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सरकारी अस्पताल में नवजात की मौत पर हंगामा, परिजनों ने लगाया बच्चा बदलने का आरोप

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Published : Dec 30, 2022, 6:22 PM IST

Updated : Dec 30, 2022, 6:29 PM IST

हनुमानगढ़ के महात्मा गांधी स्मृति राजकीय जिला चिकित्सालय की नर्सरी में नवजात की मौत पर (Uproar over death of newborn) शुक्रवार को हंगमा हो गया. परिजनों का आरोप है कि अस्पताल प्रशासन ने लापरवाही बरती है. इसके साथ ही आरोप है कि स्टाफ ने उनके बच्चे के स्थान पर कोई मृत बच्चे को उनका बताकर दे दिया है. मामले की जांच की जा रही है.

नवजात की मौत पर हंगामा
नवजात की मौत पर हंगामा

अस्तपताल में हंगामा

हनुमानगढ़. कस्बे के महात्मा गांधी स्मृति राजकीय जिला चिकित्सालय की नर्सरी में भर्ती एक नवजात की मौत (Uproar over death of newborn) होने पर शुक्रवार को परिजनों ने हंगामा कर दिया. हंगामा कर रहे परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए. परिजनों का आरोप है कि अस्पताल स्टाफ नर्सरी में भर्ती किसी अन्य बच्चे को उनका बता देखभाल करवाता रहा, लेकिन शुक्रवार सुबह उनके बच्चे को मृत घोषित कर कोई दूसरा बच्चा (allegation of child changed after death) उनको दे दिया. परिजनों ने डीएनए जांच करवाने की मांग करते हुए शिकायत अस्पताल के प्रमुख चिकित्सा अधिकारी से की है.

बच्चे के पिता गौतम शर्मा ने बताया कि गुरुवार सुबह करीब आठ बजे तबीयत खराब होने पर उसने अपनी गर्भवती पत्नी को राजकीय जिला चिकित्सालय में भर्ती करवाया था. दोपहर करीब 1 बजकर 40 मिनट पर नॉर्मल डिलीवरी होने पर पत्नी ने बच्चे को जन्म दिया. जन्म के समय बच्चे के मुंह में पानी चला गया जिस पर अस्पताल स्टाफ ने उसे नर्सरी में भर्ती कर लिया. कुछ समय बाद बच्चे का डायपर बदलने के लिए बुलाया गया. उसने तीन-चार बार अस्पताल स्टाफ के साथ नर्सरी में जाकर बच्चे के डायपर बदले व देखभाल की, लेकिन शुक्रवार सुबह करीब छह बजे अस्पताल स्टाफ ने फोन कर बुलाया और जानकारी दी कि उसके बच्चे की मौत हो गई है.

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आरोप है कि जब वह नर्सरी में गए तो देखा कि अस्पताल स्टाफ ने जिस बच्चे के डायपर आदि उससे बदलवाए थे वह सही हालत में था, जबकि जिसकी मौत हुई थी वह कोई दूसरा बच्चा था. अस्पताल स्टाफ की ओर से मृत बच्चे को ही उसका बताया गया. अगर अस्पताल स्टाफ उसे पहले ही यह बता देता कि उसके बच्चे की हालत खराब है तो वह उसे किसी अन्य अस्पताल ले जाता. अस्पताल स्टाफ की लापरवाही के कारण उसके बच्चे की जान चली गई. इसके साथ ही मृत बच्चा उनका है या नहीं इसका पता लगाने के लिए उसने डीएनए जांच करवाने की मांग भी की है. उसने आशंका जताई है कि अस्पताल स्टाफ (allegation of child change in Hospital) ने रुपए लेकर उनका बच्चा बदला है. स्वस्थ बच्चे की जगह किसी और का मृत बच्चा उन्हें दे दिया गया है. परिजन गौतम ने मामले में अस्पताल स्टाफ की मिलीभगत होने का आरोप लगाया है.

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पीएमओ डॉ. मुकेश पोटलिया ने पूरे प्रकरण में कहा है कि बच्चा बदलने की शिकायत उन्हें प्राप्त नहीं हुई है. नर्सरी में भर्ती नवजात बच्चों के बाकायदा टैग लगाए जाते हैं ताकि ऐसी स्थिति उत्पन्न न हो. अस्पताल स्टाफ पर लापरवाही बरतने के आरोप लगाए जा रहे हैं. मामले की जांच करवाने के लिए कमेटी गठित की जा रही है. अस्पताल स्टाफ की लापरवाही सामने आने पर नियमानुसार कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

Last Updated :Dec 30, 2022, 6:29 PM IST
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