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फौजी परिवार : घर के 5 लोग आर्मी में, अब बेटी प्यारी बनी लेफ्टिनेंट

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Published : Aug 1, 2021, 7:23 PM IST

Updated : Aug 1, 2021, 8:48 PM IST

प्यारी चौधरी बनी लेफ्टिनेंट, pyari chaudhary became lieutenant
प्यारी चौधरी बनी लेफ्टिनेंट

किसी जमाने में बाड़मेर जिले के ग्रामीण इलाकों में बेटी होना अभिशाप माना जाता था, लेकिन अब जमाना बदल गया है. बाड़मेर की बेटी प्यारी चौधरी का भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट पद पर सीधा सलेक्शन हुआ है. प्यारी चौधरी संभवतः पश्चिमी राजस्थान की पहली बेटी होगी जिसका इस पद पर सीधा सिलेक्शन हुआ है.

बाड़मेर. जिले के राउजी की ढाणी की बेटी प्यारी चौधरी का इंडियन आर्मी में लेफ्टिनेंट पद पर सलेक्शन हो गया है. प्यारी पश्चिमी राजस्थान की पहली बेटी होगी जिसने ये खिताब हासिल किया है. आमतौर पर पश्चिमी राजस्थान में किसी भी बेटी का सीधे लेफ्टिनेंट पद पर सिलेक्शन अब तक नहीं हुआ है.

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प्यारी चौधरी इस पद के लिए चुनी गई हैं. करीब साढे़ 4 साल की ट्रेनिंग के बाद जब रविवार को पहली बार प्यारी जब गांव आई तो परिवार और रिश्तेदारों के साथ ही गांव के लोगों ने भी प्यारी चौधरी का जबरदस्त तरीके से स्वागत किया.

प्यारी चौधरी बनी लेफ्टिनेंट

प्यारी चौधरी के पिता कस्तूराराम चौधरी ने बताया कि उनका पूरा परिवार आर्मी में हैं इससे पहले पांच लोग आर्मी में सर्विस कर रहे हैं, लेकिन बिटिया ने हम सब से कई और कदम आगे बढ़ाते हुए सीधे लेफ्टिनेंट पद पर सिलेक्शन हो कर परिवार और गांव और पूरे बाड़मेर का नाम रोशन किया है. इस बात की हमें बहुत खुशी है.

आमतौर पर हमारे इलाके में 18 साल की उम्र में बेटियों की शादी कर दी जाती है, लेकिन मैं अब इतना ही कहना चाहूंगा उन लोगों से कि बेटियों के सपनों को पूरा होने दें और उसके बाद उनकी शादी करें. मुझ पर भी मेरी बेटी की शादी करने का दबाव था, लेकिन मैंने अपने मन और अपने परिवार की सुनी और आज मेरी बेटी ने परिवार और पश्चिमी राजस्थान का नाम रोशन कर दिया है. इस बात की बेहद खुशी है.

प्यारी चौधरी ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि परिवार के काफी लोग आर्मी में है इसीलिए मेरा भी आर्मी में जाने का सपना था, लेकिन मैंने यह भी सोचा था कि मैं इन सब से आगे बढ़ कर कुछ करुंगी. यह मेरे परिवार और बाड़मेर के लिए बहुत खुशी की बात है.

मैं बाड़मेर के ग्रामीण इलाकों के लोगों से यह कहना चाहूंगी कि मेरी जैसी बाकी बेटियों को भी आगे बढ़ने का मौका दे. छोटी उम्र में उनकी शादी ना करें, क्योंकि उनके भी सपने होते हैं, लेकिन शादी के चलते उनके सपने पूरे नहीं हो पाते हैं.

प्यारी चौधरी के अनुसार साढे़ 4 साल की ट्रेनिंग पूरी होने के बाद आज पहली बार मैं अपने गांव आई हूं तो गांव वालों ने मेरा जमकर स्वागत किया. अब मेरा अगला सपना सिविल सर्विसेज परीक्षा में टॉप करना है. मेरे इस सफर में मेरे परिवार के लोगों ने मेरा पूरा साथ दिया और इसके लिए मैं उन सब को भी धन्यवाद देना चाहती हूं.

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इससे पहले इस परिवार में प्यारी चौधरी के ताऊ जोधाराम कैप्टन, कलाराम हवलदार, जसवंत सिंह नायक, पिता कस्तूरा राम सूबेदार और अब प्यारी चौधरी लेफ्टिनेंट पर चुनी गई है. कुल मिलाकर परिवार के काफी लोग आर्मी में देश की सेवा कर रहे हैं.

Last Updated :Aug 1, 2021, 8:48 PM IST
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