बाड़मेर. राजस्थान के रेगिस्तानी इलाकों में पानी को लेकर हमेशा से लोगों को जद्दोजहद करने पड़ती थी और उसके बाद भी लोगों को बड़ी मुश्किल से खारा पानी नसीब होता था. ऐसे में बाड़मेर में अब दूरदराज गांव में बसे लोगों को आरओ प्लांट का मीठा और शुद्ध पानी मिल रहा है.
जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के अधीक्षण अभियंता जेसी व्यास ने बताया कि हाल ही में बाड़मेर में जीवन अमृत परियोजना के तहत जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग और केयर्न ऑयल एंड गैस की ओर से ग्रामीण इलाकों में लगाए गए आरओ प्लांट प्रारंभ हो गए हैं, जिससे ग्रामीणों को मीठा पानी मिलने लगा है. आरओ प्लांट की देखरेख का जिम्मा अब आरडीओ ने संभाला है.
केयर्न कंपनी की सीएसआर हेड हरमीत सेहरा ने बताया कि कंपनी की ओर से लगाए गए ग्रामीण इलाकों में आरओ प्लांट तकनीकी खामी की वजह से बंद हो गए थे. जिसको लेकर पीएचडी के अधिकारियों के साथ दो बार बैठक हुई. उसके बाद अलग-अलग टीमें गठित कर इनकों सही करवाने का कार्य शुरू किया गया. महीनों के अथक प्रयासों से अब गांव के लोगों को मीठा और शुद्ध पानी पीने को मिल रहा है.
जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग की डब्ल्यूएसएसओ इकाई के आईईसी कंसल्टेंट अशोक सिंह ने बताया कि जिले के इन 92 आरओ प्लांट को सही से संचालित करने का जिम्मा गांव की ही कमेटी के पास होगा. उन्होंने बताया कि भविष्य में यह सुचारू रुप से चलें. इसके लिए गांव स्तर पर एक गांव विकास समिति बनाई जाएगी. इसका मुखिया सरपंच होगा और समिति की देखरेख में संबंधित आरओ प्लांट संचालित होगा.
जिससे आरओ प्लांट का संचालन अच्छी तरह से होने के साथ सबको पीने योग्य स्वच्छ मीठा पानी मिल सके. इससे ग्रामीणों को अशुद्ध पानी से होने वाली बीमारियों पर अंकुश लग सकेगा. बता दें कि जिले में जीवन अमृत परियोजना के तहत ग्रामीण इलाकों में जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग, केयर्न ऑयल एंड गैस और सहयोगी संस्थान की सहभागिता से 92 आरओ प्लांट लगाए गए थे. इनमें से अधिकांश का संचालन तकनीकी खामी और सुचारू अवलोकन के अभाव में बाधित हो गया. ऐसे में इनको सुचारू रूप से संचालित करने के लिए केयर्न फाउंडेशन की ओर से 15 अगस्त 2020 को इसका जिम्मा आरडीओ को दिया गया. आरडीओ की टीम ने लगातार मेहनत करते हुए महज दो माह में सभी 92 आरओ प्लांट को प्रारंभ करने की कवायद की.