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RAJASTHAN SEAT SCAN : अजमेर दक्षिण में अनिता भदेल कांग्रेस के लिए बनी हैं 'दीवार', क्या इस बार लग पाएगी सेंध ?

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Published : Aug 13, 2023, 5:50 PM IST

Updated : Dec 1, 2023, 6:06 PM IST

Ajmer South Assembly Constituency
अजमेर दक्षिण विधानसभा सीट

Rajasthan Election 2023, राजस्थान में चुनावी माहौल अब बनने लगा है. इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं. ऐसे में चुनाव को लेकर अब आमजन में भी चर्चा शुरू हो गई है. इस बीच आज हम आपको बताएंगे दक्षिण विधानसभा सीट का सियासी हाल...

अजमेर. राजस्थान में चुनावी हलचल के बीच बात करें अजमेर शहर के दक्षिण विधानसभा सीट की तो यहां 2003 से लगातार चार बार बीजेपी जीतती आई है. बीजेपी से अनिता भदेल मौजूदा विधायक हैं. कांग्रेस के लिए इस सीट को जीतना दूर की कौड़ी बन गई है, लेकिन हर बार की तरह गुटबाजी से त्रस्त कांग्रेस क्षेत्र से जीत का गणित अपने पक्ष में होने का दावा कर रही है. हालांकि, ये तो आनेवाला समय ही बताएगा की ऊंट किस ओर बैठता है.

अजमेर शहर का दूसरा हिस्सा अजमेर दक्षिण विधानसभा क्षेत्र है, जहां सरकारी दफ्तरों के नाम पर शिक्षा विभाग है. माखुपूरा में पहला महिला इंजीनियरिंग कॉलेज है. रेलवे स्टेशन, अंग्रेजों के जमाने का मार्टिंडल ब्रिज, विश्व प्रसिद्ध शिक्षण संस्था मयो कॉलेज, बड़लिया में इंजीनियरिंग कॉलेज और जैन तीर्थ स्थली नारेली भी दक्षिण क्षेत्र में है. दक्षिण विधानसभा क्षेत्र का ज्यादातर हिस्सा रिहायशी है. दक्षिण क्षेत्र के 2 प्रतिशत हिस्से में इंडस्ट्रियल एरिया है. दक्षिण क्षेत्र में अंग्रेजों के जमाने का प्रसिद्ध तोपदड़ा और सबसे पुराना जीसीए कॉलेज स्कूल है.

RAJASTHAN SEAT SCAN
अजमेर दक्षिण सीट पर मतदाताओं की स्थिति

क्षेत्र में रेलवे के 2 बड़े कारखाने हैं. सीआरपीएफ ग्रुप वन का केंद्र है. खास बात यह है कि दक्षिण क्षेत्र में शिक्षा विभाग के कार्यालयों के अलावा और अन्य कोई महकमा नहीं है. अजमेर दक्षिण क्षेत्र से आनासागर एस्केप चैनल होकर गुजरता है जो पूरे दक्षिण क्षेत्र को दो भागों में बांटता है. अफसोस की बात यह है कि वक्त के साथ आना सागर एस्केप चैनल गंदे नाले में तब्दील हो गए हैं. एस्केप चैनल के दोनों ओर के रिहायशी क्षेत्र है. एस्केप चैनल में गंदगी और सड़ांध क्षेत्र के लोगों के लिए अभिशाप बन गए हैं. वर्षों से आना सागर एस्केप चैनल खुला गंदा नाला बना हुआ है. वर्षों से लोग सड़ांध और गंदगी में जीने को मजबूर हैं. कई बार तो यह गंदगी लोगों के लिए मुसीबत बन जाती है. खासकर बारिश के सीजन में एस्केप चैनल से पानी ओवरफ्लो होकर लोगों के घरों में घुस जाता है.

