ETV Bharat / state

एक कमरे में चल रहा सामान्य अस्पताल का बंदी वार्ड, महिला बंदियों के लिए अलग से व्यवस्था भी नहीं...

author img

By

Published : Jun 3, 2023, 6:15 PM IST

Rajiv Gandhi General Hospital
Rajiv Gandhi General Hospital

अलवर के राजीव गांधी जिला असप्ताल में सालों से पुरुष कैदियों के लिए वार्ड चल (No wards for female Inmate in Alwar) रहा है, जिसकी स्थिति अब जर्जर हो चुकी है. जबकि महिला कैदियों के लिए अलग से वार्ड ही नहीं है. इस कारण कई बार बंदियों के फरार होने का घटनाएं भी सामने आ चुकी हैं.

सामान्य अस्पताल के बंदी वार्ड की व्यवस्था

अलवर. प्रदेश के सबसे बड़े जिला अस्पताल राजीव गांधी सामान्य अस्पताल में बंदियों के इलाज के पर्याप्त इंतजाम नहीं हैं. क्षतिग्रस्त कमरे में बंदी वार्ड चल रहा है, जिसमें महिलाओं के लिए अलग से वार्ड की व्यवस्था भी नहीं है. महिलाओं को सामान्य मरीजों के साथ भर्ती किया जाता है. ऐसे में कई बार पर्याप्त सुरक्षा और बेहतर इंतजाम नहीं होने के कारण बंदी फरार हो जाते हैं.

महिला बंदियों के लिए वार्ड नहीं : अलवर के केंद्रीय कारागार में 1000 से ज्यादा बंदी हैं. इसके अलावा बहरोड, किशनगढ़ बास, राजगढ़, रामगढ़ सहित अन्य उप कारागार हैं, जिनमें बंदियों को रखा जाता है. बंदियों की तबीयत खराब होने पर उनको इलाज के लिए राजीव गांधी सामान्य अस्पताल लाया जाता है, लेकिन अस्पताल में बंदियों को भर्ती करने के पर्याप्त इंतजाम नहीं हैं. एक छोटे से कमरे में सालों से पुरुष बंदी वार्ड चल रहा है, जो जगह-जगह से क्षतिग्रस्त हो गया है. महिला बंदियों को सामान्य मरीजों के साथ भर्ती किया जाता है.

पढ़ें. अलवर के केंद्रीय कारागार में बंदी की हुई मौत, कैंसर बीमारी से था पीड़ित

सुरक्षा के भी इंतजाम नहीं : प्रमुख चिकित्सा अधिकारी डॉ. सुनील चौहान ने बताया कि राजीव गांधी सामान्य अस्पताल के पुरुष कैदी वार्ड में कैदियों के लिए 6 बेड लगे हुए हैं. दो बेड हाल ही में बढ़ाए गए हैं, जिसके बाद हॉस्पिटल में बेड की संख्या 8 हो गई है. 5 पुलिसकर्मी 24 घंटे ड्यूटी पर तैनात रहते हैं. कैदी वार्ड में सुरक्षा की दृष्टि से बंदी वार्ड में सीसीटीवी कैमरे नहीं लगे हुए हैं. वार्ड की खिड़कियां पुरानी होने के चलते जर्जर अवस्था में हो गई है.

आईसीयू की भी नहीं है व्यवस्था : डॉ. सुनील चौहान ने बताया कि बंदियों के लिए आईसीयू की भी अलग से व्यवस्था नहीं है. गंभीर मरीजों को सामान्य मरीजों के आईसीयू में रखा जाता है. आईसीयू का स्टाफ और डॉक्टर अन्य मरीजों के साथ बंदी का भी इलाज करते हैं. इस दौरान आईसीयू में बंदी के साथ पुलिसकर्मी की ड्यूटी रहती है. बता दें कि 1 जनवरी से अब तक बंदी वार्ड से बंदियों के फरार होने के 3 मामले सामने आ चुके हैं, इसमें महिला बंदी भी शामिल है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.