जिम्मेदारी किसी फर्म को दी जाएगी. इसके लिए यूआईटी और स्वायत्त शासन विभाग के स्तर पर कार्रवाई की जाएगी, ताकि पर्यटकों को किसी भी तरह की कोई समस्या का सामना नहीं करना पड़े.
एंट्री पर लग सकता है 200 से 500 का शुल्कः जिस तरह के स्ट्रक्चर से रिवरफ्रंट तैयार किया गया हैं. ऐसे में पर्यटकों से यहां पर एंट्री की फीस ली जाएगी. यह 200 से 500 रुपए के बीच में हो सकती है. इसके अलावा रिवर फंड पर बनाए जा रहे हैं. कई मॉन्यूमेंट्स में एंट्रेंस की भी अलग राशि ली जा सकती है. इसके अलावा भी रिवरफ्रंट के एक छोर से दूसरे छोर पर बोट और क्रूज के जरिए भी जाया जा सकेगा. जिसके लिए भी व्यवस्था की गई है. साथ ही वाटर स्पोर्ट्स की व्यवस्था भी रिवरफ्रंट पर होगी. इनके लिए भी लोगों को अलग शुल्क देना होगा.
ऑपरेशन एंड मैनेजमेंट के लिए पूरी बिल्डिंगः रिवरफ्रंट पूरी तरह से सीसीटीवी सर्विलांस पर रहने वाला है. साथ ही ऑपरेशन एंड मैनेजमेंट के लिए भी एक पूरी बिल्डिंग तैयार की जा रही है. जिसके अलग-अलग ऑफिस भी कई जगह पर होंगे. रिवरफ्रंट पर आने वाले पर्यटकों की संख्या को देखते हुए करीब तीन जगह से मेजर एंट्री रिवर फ्रंट पर दी जाएगी. जिसमें एक बैराज गार्डन दूसरा कुन्हाड़ी एरिया में थर्मल और तीसरा नयापुरा से होगी. यहां पर भी बड़ी संख्या में पार्किंग की व्यवस्था की जा रही है. इस तरह से बताया जा रहा है कि एक बार में सभी जगह पर करीब 700 से ज्यादा कारें खड़ी की जा सकेगी.
200 से ज्यादा सिक्योरिटी गार्ड, हर चीज जद मेंः कोटा का रिवरफ्रंट 3 किलोमीटर एक तरफ लंबा है. ऐसे में दोनों तरफ की बात की जाए तो यह 6 किलोमीटर करीब लंबा होगा. ऐसे में करीब 200 से ज्यादा सिक्योरिटी गार्ड्स यहां पर लगाए जाएंगे, तभी सुरक्षा पूरी तरह से हो सकेगी. कुछ जगह ऐसी होगी, जहां पर सीधा ही यूआईटी कांट्रेक्टर को रेस्टोरेंट्स संचालित करने के लिए देगी. ऐसे में उन बिल्डिंग की मेंटेनेंस और सिक्योरिटी की पूरी जिम्मेदारी संचालन कर रही फर्म को ही उठानी होगी. यहां पर विश्व की 9 प्रसिद्ध इमारतों को खड़ा किया जा रहा है. इन बिल्डिंगों के आधार पर ही वहां पर रेस्टोरेंट्स संचालित किया जाएगा. जिनमें दिल्ली का लाल किला में मुगलई, साउथ इंडियन टेंपल में साउथ इंडियन फूड, यूएस कैपिटल में इटालियन, चाइनीज पगोडा में चाइनीज शामिल है.
यह बनेगा विश्व रिकॉर्डः यहां पर चंबल माता की विश्व की सबसे ऊंची मार्बल की मूर्ति खड़ी की जा रही है. व्यक्ति के योग ध्यान की मुद्रा में एक स्टीललेस स्टील का स्ट्रक्चर तैयार किया जा रहा है, जो कि एक तरफ से देखने पर अदृश्य हो जाता है. विश्व की सबसे बड़ी घंटी यहां पर बनाई जा रही है. विश्व का सबसे बड़ा नंदी तैयार करवाया गया है. एक वर्ल्ड हेरिटेज स्ट्रीट बनाई गई है. जहां पर विश्व प्रसिद्ध इमारतें और वहां के आर्किटेक्ट को दर्शाया गया है. साथ ही एक विशाल ग्लोब यहां पर बनाया गया है. जिसमें एरिया के अनुसार वहां के लोगों की शक्ल पहनावा दर्शाया जाएगा.
अध्यात्म के साथ हर शैली का आर्किटेक्टः रिवर फ्रंट पर हाड़ौती, मेवाड़, मारवाड़ व बृज के साथ मुगल और ब्रिटिश काल के भी आर्किटेक्ट को दर्शाया जा रहा है. कई अलग-अलग दरवाजे यहां पर स्थापित किए गए हैं. जहां पर उस शैली के स्थापत्य को दिखाया जाएगा. एक पूरा राजस्थान का कल्चर भी दिखाया गया है. साथ ही ऊंट, हाथी व घोड़े के साथ पन्नाधाय और हाडी रानी के भी बड़े स्टेचू बनाए गए हैं. दूसरी तरफ अध्यात्म से जोड़ते हुए योग और गीता घाट भी यहां पर स्थापित किए हैं. एक स्प्रिचुअल घाट भी है, जहां पर अध्यात्म की बातें होगी. साथ ही रामपुरा इलाके की छोटी और बड़ी समाध को रिवरफ्रंट में मिलाते हुए यहां पर भगवान विष्णु के 9 अवतार दिखाए गए हैं.
8 साल बाद भी जयपुर का रिवरफ्रंट अधूराः दूसरी तरफ से जयपुर में भी द्रव्यवती नदी में रिवरफ्रंट बनवाया जा रहा है, लेकिन 8 साल में भी यह रिवरफ्रंट पूरा नहीं हो पाया है. साल 2014 में यह रिवरफ्रंट शुरू हुआ था. इसकी लागत 1400 करोड़ थी. साथ ही ऑपरेशन एंड मेंटिनेस मिलाकर करीब 1600 करोड इसमें खर्च होने हैं, लेकिन अतिक्रमण और कोर्ट केस के चलते यह पूरा नहीं हो पाया है. यह रिवरफ्रंट कोटा के रिवरफ्रंट से अलग है. द्रव्यवती नदी के समानांतर 47 किलोमीटर बनाया गया है. जबकि कोटा का रिवरफ्रंट एक तरफ करीब 3 किलोमीटर ही लंबा है. जयपुर में किसी भी तरह के स्ट्रक्चर रिवरफ्रंट के नजदीक खड़े नहीं किए हैं. केवल कुछ पार्क और सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित किए गए हैं. द्रव्यवती नदी अमानीशाह नाले के रूप में भी बह रही थी. ऐसे में इस द्रव्यवती नदी में मिलने वाले गंदे पानी को एसटीपी के जरिए ट्रीट कर दोबारा नदी में ही डाला जा रहा है.