अजमेर दक्षिण का सियासी सूरत-ए-हाल : अजमेर शहर को आरएसएस का गढ़ माना जाता है. अजमेर दक्षिण विधानसभा क्षेत्र पर भी आरएसएस का अच्छा खासा प्रभाव है. यही वजह है कि विगत 20 वर्षों से इस सीट पर भाजपा का कब्जा है. खास बात यह कि 2003 से 2018 तक चार मर्तबा विधानसभा चुनाव में अनिता भदेल विधायक रही हैं. भदेल ने 2003 में पहली बार विधानसभा का चुनाव लड़ा और विधायक बनीं. इससे पहले भदेल वार्ड मेंबर और फिर नगर परिषद की सभापति भी रह चुकी हैं.

Ajmer South MLA Anita Bhadel
अजमेर दक्षिण से वर्तमान विधायक अनिता भदेल

पढ़ें : RAJASTHAN SEAT SCAN : 20 साल से अजमेर उत्तर की सीट पर भाजपा का कब्जा, इस बार टूटेगा मिथक या देवनानी ही लहराएंगे परचम ?

2003 में भदेल का सामना कांग्रेस के दिग्गज नेता ललित भाटी से हुआ था. इससे पहले ललित भाटी सन 1998 में क्षेत्र से विधायक थे. भदेल के पहली बार चुनाव जीतने के बाद से ही कांग्रेस के लिए अजमेर दक्षिण सीट को जीतना सपना बनकर रह गया. इसका कारण कांग्रेस में व्याप्त गुटबाजी और संगठन की कमजोरी है. इस कारण इस सीट से कांग्रेस को विगत 20 वर्षों से हार का मुंह देखना पड़ रहा है. 2003 का चुनाव एक साधारण सी महिला और एक धुरंधर राजनीतिज्ञ के बीच हुआ था. क्षेत्र की जनता ने 2003 के चुनाव में भाजपा की अनिता भदेल पर भरोसा जताया. 2013 में वसुंधरा सरकार में अनिता भदेल महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री भी रह चुकी हैं. 2003 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने अनिता भदेल को पहली बार टिकट देकर मैदान में उतारा. पार्टी के भरोसे को भदेल ने अब तक कायम रखा हुआ है.

Ajmer South Assembly Constituency
पिछले चुनाव का परिणाम

भदेल क्षेत्र में सक्रिय रहती हैं. गली-मोहल्लों तक भदेल की सीधी पकड़ है. कार्यकर्ताओं के काम करवाने के लिए भदेल आधी रात को भी तैयार रहती हैं. यही कारण है कि भदेल के कार्यकर्ता भी पूरी निष्ठा के साथ उनके लिए तैयार रहते हैं. विगत 20 वर्ष में कांग्रेस की गुटबाजी चरम पर रही है. कांग्रेस में पहले ललित भाटी और पूर्व विधायक डॉ. राजकुमार जयपाल के बीच गुटबाजी जग जाहिर रही है. इस बीच ललित भाटी को कमजोर करने का काम उनके परिवारिक संपत्ति विवाद ने भी किया है. ललित भाटी के भाई उद्योगपति हेमंत भाटी पहले भाजपा के नेता थे और अनिता भदेल के साथ खड़े थे. 2008 में सचिन पायलट के पहली बार अजमेर से सांसद का चुनाव लड़ने पर हेमंत भाटी पायलट के नजदीक आए. 2013 में सचिन पायलट ने हेमंत भाटी को कांग्रेस में शामिल करवाकर उन्हें क्षेत्र से कांग्रेस के टिकट से चुनाव लड़वाया, लेकिन हेमंत भाटी पहला ही चुनाव अनिता भदेल से हार गए. 2018 में पायलट ने दोबारा हेमंत भाटी पर भरोसा जताया, लेकिन इस बार भी हेमंत भाटी को मुंह की खानी पड़ी. इससे पहले 2008 के चुनाव की बात करें तो पूर्व विधायक डॉ. राजकुमार जयपाल भी अनीता भदेल के सामने नहीं टिक पाए थे.

