ETV Bharat / state

फारूख अब्दुल्ला बोले-जम्मू-कश्मीर में हालात बदले हैं, तो चुनाव क्यों नहीं करवाए जाते

author img

By

Published : Feb 11, 2023, 5:49 PM IST

Updated : Feb 11, 2023, 11:16 PM IST

EX CM Farooq Abdullah in Ajmer
फारूख अब्दुल्ला बोले-जम्मू-कश्मीर में हालात बदले हैं, तो चुनाव क्यों नहीं करवाए जाते

अजमेर दरगाह में जियारत करने पहुंचे जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम फारूख अब्दुल्ला का कहना है कि अगर जम्मू-कश्मीर में हालात बदले हैं, तो वहां चुनाव क्यों नहीं करवाए जाते. कश्मीरी पंडितों को वहां क्यों नहीं बसाया जा रहा है.

जम्मू-कश्मीर के हालातों पर क्या बोले फारूख अब्दुल्ला...

अजमेर. जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम फारूख अब्दुल्ला का कहना है कि जम्मू-कश्मीर में हालात सही हैं, तो फिर वहां चुनाव क्यों नहीं करवाए जाते हैं. उन्होंने कहा कि 2 वर्ष से जम्मू-कश्मीर में चुनाव करवाने की मांग की जा रही है. उन्होंने कहा कि गठबंधन की बात तब हो जब यहां चुनाव के हालात बनें. फिलहाल तो केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से शासन चलाया जा रहा है.

फारूख अब्दुल्ला ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि कश्मीर में यदि कुछ बदलाव होता, तो वहां चुनाव होते. नए आदेश का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में 12 हजार नम्बरदार लगाए गए हैं. कानूनन उनके चुनाव होने चाहिए थे. ग्रामीण लोग चुनाव में भाग लेते हैं, लेकिन अस्थाई रूप से 6 माह के लिए 12 हजार नंबरदार लगाए जा रहे हैं. चुनाव नहीं होंगे, तो वह वर्षों तक बैठे रहेंगे. फारूक अब्दुल्ला ने जम्मू-कश्मीर में डीलिमिटेशन के सवाल पर कहा कि यह अभी नहीं होना चाहिए. सन 2026 में सभी राज्यों में परिसीमन होगा. ऐसे में परिसीमन की जम्मू-कश्मीर में क्या आवश्यकता पड़ी, यह मेरी भी समझ में नहीं आ रहा है.

पढ़ें: दुबई में पर्यावरण सम्मेलन में बोले फारुख अब्दुल्ला, बिश्नोई समाज पर्यावरण संरक्षण का प्रेरणा पुंज

भारत जोड़ो यात्रा से कांग्रेस का मिलेगा फायदा: फारूख अब्दुल्ला ने कहा कि कन्याकुमारी से कश्मीर तक की राहुल गांधी की यात्रा का कांग्रेस को चुनाव में फायदा मिलेगा. राहुल गांधी ने हिंदू, मुस्लिम, सिख, इसाई सभी धर्मों को साथ में मिलकर जोड़ने की अच्छी मुहिम चलाई है. भारत एक बनेगा, तो सभी धर्मों के एक होने से बनेगा. केवल एक धर्म से भारत नहीं बनेगा. यही भारत की विशेषता और ताकत है. भारत ऐसा बाग है जिसमे हर रंग की कली है. एक कली भी मर जाती है, तो बाग की खूबसूरती खत्म हो जाती है.

