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मानगढ़ धाम आ सकते हैं पीएम मोदी, एक तीर से करेंगे 3 शिकार!

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Published : Oct 13, 2022, 12:17 PM IST

पीएम मोदी
पीएम मोदी

राजस्थान, गुजरात और मध्य प्रदेश के बॉर्डर पर बसे आदिवासी पार्टियों के लिए बड़ा वोट बैंक है. तीनों राज्यों में अगले एक साल के भीतर होने वाले चुनावों के लिए कांग्रेस-भाजपा के बड़े नेता यहां एक्टिव हैं. आदिवासी वोट बैंक को साधने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) आगामी 31 अक्टूबर या 1 नवंबर को बांसवाड़ा के मानगढ़ धाम आ सकते हैं. यहां जानिए मानगढ़ का सियासी समीकरण.

डूंगरपुर. पड़ोसी राज्य गुजरात में इस साल चुनाव है. जबकि एक साल बाद ही राजस्थान और मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव होने हैं. तीनों हो राज्यो में 70 से ज्यादा सीटों पर आदिवासी वोट बैंक प्रभाव रखता है. इसी को देखते हुए आदिवासी वोट बैंक को साधने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) आगामी 31 अक्टूबर या 1 नवंबर को बांसवाड़ा के मानगढ़ धाम आ सकते हैं. मोदी यहीं से तीनों राज्यों के आदिवासियों को साधने का प्रयास करेंगे.

बांसवाड़ा का मानगढ़ धाम आदिवासियों की शहादत का जलियावाला बाग भी कहा जाता है. इसी जगह पर अंग्रेजों ने हजारों आदिवासियों को गोलियों से भून दिया था, जिसमें 1500 से ज्यादा आदिवासी शहीद हो गए थे. ऐसे में राजस्थान समेत पड़ोसी राज्य गुजरात और मध्यप्रदेश के आदिवासियों का मानगढ़ धाम को लेकर अलग आस्था है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसी धाम से आदिवासियों को अपना बनाने की कोशिश करेंगे.

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एक तीर से तीन निशाना- हालांकि, राजस्थान के दक्षिणांचल में स्थित डूंगरपुर और बांसवाड़ा जिलों का बड़ा आदिवासी वर्ग गुजरात में मजदूरी या रोजगार करता है. गुजरात में इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं. जबकि सालभर बाद ही अगले साल दिसंबर में राजस्थान और मध्यप्रदेश दोनों राज्यों में भी विधानसभा चुनाव होंगे. ऐसे में प्रधानमंत्री मोदी मानगढ़ धाम के जरिए आदिवासियों वोट बैंक पर फोकस करेंगे. हालांकि प्रधानमंत्री मोदी के इस कार्यक्रम को लेकर अभी तक कोई अधिकृत जानकारी नहीं आई है. भाजपा नेता भी इसे लेकर पुख्ता जानकारी नहीं होना बता रहे हैं. लेकिन राजनीतिक गलियारों में मोदी के कार्यक्रम की चर्चाएं जोरों पर है.

डूंगरपुर के बेणेश्वर धाम पर भी संभावित कार्यक्रम- बेणेश्वर धाम राजस्थान, गुजरात और मध्यप्रदेश के लाखों आदिवासियों का प्रमुख आस्था का केंद्र है. बेणेश्वर धाम पर श्री हरी मंदिर के शिखर पर 2 दिसंबर तक शिखर प्रतिष्ठा महोत्सव होगा. इसी कार्यक्रम को लेकर धाम के महंत अच्युतानंद महाराज, सांसद कनकमल कटारा, आसपुर विधायक गोपीचंद मीणा की ओर से प्रधानमंत्री से मुलाकात कर न्यौता दिया गया है. ऐसे में इस कार्यक्रम में भी प्रधानमंत्री के आने की संभावना जताई जा रही है, लेकिन इसे लेकर भी अभी तक कोई सही तारीख और प्रोग्राम का ऐलान नहीं किया गया है. प्रधानमंत्री मोदी बेणेश्वर धाम के विकास के लिए 256 करोड़ रुपए के मास्टर प्लान का उद्घाटन कर लाखों आदिवासियों को सौगात दे सकते हैं.

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आदिवासी वोट बैंक खास- राजस्थान के दक्षिणांचल डूंगरपुर, बांसवाड़ा, प्रतापगढ़, उदयपुर, सिरोही समेत प्रदेश की 28 सीटों पर आदिवासी वोट बैंक का प्रभाव है. जबकि पड़ोसी गुजरात के साबरकांठा, अरवल्ली समेत 27 विधानसभा सीट पर आदिवासी वोटर ज्यादा हैं. वहीं, मध्यप्रदेश में 15 सीटों पर आदिवासी वोट बैंक का खासा प्रभाव है. यही वजह है कि गुजरात चुनाव से पहले प्रधानमंत्री मोदी आदिवासी वोटर्स को साधने का प्रयास कर रहे हैं.

क्या हैं सियासी मायने- आदिवासी वोट बैंक पर अब तक भाजपा कभी मजबूत नहीं रही. राजस्थान में पिछले विधानसभा चुनाव में भी बीटीपी डूंगरपुर की 2 सीटों पर जीतकर सभी को चौंका दिया. वहीं इस बार कॉलेज इलेक्शन में भी डूंगरपुर-बांसवाड़ा जिलों के 15 में से 11 कॉलेज में बीपीवीएम ने जीत दर्ज की. इससे भी बीजेपी और कांग्रेस कमजोर हुई है. भाजपा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस दौरे से आदिवासियों वोट बैंक को बढ़ाने की कोशिश करेगी.

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