Ajmer South Assembly Constituency
ये भी हैं टिकट के दावेदार

2003 से 2018 तक के जानें सियासी हाल :

2003 में भाजपा से अनिता भदेल और कांग्रेस के ललित भाटी के बीच मुकाबला हुआ. इस मुकाबले में कांग्रेस को शिकस्त देखनी पड़ी थी. भदेल ने 49 हजार 861 वोट हासिल किए, जबकि कांग्रेस के ललित भाटी को 36 हजार 457 वोट मिले थे. 13 हजार 404 वोटों से भदेल जीती थीं. उस वक्त क्षेत्र में 1 लाख 52 हजार 928 मतदाता थे. इनमें से 88 हजार 343 मतदाताओं ने मताधिकार का उपयोग किया था. 57.82 प्रतिशत पोलिंग हुई थी. इस चुनाव में भाजपा और कांग्रेस के प्रत्याशियों के अलावा 3 उम्मीदवार और मैदान में थे.

2008 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने पूर्व विधायक डॉ. राजकुमार जयपाल को प्रत्याशी बनाया. भाजपा की अनिता भदेल के बीच घमासान हुआ. इस चुनाव में कांग्रेस के डॉ. जयपाल को 25 हजार 596 मत मिले, जबकि भाजपा की अनिता भदेल को 44 हजार 502 वोट मिले. भदेल ने डॉ. जयपाल को 19 हजार 306 वोट से करारी शिकस्त दी थी. उस वक्त क्षेत्र में मतदाताओं की संख्या 1 लाख 56 हजार 200 थी. इनमें से 88 हजार 847 मतदाताओं ने मताधिकार का उपयोग किया था. इस चुनाव में छह उम्मीदवार मैदान में थे. कांग्रेस के पूर्व राज्यमंत्री ललित भाटी ने भी एनसीपी से चुनाव लड़ा था. यह चुनाव काफी रोचक रहा था.

2013 के विधानसभा चुनाव में भाजपा से टूट कर कांग्रेस का दामन थामने वाले सचिन पायलट के नजदीकी हेमंत भाटी को कांग्रेस ने टिकट दिया. हेमंत भाटी का यह पहला चुनाव था, जबकि बीजेपी की अनिता भदेल का यह तीसरा चुनाव था. अब भदेल भी पूरी तरह सियासत में माहिर हो चुकी थीं. भदेल को 70 हजार 509 और हेमंत भाटी को 47 हजार 351 मत मिले थे. हेमंत भाटी को भदेल ने 23
हजार 158 मतों से करारी शिकस्त दी थी. 1 लाख 23 हजार 94 मतदाताओं ने अपने मताधिकार का उपयोग किया था. 68.61 प्रतिशत पोलिंग हुई थी. चुनाव में सात उम्मीदवार मैदान में उतरे थे.

2018 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने दोबारा से हेमंत भाटी को टिकट दिया. वहीं, बीजेपी ने तीन बार लगातार क्षेत्र से चुनाव जीत चुकी अनिता भदेल को चौथी बार मैदान में उतारा. भदेल की छवि क्षेत्र में मझी हुई राजनीतिज्ञ की बन चुकी थी, जबकि हेमंत भाटी उद्योगपति की छवि से कभी बाहर नहीं निकल पाए. कांग्रेस की लहर होने के बावजूद हेमंत भाटी हार गए. हालांकि, भाटी ने इस चुनाव में भदेल को कड़ी टक्कर दी थी. इस चुनाव में 69 हजार 64 वोट अनिता भदेल को मिले थे, जबकि कांग्रेस के उम्मीदवार हेमंत भाटी को 63 हजार 364 वोट मिले. भाटी ने 5 हजार 700 वोटो से दोबारा शिकस्त खाई और भदेल ने लगातार जीत चौका मार दिया. उस वक्त क्षेत्र में 2 लाख 2 हजार 276 मतदाता थे. इनमें 1 लाख 37 हजार 698 मतदाता ने मताधिकार का उपयोग किया. 68.07 पोलिंग हुई थी. इस चुनाव में कुल 12 उम्मीदवार मैदान में थे.

