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भाजपा की चिंतन बैठक में आगामी चुनाव पर होगा मंथन, कुंभलगढ़ में बैठक को लेकर तैयारी तेज...दाल-बाटी, चूरमा का होगा भोज

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Published : Sep 19, 2021, 3:20 PM IST

Updated : Sep 19, 2021, 10:16 PM IST

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चिंतन बैठक की तैयारी तेज

प्रदेश भाजपा में अंतर्कलह समाप्त करने और 2023 में विधानसभा चुनाव की तैयारी को लेकर 21 और 22 सितंबर को कुंभलगढ़ में राज्य के वरिष्ठ नेताओं व पदाधिकारियों की चिंतन बैठक आयोजित की जाएगी. इसके लिए तैयारी जोरोें पर चल रही है.

उदयपुर. प्रदेश में जारी सियासत के बीच भाजपा 2023 के विधानसभा चुनाव को लेकर मेवाड़ में दो दिवसीय चिंतन शिविर आयोजित कर रही है. अरावली पर्वत की पहाड़ियों के पास कुंभलगढ़ में भाजपा का यह चिंतन शिविर 21 और 22 सितंबर को आयोजित होगा. इस शिविर में राजस्थान भाजपा के नेताओं में चल रही आंतरिक खींचतान खत्म कराने व उन्हें एकजुट करने के लिए पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व में यह बैठक की जा रही है.

प्रदेश भाजपा में गुटबाजी और आंतरिक कलह खत्म करने को लेकर दो दिन की चिंतन बैठक में आगामी विधानसभा चुनाव की रूपरेखा भी तैयार करने को लेकर चर्चा की जाएगी. ऐसे में इस चिंतन शिविर के लिए कुंभलगढ़ में एक निजी होटल में चाक-चौबंद व्यवस्था की गई है. इस बैठक में राष्ट्रीय संगठन के बीएल संतोष 21 और 22 सितंबर को कुंभलगढ़ में राज्य के वरिष्ठ नेताओं के चिंतन शिविर को संबोधित करेंगे. यहां नेताओं और कार्यकर्ताओं के लिए दाल-बाटी, चूरमा का भोज भी रहेगा.

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कुंभलगढ़ में होने वाले इस चिंतन शिविर में राज्य के नेताओं की एकजुटता और संगठन के विस्तार को लेकर रणनीति बनाई जाएगी. ऐसे में संगठन को मंडल से प्रदेश स्तर तक मजबूत करने संगठन से दूर रहकर काम कर रहे पुराने कार्यकर्ताओं को फिर से पटरी पर लाने के लिए चर्चा होगी. जिला परिषद और प्रधान के चुनाव में पार्टी को मिली सफलता और असफलता पर चर्चा होगी. इसके साथ ही वल्लभनगर और धरियावद विधानसभा सीट पर हो रहे उपचुनाव की रणनीति बनाई जाएगी.

शिविर में दोनों विधानसभा उपचुनावों में होने वाले संभावित उम्मीदवारों के नामों पर भी मंथन किया जा सकता है. मंथन को चिंतन का नाम दिया गया है. जानकारी के अनुसार इस शिविर में भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महासचिव बीएल संतोष, राजस्थान प्रभारी अरुण सिंह, पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे व केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया, नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया, राजसमंद सांसद दीया कुमारी, केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी, मंत्री अर्जुन मेघवाल, मंत्री भूपेंद्र यादव समेत प्रदेश कार्यकारिणी के सभी सदस्य शामिल होंगे.

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ऐसे में माना जा रहा है कि आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर शिविर में गहन चर्चा होगी. वहीं भाजपा की अंदरूनी मसलों को भी सुलझाने की कोशिश की जाएगी. ऐसे में पूरी तैयारियां प्रदेश उपाध्यक्ष व चित्तौड़गढ़ सांसद सीपी जोशी के नेतृत्व में चल रही है. जोशी के अलावा प्रदेश संगठन मंत्री चंद्रशेखर उदयपुर संभाग प्रभारी हेमराज मीणा कुंभलगढ़ का दौरा कर चुके हैं. शिविर में दिल्ली और प्रदेश भर से आ रहे करीब 45 बड़े नेताओं के लिए होटल एवरेस्ट हिल में गोपनीय तरीके से तैयारियां की जा रही है. ऐसे में भाजपा नेता रेल हवाई मार्ग और सड़क मार्ग से कुंभलगढ़ पहुंचेंगे.

ऐसे में मेहमानों की चिंतन बैठक में आवभगत के लिए खास तैयारियां की जा रही हैं. भाजपा नेताओं के स्वागत ,भोजन व ठहरने तक के इंतजाम को लेकर विशेष तैयारियां की जा रही हैं. नेताओं को नाश्ते, भोजन और लंच में अलग-अलग व्यंजन खिलाए जाएंगे. इसमें कुंभलगढ़ के सीताफल परोसे जाने के साथ ही दो दिवसीय शिविर के समापन भोज में स्वादिष्ट दाल, बाटी, चूरमा रहेगा.

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हालांकि राजसमंद में पहली बार यह चिंतन बैठक आयोजित की जा रही है. लेकिन इससे पहले भाजपा अपने विधानसभा चुनाव की रणभेरी मेवाड़ से बजाती आ रही है. यही वजह है कि पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की जितनी भी यात्रा रही वह सभी चारभुजा से प्रारंभ होती आई है. विगत विधानसभा चुनाव का आगाज भी मेवाड़ से ही किया गया था. राजनीतिक विश्लेषक कहते हैं कि एक बहुत पुरानी कहावत है कि राजस्थान सियासत का रास्ता मेवाड़ से होकर गुजरता है. ऐसे में मेवाड़ की 2 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव की सीटों के लिए भी भाजपा इस बार गहन चिंतन करेगी क्योंकि विगत उपचुनाव में भाजपा को अच्छी सफलता नहीं मिली थी.

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क्या बयानबाजी पर लगेगी लगाम

ऐसे में सभी राजनीतिक पंडितों की निगाहें इसी पर टिकी हुई है कि भाजपा की अंदरूनी गुटबाजी पर लगाम लग पाएगी या नहीं. क्योंकि भाजपा के प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह के कई दौरों के बाद भी नेता एक दूसरे को लेकर बयानबाजी से बाज नहीं आ रहे हैं.

आगामी विधानसभा चुनाव किसके नेतृत्व में लड़ें इस पर भी होगी चर्चा

आगामी 2023 विधानसभा चुनाव को लेकर भाजपा इस चिंतन बैठक में जीत हासिल करने की कोशिश करेगी. ऐसे में आगामी विधानसभा चुनाव किसके नेतृत्व में लड़ा जाए इस पर भी विचार होगा या फिर बिना किसी व्यक्ति को सीएम का उम्मीदवार बनाए ही मैदान में उतरने पर चर्चा होगी.

Last Updated :Sep 19, 2021, 10:16 PM IST
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