पढ़ें: गैर कश्मीरियों के वोटिंग राइट पर बोले फारुख अब्दुल्ला, जरूरत पड़ी तो कोर्ट जाएंगे

यूरोपियन यूनियन की तरह रहे पड़ोसी मुल्क: उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी के वक्त दुनिया में भारत की जो साख थी, उसका मकसद था कि यूरोपियन यूनियन की तरह सभी मुल्क अपनी स्थिति को बेहतर बनाएं और एक दूसरे की मदद करें. लेकिन पाकिस्तान और भारत के बीच के रिश्ते बेहतर नहीं हो पाए, इसलिए सार्क की बैठक नहीं हो पाई. प्रधानमंत्री खुद कहते हैं कि दुनिया बहुत छोटी हो गई है. अगर ऐसा है तो दुनिया के सभी मुल्कों को एक होकर अपने हालात बेहतर बनाने चाहिए. टर्कीए और सीरिया में आए भूकंप का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि मदद लेकर पहला जहाज जो वहां पहुंचा, वह हिंदुस्तान का जहाज था. वहां जो लोग बचे हैं, वह उस मदद की बदौलत ही बचे हैं. हिंदुस्तान के वलियंटर्स ने मलबों से लोगों को निकाला और उनकी जान बचाई.

केंद्र का है चुनावी बजट : केंद्र के बजट को लेकर पूछे गए सवाल पर फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि केंद्र का बजट चुनावी बजट है. उन्होंने कहा कि जो पुराना बजट है, उसको भी उन्हें देखना चाहिए कि जो पैसा उन्होंने विभिन्न मद में रखा था, वह कहां और कितना खर्च किया गया है. उन्होंने कहा कश्मीर में स्मार्ट सिटी का प्लान रखा गया है. इसके तहत केवल 40 फीसदी पैसा खर्च किया गया है. रोजगार के सवाल पर उन्होंने देश में सबसे बड़ा मुद्दा बेरोजगारी, महंगाई है जो आसमान पर जा रही है. गरीब और गरीब हो रहा है, अमीर और अमीर हो रहा है. लेकिन इस पर चर्चा नहीं होती.

पढ़ें: जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 व 35 ए नहीं हटा सकते नरेंद्र मोदी : फारूक अब्दुल्ला

हालात अच्छे हैं तो कश्मीरी पंडितों को क्यों नहीं बसाया जाता: फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि कश्मीरी पंडितों के लिए माहौल इतना अच्छा कश्मीर में होता, तो वह रहने के लिए वहां क्यों नहीं जाते हैं. क्यों जम्मू में रह रहे हैं. वह तो वहां रो रहे हैं. यह मुद्दा हमने पार्लियामेंट में भी उठाया था. उन्होंने कहा कि जब तक हालात ऐसे नहीं है कि वह वहां जा सकें, तब तक जम्मू में उन्हें ऐसी जगह दे दी जाए. साथ ही उन्हें वेतन भी दिया जाए. उन्होंने कहा कि वेतन नहीं मिलने से वह काफी परेशान हैं. फारुख अब्दुल्ला शनिवार को अजमेर पहुंचे. वे रात को अजमेर सर्किट हाउस ही ठहरेंगे. अजमेर पहुंचने पर सर्किट हाउस में अजमेर उत्तर से कांग्रेस प्रत्याशी रहे महेंद्र सिंह रलावता और उनके साथियों ने उनका स्वागत किया.

फारूख अब्दुल्ला ने की दरगाह जियारत: फारूख अब्दुल्ला ने रविवार शाम को सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह में जियारत की. कड़ी सुरक्षा और एनएसजी कमांडो के साथ वह दरगाह के निजाम गेट पहुंचे. यहां से वह दरगाह के खादिम सैयद फखरुद्दीन चिश्ती के साथ आस्ताने पहुंचे. जहां उन्होंने ख्वाजा गरीब नवाज की मजार पर अकीदत के फूल और चादर पेश कर जम्मू कश्मीर की आवाम की बेहतरीन और तरक्की के लिए दुआ मांगी. जियारत के बाद दरगाह में फारूख अब्दुल्ला ने मगरिब की नमाज अदा की. फारूख अब्दुल्लाह रात्रि को अजमेर सर्किट हाउस में विश्राम करेंगे. सुबह उनका जयपुर लौटने का कार्यक्रम है.

Last Updated :Feb 11, 2023, 11:16 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.