RAJASTHAN ASSEMBLY ELECTION 2023
पिछले चार चुनावों के परिणाम

अजमेर दक्षिण विधानसभा क्षेत्र का जातिगत समीकरण : अजमेर दक्षिण विधानसभा क्षेत्र में वर्तमान में 2 लाख 7 हजार 56 मतदाता हैं. इनमें 1 लाख 3 हजार 735 पुरुष और 1 लाख 3 हजार 321 महिलाएं हैं. इस पर एससी वर्ग के मतदाताओं की संख्या अधिक है. कोली, रैगर, बैरवा, मेघवंशी, बैरवा आदि हैं. वहीं, माली और सिंधी मतदाताओ की संख्या भी चुनाव में निर्णायक रहती है. क्षेत्र में सामान्य जाति की बात करें तो ब्राह्मण, वैश्य भी हैं. दक्षिण विधानसभा की सीट एससी वर्ग के लिए आरक्षित है.

Rajasthan Election 2023
टिकट के दावेदार

यह हैं दावेदार : अजमेर दक्षिण विधानसभा क्षेत्र में आगामी विधानसभा चुनाव के लिए कई टिकट के दावेदार अभी से ही सक्रिय हो गए हैं. बात करें कांग्रेस की तो पूर्व मंत्री ललित भाटी की पत्नी चंद्रा भाटी भी दावेदारी कर रही हैं. इनके अलावा दो बार क्षेत्र से चुनाव हारे हेमंत भाटी तीसरी बार भी टिकट को लेकर आशान्वित हैं. 1998 में क्षेत्र से कांग्रेस से विधायक रहे डॉ. राजकुमार जयपाल 2008 में चुनाव हार भी चुके हैं. गहलोत गुट से जयपाल आते हैं. इस बार दावेदारों में डॉ. जयपाल भी शामिल हैं. इनके अलावा पूर्व मेयर कमल बाकोलिया, द्रौपदी देवी कोली, प्रताप यादव हैं. वहीं, कुछ सेवानिवृत सरकारी अधिकारी समेत कुछ नए चेहरे दावेदारों में शामिल हैं. भाजपा की बात करें तो मौजूदा विधायक अनिता भदेल पांचवीं बार भाजपा के टिकट से चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं. भदेल अपने टिकट को लेकर आश्वस्त हैं. इनके अलावा पूर्व मंत्री किशन सोनगरा के पुत्र विकास सोनगरा, डॉ. प्रियशील हाड़ा और उनकी पत्नी नगर निगम मेयर ब्रजलता हाड़ा, पूर्व जिला प्रमुख वंदना नोगिया दावेदारों में शामिल हैं.

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मौजूदा विधायक ने क्या कहा ? : मौजूदा बीजेपी से विधायक अनिता भदेल ने अपने कार्यकाल में हुए विकास कार्यों का चर्चा करते हुए बताया कि सीआरपीएफ ब्रिज, माखुपुरा में महिला इंजीनियरिंग कॉलेज, बड़लिया में इंजीनियरिंग कॉलेज, सेटेलाइट अस्पताल, इंफ्रास्ट्रक्चर का दृष्टिकोण से क्षेत्र में पुल, सड़क, पानी की पाइपलाइन, रेलवे स्टेशन का सेकंड एंट्री, गेट पानी को रिजर्व रखने के लिए नसीराबाद घाटी पर बड़े टैंक का निर्माण हुआ. ऐसे अनेक कार्य हैं जो मेरे कार्यकाल में हुए हैं और जनता इन विकास कार्यों का लाभ उठा रही है. लोगों को सुविधाजनक जीवन देने की कोशिश मेरी ओर से की गई है.

Last Updated :Dec 1, 2023, 6:06 PM IST
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